चंडीगढ़: चंडीगढ़ में स्वाइन फ्लू का पहला मरीज सामने आया है. स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले की पुष्टि की है. आपको बता दें कि स्वाइन फ्लू का यह मरीज खुद एक अस्पताल का डॉक्टर है. स्वास्थ्य विभाग की डायरेक्टर डॉ. सुमन सिंह ने इसकी जानकारी दी है. डॉ. सुमन ने बताया कि स्वाइन फ्लू मरीज की हालत स्थिर है. मरीज का अस्पताल में इलाज किया जा रहा है. मरीज को डॉक्टर की निगरानी में रखा गया है.
इन्फ्लूएंजा से करें बचाव: अपने मुंह और नाक को खांसते समय ढक कर रखें. साथ ही भीड़ में जाते समय मास्क का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए. फ्लू के मरीज से दूरी बनाए रखें. बुखार आने पर पेरासिटामोल का ही इस्तेमाल करें. अधिकतर पानी पीएं, आंख-नाक को बार-बार टच न करें. डॉक्टर की सलाह लिए बिना एंटीबायोटिक और दूसरी दवा न लें. सार्वजनिक जगहों पर न थूकना नहीं चाहिए.
स्वाइन फ्लू के लक्षण: स्वाइन फ्लू एक बैक्टीरियल इन्फेक्शन है. इस बीमारी से पीड़ित लोगों को थकान, बुखार, भूख में कमी, गले में खराश व दर्द तथा खांसी की भी शिकायत हो सकती है. कुछ लोगों को पेट दर्द, उल्टी और दस्त की समस्या भी आ सकती है. स्वाइन फ्लू एक इन्फेक्टेड बीमारी है और मरीज के संपर्क में आने से फैल सकती है. WHO ने स्वाइन फ्लू को साल 2010 में महामारी घोषित कर दिया था, क्योंकि ये बीमारी साल 2009 में सबसे ज्यादा देखी गई थी. इसके बाद ये बीमारी दुनियाभर में फैल गई थी.
स्वास्थ्य विभाग की डॉक्टर ने दी सलाह: स्वास्थ्य विभाग की डॉ. सुमन सिंह ने कहा कि लोगों को बुखार, सिर दर्द और खांसी जैसे लक्षणों का इलाज खुद नहीं करना चाहिए. क्योंकि वायरल बुखार और फ्लू के लक्षण लगभग एक जैसे होते हैं. ये समस्या ज्यादा न बढ़ जाए, इसके लिए डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी होता है. अगर 3-4 दिनों के भीतर बुखार या वायरल संबंधी अन्य लक्षण ठीक नहीं होते तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और चेकअप कराना चाहिए.
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