लखनऊ: पीवी सिंधु और लक्ष्य सेन सैयद मोदी इंडिया इंटरनेशनल एचएसबीसी वर्ल्ड टूर सुपर 300 बैडमिंटन चैंपियनशिप 2024 के एकल में रविवार की शाम अपने प्रतिद्वंदियों से खिताब की होड़ में आमने-सामने होंगे. इस मौके पर बाबू बनारसी दास बैडमिंटन अकादमी में पीवी सिंधु के पिता भी मौजूद रहेंगे और भी अपनी बेटी को चैंपियन बनते हुए देखना चाहेंगे. बैडमिंटन खिलाड़ी उनके बेटे और बेटी की तरह है. वे सभी भारतीयों को जीतते हुए देखना चाहते हैं.
दूसरी ओर भारतीय बैडमिंटन एसोसिएशन (बीएआई) के तत्वावधान में उत्तर प्रदेश बैडमिंटन एसोसिएशन द्वारा आयोजित 2,10,000 अमेरिकी डालर की इनामी राशि वाली चैंपियनशिप में मिश्रित युगल में पांचवीं वरीयता भारत के ध्रुव कपिला व तनीषा क्रैस्टो, पुरुष युगल में भारत के साई प्रतीक व पृथ्वी कृष्णामूर्ति, महिला युगल में दूसरी वरीय भारत की त्रिशा जॉली व गायत्री गोपीचंद पुलेला भी फाइनल में पहुंच गए हैं. यह सभी अपने मुकाबले आज पूरे दिन में खेलेंगे.
विश्व चैंपियन व ओलंपिक रजत व कांस्य पदक विजेता पीवी सिंधु इससे पहले 2017 और 2022 में में मोदी बैडमिंटन में विजेता रहीं हैं और लखनऊ में अपने तीसरे खिताब से एक जीत दूर हैं. पीवी सिंधु की अब फाइनल में चीन की वू लुओ यू से टक्कर होगी, जिसने थाईलैंड की ललिनरात चाइवान को 21-19, 21-12 से हराया.
पुरुष एकल सेमीफाइनल में शीर्ष वरीय भारत के लक्ष्य सेन ने जापान के शोगो ओगावा को 42 मिनट चले मैच में 21-8, 21-14 से हराया. पहले गेम में विश्व में 14वीं रैंकिंग लक्ष्य सेन ने प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ दबाव बनाया. दूसरे गेम में लक्ष्य ने ब्रेक तक 11-4 से बढ़त बना ली थी. वहीं 68वीं रैंकिंग जापानी खिलाड़ी ने तेज सर्विस से अंक जुटाए लेकिन यहां भी लक्ष्य उन पर भारी पड़े. लक्ष्य की फाइनल में चौथी वरीय सिंगापुर के जिया हेंग जेसन तेह से टक्कर होगी, जिन्होंने दूसरी वरीय भारत के प्रियांशु राजावत को 21-13, 21-19 से हराया.
सभी बैडमिंटन खिलाड़ी मेरे बेटे-बेटी: 'पीवी सिंधु ने विश्व स्तर पर कई मेडल जीते. उतना अभी तक किसी खिलाड़ी ने नहीं जीता. इतना खेलने के बाद भी बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (BAI) सिंधु को किसी सुझाव के लिए नहीं पूछती है. वह मेरी बेटी है, इसलिए नहीं कह रहा. वह बड़ी खिलाड़ी है. 'उसे खेल और खिलाड़ियों की समस्याओं के बारे में पता है. ऐसे में पीवी सिंधु सहित बड़े खिलाड़ियों से सलाह लेकर खेल को आगे बढ़ाना होगा. खिलाड़ियों को तराशकर सिंधु, लक्ष्य सेन और साइना नेहवाल जैसा बनाने के लिए पूरे सिस्टम में सुधार की जरूरत है. पीवी सिंधु के पिता पीवी रमन्ना लखनऊ में मौजूद हैं. उन्होंने कहा है कि भारत के सभी बैडमिंटन खिलाड़ी जिसमें प्रतिभा है, वह सब उनके बेटा और बेटी हैं. उन्होंने कहा कि हर खिलाड़ी पहले से बड़ा खिलाड़ी नहीं होता है. इसके पीछे फादर और मदर का सैक्रिफाइस होता है. इसके लिए समय निकालकर बेटी को स्टेडियम तक ले जाना होता है. आज के समय में कोच पूरा समय नहीं दे पाते हैं. कोच 50 खिलाड़ियों को सिखाता है, लेकिन उसे बच्चों के खेल से समझना होता है कि कौन अच्छा खेलेगा. कहा कि प्लेयर का इंटरेस्ट होना चाहिए. मैं वॉलीबॉल में अर्जुन अवार्ड प्राप्त कर चुका हूं. वॉलीबॉल में टीम गेम होता है. कितना अच्छा खेलो, लेकिन आप को काटने का कोई न कोई बहाना होता है, लेकिन इंडिविजुअल गेम में ऐसा नहीं होता है. इसमें आप को अपनी क्षमता दिखनी होती है और आप को आगे बढ़ना दोता है. मेरी दोनों बेटियां खेलती थीं, लेकिन सिंधु ज्यादा इंटरेस्ट दिखाती थी. सिंधु आज भी ग्राउंड में बहुत सिंसियर होकर जाती है और प्रैक्टिस करती है. यह मैं, काफी प्लेयर्स में नहीं देखता हूं. इसके कारण हमारा स्टैंडर्ड आगे नहीं बढ़ पा रहा है.