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मोती डूंगरी गणेश मंदिर में सजी छप्पन भोग की झांकी, दर्शन-पूजन के लिए लगा श्रद्धालुओं का तांता - Ganesh Utsav 2024

Chhappan Bhog Tableau, मोती डूंगरी गणेश मंदिर में गणेश जन्मोत्सव के तहत रविवार शाम प्रथम पूज्य के समक्ष छप्पन भोग की झांकी सजाई गई. इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान गणपति के दर्शन करने के लिए मंदिर पहुंचे. वहीं, शाम ढलने पर भगवान गणेश को प्रिया कथक नृत्य की प्रस्तुतियां भी दी गई.

Ganesh Utsav 2024
सजी छप्पन भोग की झांकी (ETV BHARAT JAIPUR)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 1, 2024, 7:26 PM IST

मोती डूंगरी गणेश मंदिर में सजी छप्पन भोग की झांकी (ETV BHARAT JAIPUR)

जयपुर : मोती डूंगरी गणेश मंदिर में गणेश जन्मोत्सव के तहत रविवार शाम प्रथम पूज्य के समक्ष छप्पन भोग की झांकी सजाई गई. इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान गणपति के दर्शन करने के लिए मंदिर पहुंचे. वहीं, शाम ढलने पर भगवान गणेश को प्रिया कथक नृत्य की प्रस्तुतियां भी दी गई. मोती डूंगरी गणेश मंदिर में भगवान गणेश के जन्मोत्सव का आगाज हो चुका है. इस क्रम में रविवार को छप्पन भोग की झांकी सजाई गई.

छप्पन भोग के व्यंजनों में गाय का शुद्ध दूध और देशी घी का इस्तेमाल किया गया. इनमें रसगुल्ला, हलवा, पेड़ा, जलेबी, लड्डू, शकरपारा, मठरी, गुलाब जामुन, मोहनथाल जैसे व्यंजनों का भगवान को भोग लगाया गया. साथ ही भगवान के समक्ष डॉ स्वाति अग्रवाल के निर्देशन में कथक नृत्य की प्रस्तुतियां भी दी गई. बाद में यही छप्पन भोग प्रसाद के रूप में भक्तों को बांटा जाएगा.

इसे भी पढ़ें - पुष्य नक्षत्र में गणेश जन्मोत्सव का आगाज, मोती डूंगरी मंदिर में 9 दिन होंगे विशेष कार्यक्रम - Moti Dungri Shri Ganeshji Temple

2500 किलो घी से तैयार मोदकों से सजेगी झांकी : 4 सितंबर यानी बुधवार को मोदकों की भव्य झांकी सजाई जाएगी. इस झांकी के दर्शन श्रद्धालुओं के लिए सुबह 6 बजे से शुरू हो जाएंगे. इस दिन मंदिर परिसर में बाहर से आया प्रसाद नहीं चढ़ाया जाएगा. झांकी का मुख्य आकर्षण 251-251 किलोग्राम के दो विशाल मोदक होंगे.

इसके अलावा 51-51 किलोग्राम के 5 मोदक, 21-21 किलोग्राम के 21 मोदक, सवा-सवा किलोग्राम के 1100 मोदक और हजारों की संख्या में अन्य छोटे मोदक रखे जाएंगे. इस पूरी प्रसादी को बनाने में करीब 2500 किलोग्राम शुद्ध घी, 3 हजार किलोग्राम बेसन, 9 हजार किलोग्राम शक्कर और करीब 100 किलोग्राम सूखे मेवों का उपयोग किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें - गणेश चतुर्थी सात सितम्बर को , जयपुर के मोती डूंगरी में 9 दिन होंगे विशेष कार्यक्रम, चांदी के सिंहासन पर विराजेंगे गणपति - Ganesh Chaturthi festival

6 सितंबर को सिंजारा और मेहंदी पूजन : वहीं, गणेश चतुर्थी से ठीक 1 दिन पहले 6 सितम्बर को प्रथम पूज्य का सिंजारा मनाया जाएगा. मोतीडूंगरी गणेश जी मंदिर के महंत कैलाश शर्मा के सानिध्य में इस दिन गणेश जी को 3100 किलो मेहंदी धारण कराई जाएगी. ये मेहंदी पाली के सोजत से मंगवाई जाएगी.

मेहंदी धारण के बाद इसे श्रद्धालुओं को वितरित की जाएगी. मेंहदी प्रसाद वितरण की व्यवस्था मंदिर परिसर में पांच स्थानों पर होगी. मेहंदी वितरण पूजा के बाद रात 7:30 बजे से किया जाएगा. इस दौरान महिला और कन्याओं के लिए डोरा और मेहंदी की व्यवस्था अलग पंक्ति में होगी. इसी दिन भक्ति संध्या और रात्रि जागरण का आयोजन भी होगा.

मोती डूंगरी गणेश मंदिर में सजी छप्पन भोग की झांकी (ETV BHARAT JAIPUR)

जयपुर : मोती डूंगरी गणेश मंदिर में गणेश जन्मोत्सव के तहत रविवार शाम प्रथम पूज्य के समक्ष छप्पन भोग की झांकी सजाई गई. इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान गणपति के दर्शन करने के लिए मंदिर पहुंचे. वहीं, शाम ढलने पर भगवान गणेश को प्रिया कथक नृत्य की प्रस्तुतियां भी दी गई. मोती डूंगरी गणेश मंदिर में भगवान गणेश के जन्मोत्सव का आगाज हो चुका है. इस क्रम में रविवार को छप्पन भोग की झांकी सजाई गई.

छप्पन भोग के व्यंजनों में गाय का शुद्ध दूध और देशी घी का इस्तेमाल किया गया. इनमें रसगुल्ला, हलवा, पेड़ा, जलेबी, लड्डू, शकरपारा, मठरी, गुलाब जामुन, मोहनथाल जैसे व्यंजनों का भगवान को भोग लगाया गया. साथ ही भगवान के समक्ष डॉ स्वाति अग्रवाल के निर्देशन में कथक नृत्य की प्रस्तुतियां भी दी गई. बाद में यही छप्पन भोग प्रसाद के रूप में भक्तों को बांटा जाएगा.

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2500 किलो घी से तैयार मोदकों से सजेगी झांकी : 4 सितंबर यानी बुधवार को मोदकों की भव्य झांकी सजाई जाएगी. इस झांकी के दर्शन श्रद्धालुओं के लिए सुबह 6 बजे से शुरू हो जाएंगे. इस दिन मंदिर परिसर में बाहर से आया प्रसाद नहीं चढ़ाया जाएगा. झांकी का मुख्य आकर्षण 251-251 किलोग्राम के दो विशाल मोदक होंगे.

इसके अलावा 51-51 किलोग्राम के 5 मोदक, 21-21 किलोग्राम के 21 मोदक, सवा-सवा किलोग्राम के 1100 मोदक और हजारों की संख्या में अन्य छोटे मोदक रखे जाएंगे. इस पूरी प्रसादी को बनाने में करीब 2500 किलोग्राम शुद्ध घी, 3 हजार किलोग्राम बेसन, 9 हजार किलोग्राम शक्कर और करीब 100 किलोग्राम सूखे मेवों का उपयोग किया जाएगा.

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6 सितंबर को सिंजारा और मेहंदी पूजन : वहीं, गणेश चतुर्थी से ठीक 1 दिन पहले 6 सितम्बर को प्रथम पूज्य का सिंजारा मनाया जाएगा. मोतीडूंगरी गणेश जी मंदिर के महंत कैलाश शर्मा के सानिध्य में इस दिन गणेश जी को 3100 किलो मेहंदी धारण कराई जाएगी. ये मेहंदी पाली के सोजत से मंगवाई जाएगी.

मेहंदी धारण के बाद इसे श्रद्धालुओं को वितरित की जाएगी. मेंहदी प्रसाद वितरण की व्यवस्था मंदिर परिसर में पांच स्थानों पर होगी. मेहंदी वितरण पूजा के बाद रात 7:30 बजे से किया जाएगा. इस दौरान महिला और कन्याओं के लिए डोरा और मेहंदी की व्यवस्था अलग पंक्ति में होगी. इसी दिन भक्ति संध्या और रात्रि जागरण का आयोजन भी होगा.

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