कैथल: आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार सुशील गुप्ता ने कहा कि कुरुक्षेत्र से हरियाणा के नए युग का सूत्रपात होगा. हरियाणा में परिवर्तन की लहर तेजी से चल रही है. उन्होंने दावा किया कि इंडिया गठबंधन हरियाणा में सभी 10 लोकसभा सीटों पर चुनाव जीतेगा. सुशील गुप्ता ने कहा कि बीजेपी के राज में चारों तरफ बेरोजगारी का आलम है. हरियाणा बेरोजगारी में नंबर वन पर है.
'हरियाणा में हर घर एक नौजवान बेरोजगार': सुशील गुप्ता ने कहा कि बेरोजगारी के कारण प्रदेश के युवा डंकी के रास्ते विदेश जाने को मजबूर हैं. आज कुरुक्षेत्र का युवा सड़कों पर है, लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है. सरकार ये मानने को ही तैयार नहीं है कि हरियाणा में बेरोजगारी है. सुशील गुप्ता ने दावा किया कि बेरोजगारी की स्थिति इतनी इतनी भयानक बन चुकी है कि पूरे हरियाणा में हर घर में एक नौजवान बेरोजगार है.
'हरियाणा में दो लाख से ज्यादा सरकारी पद खाली': सुशील गुप्ता के मुताबिक बेरोजगारी के कारण युवा डिप्रेशन और नशे की गिरफ्त में जा रहा है. ये सब तब हो रहा है जब 2 लाख से ज्यादा सरकारी पद खाली पड़े हैं. हरियाणा सरकार इन पदों को भरने में कोई ध्यान नहीं दे रही. अगर सरकार की नीयत साफ होती, तो सभी पद भरे जा सकते थे. उन्होंने कहा कि पूरी सरकार भ्रष्टाचार में डूबी है. एक चपरासी की पोस्ट के लिए 4421 लोग अप्लाई करते हैं.
'सरकार नौकरी देने में रही विफल': सुशील गुप्ता ने दावा किया कि हरियाणा सरकार युवाओं को पक्की नौकरी देने में विफल रही है. सरकार ने युवाओं के साथ छलावा करने के लिए हरियाणा कौशल रोजगार निगम बनाया है. इसमें भर्ती के नाम पर खानापूर्ति हो रही है, केवल आंकड़े बढ़ाने के लिए अस्थाई नौकरियां दी जा रही हैं. उन्होंने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार डेढ़ साल में 42000 से ज्यादा सरकारी नौकरी दे चुकी है.
'बीजेपी के वादे जुमले निकले': उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया है और उद्योग लगाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो सरकार युवाओं को 10 साल में भी रोजगार नहीं दे पाई, उसे सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है. पीएम मोदी ने हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का वादा किया था जो जुमला निकला. इधर भाजपा सरकार ने किसानों को एक साल से ज्यादा समय तक बॉर्डरों पर बैठा कर रखा जहां 750 से ज्यादा किसानों ने शहादत दी, परंतु किसानों ने मंडियां बंद नहीं होने दी.