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स्वाति मालीवाल ने राज्यसभा में उठाया निजी स्कूलों में फीस बढ़ोतरी का मुद्दा, कहा- ATM मशीन बन गए हैं बच्चे - Fee Hike In Private Schools

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 7, 2024, 6:54 PM IST

राज्यसभा में आम आदमी पार्टी की सांसद स्वाति मालीवाल ने प्रश्नकाल के दौरान निजी स्कूलों में फीस और किताबों को लेकर मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि अधिकांश निजी स्कूल मुनाफाखोरी के अड्डे बन गए हैं. इन स्कूलों ने अपने परिसर में दुकानें खोल रखी हैं.

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सांसद स्वाति मालीवाल (ANI)

नई दिल्ली: राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने संसद में प्रश्न काल के दौरान निजी स्कूलों में फीस का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि अधिकांश निजी स्कूल मुनाफाखोरी के अड्डे बन गए हैं. इन स्कूलों ने अपने परिसर में दुकानें खोल रखी हैं. जहां वे यूनिफॉर्म, पाठ्य पुस्तकें, पेन और पेंसिल उच्च कीमतों पर बेचते हैं और माता-पिता को मजबूर करते हैं कि वे इन सामग्रियों को उन्हीं की दुकानों से खरीदें. स्कूलों ने विकास कोष और गतिविधि कोष जैसे विभिन्न फंड भी शुरू कर दिए हैं. ये स्कूल माता-पिता को लूट रहे हैं और उनके बच्चों को एटीएम मशीन की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं.

शिक्षा के नाम पर मुनाफाखोरी: उन्होंने शिक्षा मंत्री से पूछा कि क्या केंद्र सरकार ने राज्यों को निजी स्कूलों का ऑडिट करने के लिए कोई दिशा-निर्देश जारी किया है. ताकि शिक्षा के नाम पर मुनाफाखोरी के इन अड्डों को रोका जा सके. इसके अतिरिक्त, उन्होंने पूछा कि क्या उन स्कूलों के खिलाफ कोई कार्रवाई की जा सकती है, जो माता-पिता को महंगी यूनिफॉर्म और अन्य स्कूल सामग्री खरीदने के लिए मजबूर करते हैं.

निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई: वहीं, शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने स्वाति मालीवाल के प्रश्न का उत्तर दिया. उन्होंने कहा कि दिल्ली स्कूल संशोधन अधिनियम 2015 में पारित किया गया था. दिल्ली सरकार को राजधानी में शिक्षा के नाम पर हो रहे मुनाफाखोरी के ऐसे संस्थानों को रोकने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए.

इसके बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि यह कहना शायद उचित नहीं होगा कि सभी निजी स्कूल मुनाफे के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन हां, कुछ लोग मुनाफे के लिए इस क्षेत्र में आए हैं. यह राज्यों का मुद्दा है. राज्य सरकारों को ऐसे निजी स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और केंद्रीय सरकार इस प्रयास में उनका समर्थन करेगी.

ये भी पढ़ें: कोचिंग सेंटर हादसे में राज्यसभा में चर्चा, BJP ने घेरा तो AAP ने केजरीवाल सरकार की उपलब्धियां गिनाईं

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नई दिल्ली: राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने संसद में प्रश्न काल के दौरान निजी स्कूलों में फीस का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि अधिकांश निजी स्कूल मुनाफाखोरी के अड्डे बन गए हैं. इन स्कूलों ने अपने परिसर में दुकानें खोल रखी हैं. जहां वे यूनिफॉर्म, पाठ्य पुस्तकें, पेन और पेंसिल उच्च कीमतों पर बेचते हैं और माता-पिता को मजबूर करते हैं कि वे इन सामग्रियों को उन्हीं की दुकानों से खरीदें. स्कूलों ने विकास कोष और गतिविधि कोष जैसे विभिन्न फंड भी शुरू कर दिए हैं. ये स्कूल माता-पिता को लूट रहे हैं और उनके बच्चों को एटीएम मशीन की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं.

शिक्षा के नाम पर मुनाफाखोरी: उन्होंने शिक्षा मंत्री से पूछा कि क्या केंद्र सरकार ने राज्यों को निजी स्कूलों का ऑडिट करने के लिए कोई दिशा-निर्देश जारी किया है. ताकि शिक्षा के नाम पर मुनाफाखोरी के इन अड्डों को रोका जा सके. इसके अतिरिक्त, उन्होंने पूछा कि क्या उन स्कूलों के खिलाफ कोई कार्रवाई की जा सकती है, जो माता-पिता को महंगी यूनिफॉर्म और अन्य स्कूल सामग्री खरीदने के लिए मजबूर करते हैं.

निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई: वहीं, शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने स्वाति मालीवाल के प्रश्न का उत्तर दिया. उन्होंने कहा कि दिल्ली स्कूल संशोधन अधिनियम 2015 में पारित किया गया था. दिल्ली सरकार को राजधानी में शिक्षा के नाम पर हो रहे मुनाफाखोरी के ऐसे संस्थानों को रोकने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए.

इसके बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि यह कहना शायद उचित नहीं होगा कि सभी निजी स्कूल मुनाफे के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन हां, कुछ लोग मुनाफे के लिए इस क्षेत्र में आए हैं. यह राज्यों का मुद्दा है. राज्य सरकारों को ऐसे निजी स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और केंद्रीय सरकार इस प्रयास में उनका समर्थन करेगी.

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