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नक्सलगढ़ के कलेपाल गांव से ग्राउंड रिपोर्ट, जंगल और पहाड़ पार कर मतदान की मजबूरी लेकिन इस बात की खुशी - Talk to voters

Talk To Voters Of Kalepal Village बस्तर के कलेपाल में साल 2023 में जब पहली बार चुनाव के लिए बूथ बनाए गए तो यहां के आदिवासी काफी खुश हुए. खुशी इस बात की थी कि उन्हें वोट डालने जंगल पहाड़ का लगभग 35 किलोमीटर का दुर्गम रास्ता तय नहीं करना पड़ा. लेकिन बस्तर लोकसभा चुनाव में प्रशासन ने एक बार उनके माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं. क्या है वह परेशानी इसके बारे में जानने के लिए ETV भारत कलेपाल गांव पहुंचा. Bastar Lok Sabha Election 2024

Bastar Lok Sabha Election 2024
बस्तर लोकसभा चुनाव
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Apr 12, 2024, 11:17 AM IST

Updated : Apr 12, 2024, 1:46 PM IST

कलेपाल गांव में ETV भारत

बस्तर: कलेपाल गांव बस्तर, सुकमा और दंतेवाड़ा जिले के सरहदी इलाके में बसा हुआ है. साल 2023 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कलेपाल गांव तब सुर्खियों में आया, जब पहली बार इस गांव में मतदान केंद्र खोलकर वोटिंग कराई गई. जिसमें रिकॉर्ड मतदान हुए.अब एक बार फिर 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाने हैं लेकिन इस बार कलेपाल का मतदान प्रतिशत कम हो सकता है.

Bastar Lok Sabha election 2024
कलेपाल से 35 किलोमीटर दूर बिसपुर बूथ

विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड वोटिंग तो लोकसभा चुनाव में कम क्यों: साल 2023 में विधानसभा चुनाव होने के बाद कलेपाल के ग्रामीणों में उम्मीद जगी कि अब उन्हें वोट डालने के लिए जंगल और पहाड़ों के ऊबड़ खाबड़ रास्ते पार नहीं करने पड़ेंगे. लेकिन उनका ये उत्साह कुछ दिनों तक की रहा.

Bastar Lok Sabha election 2024
विधानसभा चुनाव में कलेपाल में पहली बार बनाया गया मतदान केंद्र

लोकसभा चुनाव में बिसपुर में बनाया गया मतदान केंद्र: प्रशासन ने लोकसभा चुनाव के लिए बिसपुर में मतदान केंद्र बनाया है. जो गांव से 30 से 35 किलोमीटर दूर हैं. विधानसभा चुनाव 2023 से पहले यहां के वोटर्स को बिसपुर ही वोट डालने के लिए जाना पड़ता था जिससे वोट प्रतिशत कम रहता था लेकिन कलेपाल में पोलिंग बूथ बनाए जाने पर वोट प्रतिशत में वृद्धि हुई. कलेपाल के लोगों को लोकसभा चुनाव के लिए भी कलेपाल में ही वोटिंग को लेकर उम्मीद थी.

लोकसभा चुनाव के लिए कलेपाल के मतदाताओं के लिए बिसपुर में मतदान केंद्र बनाया गया है. जंगल के रास्ते शॉर्ट कट जाएंगे तो 20 किलोमीटर की दूरी है. रोड से जाने पर 35 किलोमीटर का सफर लोगों को तय करना पड़ेगा. 2023 के विधानसभा चुनाव में 200 से अधिक वोट पड़े थे. और लोकसभा चुनाव में वोट प्रतिशत बढ़ाने की योजना थी. लेकिन बूथ शिफ्टिंग के कारण वोट प्रतिशत में कमी देखने को मिल सकती है. - चुनाव कर्मी

बूथ शिफ्ट करने से मतदाताओं में नाराजगी लेकिन विकास को लेकर खुशी: कलेपाल में 416 मतदाता है, जिन्हें पैदल रास्ते के जरिए जंगल और पहाड़ी को पार कर बिसपुर मतदान केंद्र जाना पड़ेगा. कलेपाल से बिसपुर की दूरी सड़क के रास्ते 35 किलोमीटर है. जंगल और पहाड़ी को पार कर जाए तो 20 किलोमीटर का रास्ता पड़ता हैं. लेकिन पैदल 20 किलोमीटर का सफर भी आसान नहीं हैं. इतनी लंबी दूरी पैदल आने जाने में ग्रामीणों को सुबह से रात हो जाती हैं. काम काजी ग्रामीण वोट डालने के लिए पूरा दिन निकल जाने से नाराज नजर आ रहे हैं. हालांकि ग्रामीण गांव में विकास होने से खुश नजर आए.

हमें सुविधा मिलेगी तो जा सकते हैं. सुविधा नहीं मिलेगी तो नहीं जा सकते. -ग्रामीण, कलेपाल

गांव में रोड बन गया है, बिजली का काम चल रहा है. नलजल का भी काम चल रहा है. मोबाइल के लिए टावर भी लग गए हैं. गांव में काम हो रहा है. अस्पताल, राशन, दुकान के साथ ही आश्रम की मांग की गई है. विकास तो ठीक है लेकिन बिसपुर आने जाने के लिए साधन की सुविधा होगी तभी वोट डालने जाएंगे.- -ग्रामीण, कलेपाल

गांव के आदमी जाएंगे लेकिन महिलाएं और बुजुर्ग नहीं जा पाएंगे. -ग्रामीण, कलेपाल

पत्नी, बच्चों को छोड़कर इतनी दूर वोट देने नहीं जा पाएगी, मैं वोट देने जरूर जाउंगा. -ग्रामीण, कलेपाल

बिसपुर मतदान केंद्र में ही देने जाते थे वोट: कलेपाल मतदान केंद के अंतर्गत 416 वोटर्स हैं. विधानसभा चुनाव में 200 से ज्यादा वोट पड़े थे. उम्मीद थी कि लोकसभा चुनाव में और ज्यादा वोट पड़ेंगे. साल 2023 से पहले यहां के वोटर्स बिसपुर में ही वोट देने जाते थे लेकिन अब यहां के लोग 20 किलोमीटर जंगल और पहाड़ चढ़ने के मूड में नहीं हैं.

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बस्तर: कलेपाल गांव बस्तर, सुकमा और दंतेवाड़ा जिले के सरहदी इलाके में बसा हुआ है. साल 2023 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कलेपाल गांव तब सुर्खियों में आया, जब पहली बार इस गांव में मतदान केंद्र खोलकर वोटिंग कराई गई. जिसमें रिकॉर्ड मतदान हुए.अब एक बार फिर 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाने हैं लेकिन इस बार कलेपाल का मतदान प्रतिशत कम हो सकता है.

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कलेपाल से 35 किलोमीटर दूर बिसपुर बूथ

विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड वोटिंग तो लोकसभा चुनाव में कम क्यों: साल 2023 में विधानसभा चुनाव होने के बाद कलेपाल के ग्रामीणों में उम्मीद जगी कि अब उन्हें वोट डालने के लिए जंगल और पहाड़ों के ऊबड़ खाबड़ रास्ते पार नहीं करने पड़ेंगे. लेकिन उनका ये उत्साह कुछ दिनों तक की रहा.

Bastar Lok Sabha election 2024
विधानसभा चुनाव में कलेपाल में पहली बार बनाया गया मतदान केंद्र

लोकसभा चुनाव में बिसपुर में बनाया गया मतदान केंद्र: प्रशासन ने लोकसभा चुनाव के लिए बिसपुर में मतदान केंद्र बनाया है. जो गांव से 30 से 35 किलोमीटर दूर हैं. विधानसभा चुनाव 2023 से पहले यहां के वोटर्स को बिसपुर ही वोट डालने के लिए जाना पड़ता था जिससे वोट प्रतिशत कम रहता था लेकिन कलेपाल में पोलिंग बूथ बनाए जाने पर वोट प्रतिशत में वृद्धि हुई. कलेपाल के लोगों को लोकसभा चुनाव के लिए भी कलेपाल में ही वोटिंग को लेकर उम्मीद थी.

लोकसभा चुनाव के लिए कलेपाल के मतदाताओं के लिए बिसपुर में मतदान केंद्र बनाया गया है. जंगल के रास्ते शॉर्ट कट जाएंगे तो 20 किलोमीटर की दूरी है. रोड से जाने पर 35 किलोमीटर का सफर लोगों को तय करना पड़ेगा. 2023 के विधानसभा चुनाव में 200 से अधिक वोट पड़े थे. और लोकसभा चुनाव में वोट प्रतिशत बढ़ाने की योजना थी. लेकिन बूथ शिफ्टिंग के कारण वोट प्रतिशत में कमी देखने को मिल सकती है. - चुनाव कर्मी

बूथ शिफ्ट करने से मतदाताओं में नाराजगी लेकिन विकास को लेकर खुशी: कलेपाल में 416 मतदाता है, जिन्हें पैदल रास्ते के जरिए जंगल और पहाड़ी को पार कर बिसपुर मतदान केंद्र जाना पड़ेगा. कलेपाल से बिसपुर की दूरी सड़क के रास्ते 35 किलोमीटर है. जंगल और पहाड़ी को पार कर जाए तो 20 किलोमीटर का रास्ता पड़ता हैं. लेकिन पैदल 20 किलोमीटर का सफर भी आसान नहीं हैं. इतनी लंबी दूरी पैदल आने जाने में ग्रामीणों को सुबह से रात हो जाती हैं. काम काजी ग्रामीण वोट डालने के लिए पूरा दिन निकल जाने से नाराज नजर आ रहे हैं. हालांकि ग्रामीण गांव में विकास होने से खुश नजर आए.

हमें सुविधा मिलेगी तो जा सकते हैं. सुविधा नहीं मिलेगी तो नहीं जा सकते. -ग्रामीण, कलेपाल

गांव में रोड बन गया है, बिजली का काम चल रहा है. नलजल का भी काम चल रहा है. मोबाइल के लिए टावर भी लग गए हैं. गांव में काम हो रहा है. अस्पताल, राशन, दुकान के साथ ही आश्रम की मांग की गई है. विकास तो ठीक है लेकिन बिसपुर आने जाने के लिए साधन की सुविधा होगी तभी वोट डालने जाएंगे.- -ग्रामीण, कलेपाल

गांव के आदमी जाएंगे लेकिन महिलाएं और बुजुर्ग नहीं जा पाएंगे. -ग्रामीण, कलेपाल

पत्नी, बच्चों को छोड़कर इतनी दूर वोट देने नहीं जा पाएगी, मैं वोट देने जरूर जाउंगा. -ग्रामीण, कलेपाल

बिसपुर मतदान केंद्र में ही देने जाते थे वोट: कलेपाल मतदान केंद के अंतर्गत 416 वोटर्स हैं. विधानसभा चुनाव में 200 से ज्यादा वोट पड़े थे. उम्मीद थी कि लोकसभा चुनाव में और ज्यादा वोट पड़ेंगे. साल 2023 से पहले यहां के वोटर्स बिसपुर में ही वोट देने जाते थे लेकिन अब यहां के लोग 20 किलोमीटर जंगल और पहाड़ चढ़ने के मूड में नहीं हैं.

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Last Updated : Apr 12, 2024, 1:46 PM IST
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