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रायबरेली और अमेठी पर सस्पेंस कायम, कांग्रेस ने अभी तक नहीं खोले पत्ते, मजबूत कार्यकर्ता को मैदान में उतारने की तैयारी - Suspense on Amethi Rae Bareli

कांग्रेस की चौथी लिस्ट में यूपी के नौ उम्मीदवारों के नाम शामिल थे. लेकिन अमेठी और रायबरेली पर अभी भी सस्पेंस कायम है. पार्टी दोनों सीटों पर कार्यकर्ता को ही मौका दे सकती है. इसके लिए मजबूत प्रत्याशी की तलाश की जा रही है.

Suspense continues on Rae Bareli and Amethi
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 24, 2024, 5:13 PM IST

लखनऊः कांग्रेस की चौथी लिस्ट में उत्तर प्रदेश के 9 सीटों की घोषणा कर दी गई. लेकिन पार्टी की सबसे हाई प्रोफाइल सीट रायबरेली और अमेठी को लेकर अभी तक सस्पेंस कायम है. केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में इन दोनों सीटों पर प्रत्याशियों को लेकर कोई बातचीत ही नहीं हुई है. प्रदेश सिलेक्शन कमेटी ने जन भावनाओं का हवाला देते हुए राहुल और प्रियंका गांधी से लड़ने की अपील की थी. लेकिन अंतिम निर्णय हाईकमान पर छोड़ दिया गया था. उत्तर प्रदेश की जिस दो लोकसभा सीटों पर कांग्रेस को सबसे मजबूत माना जा रहा था. उन्हीं पर प्रत्याशी न घोषित कर कांग्रेस ने सबको चौंका दिया है. सोनिया गांधी ने सक्रिय राजनीति को अलविदा कह कर राज्यसभा चली गई हैं. ऐसे में रायबरेली सीट पर गांधी परिवार से किसी के उम्मीदवार होने की प्रयास लगाए जा रहे हैं.

गठबंधन से गांधी परिवार नहीं लड़ना चाहता रायबरेली व अमेठी: कांग्रेस पार्टी के सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय चुनाव कमेटी की बैठक में गांधी परिवार ने यह साफ किया है कि उत्तर प्रदेश की रायबरेली और अमेठी सीट कांग्रेस अपने दम पर लड़ेगी. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में गांधी परिवार ने साफ किया है कि, उत्तर प्रदेश में मौजूदा समय में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में पार्टी चुनाव लड़ रही है. ऐसे में अगर रायबरेली व अमेठी सीट कांग्रेस गठबंधन में लड़ती है तो न केवल विपक्षी पार्टियों बल्कि समाजवादी पार्टी को भी गांधी परिवार के मदद करने का मौका मिलेगा. जिसका राजनीतिक नुकसान ज्यादा दिख रहा है.

प्रियंका चुनाव लड़ने को इच्छुक नहीं, राहुल वायनाड से बने प्रत्याशी: गांधी परिवार का मानना है कि रायबरेली और अमेठी की सीट पर पार्टी खुद अपने बूते चुनाव लड़े तो ज्यादा अच्छा है. अगर इस गठबंधन में चुनाव लड़ते हैं तो अखिलेश यादव को यह कहने का मौका मिलेगा कि बुरे समय में रायबरेली व अमेठी की लोकसभा सीट उन्होंने कांग्रेस को जितवाने में मदद की है. सूत्रों के मुताबिक रायबरेली सीट से प्रियंका गांधी ने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है. जबकि राहुल गांधी को वायनाड लोकसभा सीट से पार्टी ने टिकट दे दिया है जहां से वह मौजूदा सांसद है.

दोनों सीटों के लिए तलाशे जा रहे मजूबत कैंडिडेट: रायबरेली व अमेठी सीट पर गांधी परिवार की तरफ से चुनाव न लड़ने की सूरत में कांग्रेस ने प्रत्याशियों की तलाश शुरू कर दी है. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि, रायबरेली सीट पर पार्टी पार्टी सुप्रिया श्रीनेत या फिर विधायक आराधना मिश्रा मोना को चुनाव लाड़वा सकती है. जबकि अमेठी सीट पर पूर्व एमएलसी दीपक सिंह का नाम लगभग फाइनल हो चुका है?. अगले कुछ दिनों में इन दोनों सीटों पर पार्टी प्रत्याशी घोषित कर सकती है. पार्टी इस बार लोकसभा चुनाव में परिवार की जगह अपने मजबूत कार्यकर्ता को यहां से चुनाव लड़ने का दांव भी खेल सकती है.

इसे भी पढ़ें :लोकसभा चुनाव 2024: काशी में पीएम मोदी के खिलाफ तीसरी बार ताल ठोकेंगे अजय राय - Lok Sabha Elections

लखनऊः कांग्रेस की चौथी लिस्ट में उत्तर प्रदेश के 9 सीटों की घोषणा कर दी गई. लेकिन पार्टी की सबसे हाई प्रोफाइल सीट रायबरेली और अमेठी को लेकर अभी तक सस्पेंस कायम है. केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में इन दोनों सीटों पर प्रत्याशियों को लेकर कोई बातचीत ही नहीं हुई है. प्रदेश सिलेक्शन कमेटी ने जन भावनाओं का हवाला देते हुए राहुल और प्रियंका गांधी से लड़ने की अपील की थी. लेकिन अंतिम निर्णय हाईकमान पर छोड़ दिया गया था. उत्तर प्रदेश की जिस दो लोकसभा सीटों पर कांग्रेस को सबसे मजबूत माना जा रहा था. उन्हीं पर प्रत्याशी न घोषित कर कांग्रेस ने सबको चौंका दिया है. सोनिया गांधी ने सक्रिय राजनीति को अलविदा कह कर राज्यसभा चली गई हैं. ऐसे में रायबरेली सीट पर गांधी परिवार से किसी के उम्मीदवार होने की प्रयास लगाए जा रहे हैं.

गठबंधन से गांधी परिवार नहीं लड़ना चाहता रायबरेली व अमेठी: कांग्रेस पार्टी के सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय चुनाव कमेटी की बैठक में गांधी परिवार ने यह साफ किया है कि उत्तर प्रदेश की रायबरेली और अमेठी सीट कांग्रेस अपने दम पर लड़ेगी. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में गांधी परिवार ने साफ किया है कि, उत्तर प्रदेश में मौजूदा समय में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में पार्टी चुनाव लड़ रही है. ऐसे में अगर रायबरेली व अमेठी सीट कांग्रेस गठबंधन में लड़ती है तो न केवल विपक्षी पार्टियों बल्कि समाजवादी पार्टी को भी गांधी परिवार के मदद करने का मौका मिलेगा. जिसका राजनीतिक नुकसान ज्यादा दिख रहा है.

प्रियंका चुनाव लड़ने को इच्छुक नहीं, राहुल वायनाड से बने प्रत्याशी: गांधी परिवार का मानना है कि रायबरेली और अमेठी की सीट पर पार्टी खुद अपने बूते चुनाव लड़े तो ज्यादा अच्छा है. अगर इस गठबंधन में चुनाव लड़ते हैं तो अखिलेश यादव को यह कहने का मौका मिलेगा कि बुरे समय में रायबरेली व अमेठी की लोकसभा सीट उन्होंने कांग्रेस को जितवाने में मदद की है. सूत्रों के मुताबिक रायबरेली सीट से प्रियंका गांधी ने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है. जबकि राहुल गांधी को वायनाड लोकसभा सीट से पार्टी ने टिकट दे दिया है जहां से वह मौजूदा सांसद है.

दोनों सीटों के लिए तलाशे जा रहे मजूबत कैंडिडेट: रायबरेली व अमेठी सीट पर गांधी परिवार की तरफ से चुनाव न लड़ने की सूरत में कांग्रेस ने प्रत्याशियों की तलाश शुरू कर दी है. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि, रायबरेली सीट पर पार्टी पार्टी सुप्रिया श्रीनेत या फिर विधायक आराधना मिश्रा मोना को चुनाव लाड़वा सकती है. जबकि अमेठी सीट पर पूर्व एमएलसी दीपक सिंह का नाम लगभग फाइनल हो चुका है?. अगले कुछ दिनों में इन दोनों सीटों पर पार्टी प्रत्याशी घोषित कर सकती है. पार्टी इस बार लोकसभा चुनाव में परिवार की जगह अपने मजबूत कार्यकर्ता को यहां से चुनाव लड़ने का दांव भी खेल सकती है.

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