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हिमाचल में पीलिया से तीन की मौत, कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये गलतियां - Symptoms of Jaundice

What to do in jaundice: बरसात के दिनों में अन्य बीमारियों के साथ पीलिया रोग भी तेजी से फैलता है. हिमाचल के जोगिंद्रनगर में अब तक इससे तीन लोगों की मौत हो चुकी है. इसके लक्षण क्या हैं और लक्षण नजर आने पर क्या करना चाहिए इन तमाम बातों को लेकर ईटीवी भारत ने डॉ. मोनिशा से बातचीत की.

पीलिया के लक्षण
पीलिया के लक्षण (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 10, 2024, 5:01 PM IST

Updated : Aug 10, 2024, 7:47 PM IST

सिरमौर: इन दिनों मंडी जिले के जोगिंद्रनगर क्षेत्र में पीलिया यानी जॉन्डिस का प्रकोप देखने को मिल रहा है. . पीलिया से यहां 3 लोगों की मौत हो चुकी है. इस बीमारी में त्वचा, नाखून और आंखों का सफेद भाग पीला नजर आने लगता है. यदि पीलिया से पीड़ित मरीज का समय पर इलाज न हो, तो मरीज को बड़ा नुकसान भी झेलना पड़ सकता है या यूं कहे कि यह जानलेवा भी साबित हो सकता है.

डॉ. मोनिशा अग्रवाल (Etv Bharat)

हालांकि यह एक सामान्य-सा दिखने वाला गंभीर रोग है. इसमें लिवर कमजोर होकर काम करना बंद कर देता है. आमतौर पर पीलिया होने पर लोग घबराने लगते हैं और पीलिया का इलाज करने के लिए एलोपैथिक के साथ-साथ अन्य कई तरह के उपाय करने लगते हैं. ऐसा करना मरीज के लिए हानिकारक साबित हो सकता है. लिहाजा पीलिया रोग कैसे फैलता है, इसके लक्षण क्या है और इससे कैसे बचाव किया जा सकता है, इसको लेकर सिरमौर जिला के धगेड़ा ब्लॉक में तैनात बीएमओ वरिष्ठ डॉक्टर मोनिशा अग्रवाल ने विस्तृत जानकारी दी.

डॉ. मोनिशा अग्रवाल ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि,'आजकल जो पीलिया फैल रहा है, नॉर्मिली हेपेटाइटिस-ए वायरस के कारण खासकर बच्चों में ज्यादा फैलता है. पीलिया के फैलने के कई कारण होते हैं. जैसे एडल्ट्स में यदि कोई ज्यादा शराब का सेवन करता है, तो उसमें पहला लक्षण जॉन्डिस यानी पीलिया ही होता है. इसका अधिक सेवन करने से पीलिया का खतरा अधिक बढ़ जाता है. जब भी लीवर में कोई खराबी आएगी या गॉल ब्लैडर में कोई स्टोन डक में स्टक कर देगा, तब भी पीलिया हो सकता है.'

उन्होंने बताया कि पीलिया भी दो तरह का हो सकता है. एक खारिश वाला और दूसरा बिना खारिश वाला. लेकिन आज कल जो पीलिया फैल रहा है, वह हेपेटाइटिस-ए है. ये पानी में सीवरेज के मिलने या पानी साफ न होने से फैलता है. बच्चों में यह अधिक फैलता है. इसमें घबराने की बात नहीं है, लेकिन कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत रहती है. इसके लिए सबसे जरूरी हैं.

  • बच्चे और बड़े सभी अपने हाथों को अच्छे से धोएं. हाथ धोना ही आधी समस्याओं को खत्म कर देता है. इससे पानी से होने वाली सभी बीमारियों से बचा जा सकता है. इसके लिए आशा कार्यकर्ताएं भी समय-समय पर स्कूलों में बच्चों को सही तरीके से हाथ धोने के लिए जागरूक करती रहती हैं.
  • सब्जियों को अच्छे से धोकर खाएं. थोड़ी देर सब्जियों को पानी में डूबाकर रखें और थोड़ी देर बाद ही उसका प्रयोग करें. इससे सब्जियों में जो भी प्रदूषण या स्प्रे आदि होते हैं, वह सभी निकल जाते हैं.

गांव की बावड़ियों-पेयजल स्त्रोतों का करें क्लोरीनेशन

घर में पीने की बाल्टी में उपलब्ध पानी का यदि क्लोरीनेशन करना चाहते हैं, तो 20 लीटर की एक बाल्टी में एक क्लोरीन की गोली डाली जाती है, जो थोड़ी देर बाद घुल जाती है. बाल्टी का कवर करने के बाद आधा घंटा उसे ऐसे ही रखना है. आधे घंटे के बाद जब बाल्टी का कवर हटाएंगे, तो देखेंगे कि तो वह पानी काफी हद तक पीने योग्य होगा. इसी तरह घरों में रखी एक हजार लीटर की टंकी में 20 गोलियां पीसकर डाल सकते हैं, जिससे संबंधित टंकी का पानी भी शुद्ध हो जाता है. पानी को लेकर सबसे पुराना और आसान तरीका यह है कि पानी को उबालकर ही पीयें. उबले हुए पानी का सेवन करने से बहुत सारे वायरस खत्म हो जाते हैं और यह सबसे कारगर उपाय भी माना गया है.

बीएमओ डॉ. मोनिशा ने बताया कि, 'यदि हेपेटाइटिस-ए हो जाता है यानी किसी बच्चे व बड़े को पीलिया हो जाता है, तो उसका उपचार बहुत आसान है. एक अल्ट्रासाउंड करवाते हैं, तो उससे काफी हद तक पता चल जाता है कि लिवर में क्या समस्या आ रही है. दूसरा लिवर के एलएफटी नॉर्मल लिवर फंक्शन टेस्ट होते हैं, उससे भी समस्या का पता लग जाता है. इसमें घबराने की कोई बड़ी बात नहीं है.'

पीलिया होने पर क्या करें

डॉ मोनिशा ने कहा कि, 'पीलिया होने पर जरूरी है कि संबंधित मरीज रेस्ट करें, क्योंकि हमारे शरीर में लिवर ही ग्लूकोज बनाता है और ग्लूकोज ही हमारे शरीर और ब्रेन को चलाता है और यह पूरे शरीर के लिए जरूरी भी होता है. इस सूरत में मरीज को 10 से 15 दिन कंप्लीट रेस्ट की सलाह मरीज को दी जाती है. रेस्ट से ही मरीज काफी हद तक ठीक हो जाता है.'

  • डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी दवा न खाएं.
  • लिवर ठीक से काम नहीं कर रहा है और किसी को पीलिया हो गया है, तो तुरंत चेकअप के लिए अस्पताल जाएं.

डॉ. मोनिशा ने बताया कि पीलिया रोग होने पर कुछ लक्षणों सामने आते हैं. इन लक्षणों की पहचान कर अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

  • मरीज को बहुत अधिक थकावट महसूस होती है.
  • चलने-फिरने और काम करने में भी काफी दिक्कत होती है.
  • 4-5 दिन के बाद हाथों, नाखून और आंखों का सफेद भाग पीला नजर आने लगता है.
  • इसमें बुखार की शिकायत अधिक नहीं रहती. सिर्फ पीलिया होने पर व्यक्ति को थकावट के साथ-साथ चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है.

आंखों के माध्यम से पीलिया देखने का सरल तरीके बताते हुए डॉ. मोनिशा ने बताया कि,'आंख की पलक को ऊपर उठाकर नीचे देखें, आंख का ऊपरी सफेद भाग पीला दिखाई देगा. जबकि एनीमिया की जांच आंख के निचले तरफ से होती है. इसलिए लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं. पीलिया के लक्षण दिखाई देने पर घरेलू उपचार या स्वयं उपचार न कर तुरंत अस्पताल जाएं और डॉक्टर की सलाह से ही दवाओं का सेवन करें.'

ये भी पढ़ें: सावधान: 11 अगस्त को नाथपा डैम से छोड़ा जाएगा पानी, सतलुज नदी से बनाए रखें दूरी

सिरमौर: इन दिनों मंडी जिले के जोगिंद्रनगर क्षेत्र में पीलिया यानी जॉन्डिस का प्रकोप देखने को मिल रहा है. . पीलिया से यहां 3 लोगों की मौत हो चुकी है. इस बीमारी में त्वचा, नाखून और आंखों का सफेद भाग पीला नजर आने लगता है. यदि पीलिया से पीड़ित मरीज का समय पर इलाज न हो, तो मरीज को बड़ा नुकसान भी झेलना पड़ सकता है या यूं कहे कि यह जानलेवा भी साबित हो सकता है.

डॉ. मोनिशा अग्रवाल (Etv Bharat)

हालांकि यह एक सामान्य-सा दिखने वाला गंभीर रोग है. इसमें लिवर कमजोर होकर काम करना बंद कर देता है. आमतौर पर पीलिया होने पर लोग घबराने लगते हैं और पीलिया का इलाज करने के लिए एलोपैथिक के साथ-साथ अन्य कई तरह के उपाय करने लगते हैं. ऐसा करना मरीज के लिए हानिकारक साबित हो सकता है. लिहाजा पीलिया रोग कैसे फैलता है, इसके लक्षण क्या है और इससे कैसे बचाव किया जा सकता है, इसको लेकर सिरमौर जिला के धगेड़ा ब्लॉक में तैनात बीएमओ वरिष्ठ डॉक्टर मोनिशा अग्रवाल ने विस्तृत जानकारी दी.

डॉ. मोनिशा अग्रवाल ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि,'आजकल जो पीलिया फैल रहा है, नॉर्मिली हेपेटाइटिस-ए वायरस के कारण खासकर बच्चों में ज्यादा फैलता है. पीलिया के फैलने के कई कारण होते हैं. जैसे एडल्ट्स में यदि कोई ज्यादा शराब का सेवन करता है, तो उसमें पहला लक्षण जॉन्डिस यानी पीलिया ही होता है. इसका अधिक सेवन करने से पीलिया का खतरा अधिक बढ़ जाता है. जब भी लीवर में कोई खराबी आएगी या गॉल ब्लैडर में कोई स्टोन डक में स्टक कर देगा, तब भी पीलिया हो सकता है.'

उन्होंने बताया कि पीलिया भी दो तरह का हो सकता है. एक खारिश वाला और दूसरा बिना खारिश वाला. लेकिन आज कल जो पीलिया फैल रहा है, वह हेपेटाइटिस-ए है. ये पानी में सीवरेज के मिलने या पानी साफ न होने से फैलता है. बच्चों में यह अधिक फैलता है. इसमें घबराने की बात नहीं है, लेकिन कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत रहती है. इसके लिए सबसे जरूरी हैं.

  • बच्चे और बड़े सभी अपने हाथों को अच्छे से धोएं. हाथ धोना ही आधी समस्याओं को खत्म कर देता है. इससे पानी से होने वाली सभी बीमारियों से बचा जा सकता है. इसके लिए आशा कार्यकर्ताएं भी समय-समय पर स्कूलों में बच्चों को सही तरीके से हाथ धोने के लिए जागरूक करती रहती हैं.
  • सब्जियों को अच्छे से धोकर खाएं. थोड़ी देर सब्जियों को पानी में डूबाकर रखें और थोड़ी देर बाद ही उसका प्रयोग करें. इससे सब्जियों में जो भी प्रदूषण या स्प्रे आदि होते हैं, वह सभी निकल जाते हैं.

गांव की बावड़ियों-पेयजल स्त्रोतों का करें क्लोरीनेशन

घर में पीने की बाल्टी में उपलब्ध पानी का यदि क्लोरीनेशन करना चाहते हैं, तो 20 लीटर की एक बाल्टी में एक क्लोरीन की गोली डाली जाती है, जो थोड़ी देर बाद घुल जाती है. बाल्टी का कवर करने के बाद आधा घंटा उसे ऐसे ही रखना है. आधे घंटे के बाद जब बाल्टी का कवर हटाएंगे, तो देखेंगे कि तो वह पानी काफी हद तक पीने योग्य होगा. इसी तरह घरों में रखी एक हजार लीटर की टंकी में 20 गोलियां पीसकर डाल सकते हैं, जिससे संबंधित टंकी का पानी भी शुद्ध हो जाता है. पानी को लेकर सबसे पुराना और आसान तरीका यह है कि पानी को उबालकर ही पीयें. उबले हुए पानी का सेवन करने से बहुत सारे वायरस खत्म हो जाते हैं और यह सबसे कारगर उपाय भी माना गया है.

बीएमओ डॉ. मोनिशा ने बताया कि, 'यदि हेपेटाइटिस-ए हो जाता है यानी किसी बच्चे व बड़े को पीलिया हो जाता है, तो उसका उपचार बहुत आसान है. एक अल्ट्रासाउंड करवाते हैं, तो उससे काफी हद तक पता चल जाता है कि लिवर में क्या समस्या आ रही है. दूसरा लिवर के एलएफटी नॉर्मल लिवर फंक्शन टेस्ट होते हैं, उससे भी समस्या का पता लग जाता है. इसमें घबराने की कोई बड़ी बात नहीं है.'

पीलिया होने पर क्या करें

डॉ मोनिशा ने कहा कि, 'पीलिया होने पर जरूरी है कि संबंधित मरीज रेस्ट करें, क्योंकि हमारे शरीर में लिवर ही ग्लूकोज बनाता है और ग्लूकोज ही हमारे शरीर और ब्रेन को चलाता है और यह पूरे शरीर के लिए जरूरी भी होता है. इस सूरत में मरीज को 10 से 15 दिन कंप्लीट रेस्ट की सलाह मरीज को दी जाती है. रेस्ट से ही मरीज काफी हद तक ठीक हो जाता है.'

  • डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी दवा न खाएं.
  • लिवर ठीक से काम नहीं कर रहा है और किसी को पीलिया हो गया है, तो तुरंत चेकअप के लिए अस्पताल जाएं.

डॉ. मोनिशा ने बताया कि पीलिया रोग होने पर कुछ लक्षणों सामने आते हैं. इन लक्षणों की पहचान कर अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

  • मरीज को बहुत अधिक थकावट महसूस होती है.
  • चलने-फिरने और काम करने में भी काफी दिक्कत होती है.
  • 4-5 दिन के बाद हाथों, नाखून और आंखों का सफेद भाग पीला नजर आने लगता है.
  • इसमें बुखार की शिकायत अधिक नहीं रहती. सिर्फ पीलिया होने पर व्यक्ति को थकावट के साथ-साथ चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है.

आंखों के माध्यम से पीलिया देखने का सरल तरीके बताते हुए डॉ. मोनिशा ने बताया कि,'आंख की पलक को ऊपर उठाकर नीचे देखें, आंख का ऊपरी सफेद भाग पीला दिखाई देगा. जबकि एनीमिया की जांच आंख के निचले तरफ से होती है. इसलिए लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं. पीलिया के लक्षण दिखाई देने पर घरेलू उपचार या स्वयं उपचार न कर तुरंत अस्पताल जाएं और डॉक्टर की सलाह से ही दवाओं का सेवन करें.'

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Last Updated : Aug 10, 2024, 7:47 PM IST
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