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उत्तराखंड में आसमानी आफत: चंपावत में भारी बारिश से झूला पुल बहा, कई गांवों का संपर्क कटा, जलभराव से लोग परेशान - suspension bridge collapsed - SUSPENSION BRIDGE COLLAPSED

Champawat Suspension Bridge Collapsed चंपावत में बारिश लोगों पर कहर बनकर टूट रही है. वहीं भारी बारिश से नदी नाले उफान पर हैं और कई संपर्क मार्ग बाधित हो गए हैं. वहीं लोहाघाट में 33 केवी लाइन में फाल्ट आने से क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति ठप है.

Champawat Suspension Bridge Collapsed
चंपावत में भारी बारिश से झूला पुल बहा (फोटो-ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 8, 2024, 2:03 PM IST

Updated : Jul 8, 2024, 3:23 PM IST

चंपावत में भारी बारिश से झूला पुल बहा (वीडियो-ईटीवी भारत)

चंपावत: कुमाऊं मंडल में लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है. भारी बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं. वहीं चंपावत जनपद के मैदानी क्षेत्र बनबसा क्षेत्र में जलभराव के चलते बाढ़ जैसी स्थिति हो गई है. चंपावत जनपद में जहा क्वारला नदी के उफान में आने से बेलखेत को जोड़ने वाला झूला पुल बह गया है. पुल ध्वस्त होने से लोगों की परेशानियां बढ़ गई है और कई गांवों का संपर्क टूट गया है. दूसरी ओर बनबसा और टनकपुर में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और जल पुलिस लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान में पहुंचा रही है. वहीं पहाड़ से मलबा आने से नेशनल व स्टेट हाइवे बाधित हो गए हैं. इसके अलावा कई ग्रामीण सड़कें भी जाम हुई हैं.

गौर हो कि, पिछले कुछ दिनों से पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही मूसलाधार बारिश ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है. पहाड़ों पर बहने वाले नदी और नाले अपने रौद्र रूप में बह रहे हैं. चंपावत जनपद में भी बारिश ने कहर बरपाया हुआ है. आलम ये है कि जनपद के निचले हिस्सों पर जल भराव की स्थिति बनी हुई है जिस कारण प्रशासन को एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को तैनात करना पड़ा है. जहां एक ओर टीम लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम कर रही है. वहीं पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन के कारण सड़कें जाम हो रही हैं.

बेलखेत को जोड़ने वाला झूला पुल टूटा: जनपद की क्वारला नदी के उफान में आने से बेलखेत को जोड़ने वाला झूला पुल टूट गया है. पुल टूटने से करीब क्षेत्र की पांच हजार आबादी प्रभावित हुई है. हालांकि, ग्रामीण पास के ही मोटर मार्ग से आवाजाही कर रहे हैं. वहीं नदी के भू-कटाव के चलते कई गांव को भी खतरा पैदा हो गया है. लगातार हो रही बारिश से जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है. बजौन गांव को मुख्यालय से जोड़ने वाली सड़क भूस्खलन से धंस गई है. जनपद के मैदानी क्षेत्र लोहाघाट, बनबसा और टनकपुर में बिजली की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है. बनबसा क्षेत्र में देवीपुरा पंत फार्म में बारिश के कारण कई परिवारों को खतरा हो गया है. रातभर क्षेत्र में जलभराव होने से कई परिवारों के सदस्यों ने मकान के छत पर बने एक कमरे में शरण ली.

जानें हालात: इसके अलावा प्रशासन ने पहाड़ से मलबा आने के कारण जाम हो रही सड़कों पर विभाग जेसीबी के साथ मुस्तैद है. जिला सूचना अधिकारी गिरजा जोशी ने बताया कि क्वारला नदी में बना झूला पुल जो बेलखेत को जोड़ता था पानी के तेज बहाव में टूट गया है. हालांकि ग्रामीणों के लिए एक वैकल्पिक मार्ग है जिससे आवाजाही हो रही है. जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने बताया कि नेशनल हाईवे तीन जगह बंद हैं जबकि स्टेट हाईवे देवीधुरा में बंद है. 39 ग्रामीण सड़कें बंद हैं. बनबसा और टनकपुर में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. उन्होंने बताया कि प्रशासन की टीम, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम के साथ-साथ जल पुलिस लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही है. लगातार हो रही बारिश से सड़कों को खोलने के लिए मुश्किल आ रही है. जगह-जगह जेसीबी मशीन को तैनात किया गया है. उन्होंने बताया कि जनपद में अब तक नाले के तेज बहाव में बहने से एक महिला की मौत हुई है. इसके अलावा 8 पशुओं की भी मौत हुई है. दो मकान क्षतिग्रस्त जबकि 22 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त की रिपोर्ट प्राप्त हुई है. सभी को मुआवजे की राशि दी जा रही है.

मुख्यमंत्री ने वीसी से दिए जिलाधिकारी को निर्देश: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लगातार हो रही बारिश को देखते हुए त्वरित राहत एवं बचाव कार्यों, जानमाल के नुकसान, लोगों को हो रही समस्याओं के समाधान के लिए आयुक्त कुमाऊं, डीआईजी व कुमाऊं मंडल के सभी जिलाधिकारियों व पुलिस अधीक्षकों के साथ वर्चुअल माध्यम से बैठक कर स्थिति का जायजा लेने के साथ ही तत्काल बचाव एवं राहत कार्य करने, लोगों को सुरक्षित स्थानों में पहुंचाने, बंद मार्गों को तुरंत खोले जाने, जनजीवन सामान्य बनाए रखने सहित आवश्यक दिशा निर्देश दिए.

सीएम ने कहा कि आयुक्त कुमाऊं सभी जिलों से स्थिति का जायजा लेने के साथ ही मौसम अनुकूल होने पर स्वयं भी क्षेत्रों का निरीक्षण करें. मुख्यमंत्री ने लगातार हो रही भारी बारिश को देखते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी अधिकारी 24 घंटे अलर्ट में रहें और लोगों की जान बचाने के लिए प्राथमिकता के साथ कार्य करें. जो आमजन-यात्री भारी बारिश के कारण इधर-उधर मार्गों में फंसे हैं, उन्हें राहत शिविरों में सुरक्षित पहुंचाया जाए. मैदानी क्षेत्रों में जहां भारी बारिश के चलते जलभराव हो रहा है वहां रहने वाले परिवारों को सुरक्षित स्थानों व राहत शिविरों में पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं, साथ ही पशुओं को भी सुरक्षित स्थानों में ले जाने व उनके लिए चारा की पर्याप्त व्यवस्था रखने के निर्देश भी मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए हैं.

गौर हो कि, चंपावत जिले में लगातार हो रही बारिश से लोहाघाट, चंपावत, बनबसा और टनकपुर में बिजली गुल है. देर रात लोहाघाट में 33 केवी लाइन में फाल्ट आने से बिजली आपूर्ति ठप है. बिजली गुल होने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. बनबसा की शारदा नदी उफान पर है, जिसके चलते शारदा नदी के आसपास के क्षेत्र में खतरा पैदा हो गया है. बता दें कि लगातार हो रही बारिश लोगों पर आफत बनकर टूट रही है.

पढ़ें- भारी बारिश से बागेश्वर में मकान पर गिरा बोल्डर, बाल-बाल बचे लोग, एक हफ्ते में ही सामान्य से 453 फीसदी अधिक हो चुकी वर्षा

चंपावत में भारी बारिश से झूला पुल बहा (वीडियो-ईटीवी भारत)

चंपावत: कुमाऊं मंडल में लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है. भारी बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं. वहीं चंपावत जनपद के मैदानी क्षेत्र बनबसा क्षेत्र में जलभराव के चलते बाढ़ जैसी स्थिति हो गई है. चंपावत जनपद में जहा क्वारला नदी के उफान में आने से बेलखेत को जोड़ने वाला झूला पुल बह गया है. पुल ध्वस्त होने से लोगों की परेशानियां बढ़ गई है और कई गांवों का संपर्क टूट गया है. दूसरी ओर बनबसा और टनकपुर में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और जल पुलिस लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान में पहुंचा रही है. वहीं पहाड़ से मलबा आने से नेशनल व स्टेट हाइवे बाधित हो गए हैं. इसके अलावा कई ग्रामीण सड़कें भी जाम हुई हैं.

गौर हो कि, पिछले कुछ दिनों से पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही मूसलाधार बारिश ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है. पहाड़ों पर बहने वाले नदी और नाले अपने रौद्र रूप में बह रहे हैं. चंपावत जनपद में भी बारिश ने कहर बरपाया हुआ है. आलम ये है कि जनपद के निचले हिस्सों पर जल भराव की स्थिति बनी हुई है जिस कारण प्रशासन को एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को तैनात करना पड़ा है. जहां एक ओर टीम लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम कर रही है. वहीं पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन के कारण सड़कें जाम हो रही हैं.

बेलखेत को जोड़ने वाला झूला पुल टूटा: जनपद की क्वारला नदी के उफान में आने से बेलखेत को जोड़ने वाला झूला पुल टूट गया है. पुल टूटने से करीब क्षेत्र की पांच हजार आबादी प्रभावित हुई है. हालांकि, ग्रामीण पास के ही मोटर मार्ग से आवाजाही कर रहे हैं. वहीं नदी के भू-कटाव के चलते कई गांव को भी खतरा पैदा हो गया है. लगातार हो रही बारिश से जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है. बजौन गांव को मुख्यालय से जोड़ने वाली सड़क भूस्खलन से धंस गई है. जनपद के मैदानी क्षेत्र लोहाघाट, बनबसा और टनकपुर में बिजली की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है. बनबसा क्षेत्र में देवीपुरा पंत फार्म में बारिश के कारण कई परिवारों को खतरा हो गया है. रातभर क्षेत्र में जलभराव होने से कई परिवारों के सदस्यों ने मकान के छत पर बने एक कमरे में शरण ली.

जानें हालात: इसके अलावा प्रशासन ने पहाड़ से मलबा आने के कारण जाम हो रही सड़कों पर विभाग जेसीबी के साथ मुस्तैद है. जिला सूचना अधिकारी गिरजा जोशी ने बताया कि क्वारला नदी में बना झूला पुल जो बेलखेत को जोड़ता था पानी के तेज बहाव में टूट गया है. हालांकि ग्रामीणों के लिए एक वैकल्पिक मार्ग है जिससे आवाजाही हो रही है. जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने बताया कि नेशनल हाईवे तीन जगह बंद हैं जबकि स्टेट हाईवे देवीधुरा में बंद है. 39 ग्रामीण सड़कें बंद हैं. बनबसा और टनकपुर में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. उन्होंने बताया कि प्रशासन की टीम, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम के साथ-साथ जल पुलिस लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही है. लगातार हो रही बारिश से सड़कों को खोलने के लिए मुश्किल आ रही है. जगह-जगह जेसीबी मशीन को तैनात किया गया है. उन्होंने बताया कि जनपद में अब तक नाले के तेज बहाव में बहने से एक महिला की मौत हुई है. इसके अलावा 8 पशुओं की भी मौत हुई है. दो मकान क्षतिग्रस्त जबकि 22 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त की रिपोर्ट प्राप्त हुई है. सभी को मुआवजे की राशि दी जा रही है.

मुख्यमंत्री ने वीसी से दिए जिलाधिकारी को निर्देश: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लगातार हो रही बारिश को देखते हुए त्वरित राहत एवं बचाव कार्यों, जानमाल के नुकसान, लोगों को हो रही समस्याओं के समाधान के लिए आयुक्त कुमाऊं, डीआईजी व कुमाऊं मंडल के सभी जिलाधिकारियों व पुलिस अधीक्षकों के साथ वर्चुअल माध्यम से बैठक कर स्थिति का जायजा लेने के साथ ही तत्काल बचाव एवं राहत कार्य करने, लोगों को सुरक्षित स्थानों में पहुंचाने, बंद मार्गों को तुरंत खोले जाने, जनजीवन सामान्य बनाए रखने सहित आवश्यक दिशा निर्देश दिए.

सीएम ने कहा कि आयुक्त कुमाऊं सभी जिलों से स्थिति का जायजा लेने के साथ ही मौसम अनुकूल होने पर स्वयं भी क्षेत्रों का निरीक्षण करें. मुख्यमंत्री ने लगातार हो रही भारी बारिश को देखते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी अधिकारी 24 घंटे अलर्ट में रहें और लोगों की जान बचाने के लिए प्राथमिकता के साथ कार्य करें. जो आमजन-यात्री भारी बारिश के कारण इधर-उधर मार्गों में फंसे हैं, उन्हें राहत शिविरों में सुरक्षित पहुंचाया जाए. मैदानी क्षेत्रों में जहां भारी बारिश के चलते जलभराव हो रहा है वहां रहने वाले परिवारों को सुरक्षित स्थानों व राहत शिविरों में पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं, साथ ही पशुओं को भी सुरक्षित स्थानों में ले जाने व उनके लिए चारा की पर्याप्त व्यवस्था रखने के निर्देश भी मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए हैं.

गौर हो कि, चंपावत जिले में लगातार हो रही बारिश से लोहाघाट, चंपावत, बनबसा और टनकपुर में बिजली गुल है. देर रात लोहाघाट में 33 केवी लाइन में फाल्ट आने से बिजली आपूर्ति ठप है. बिजली गुल होने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. बनबसा की शारदा नदी उफान पर है, जिसके चलते शारदा नदी के आसपास के क्षेत्र में खतरा पैदा हो गया है. बता दें कि लगातार हो रही बारिश लोगों पर आफत बनकर टूट रही है.

पढ़ें- भारी बारिश से बागेश्वर में मकान पर गिरा बोल्डर, बाल-बाल बचे लोग, एक हफ्ते में ही सामान्य से 453 फीसदी अधिक हो चुकी वर्षा

Last Updated : Jul 8, 2024, 3:23 PM IST
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