रायपुर: कांग्रेस की सालों तक सेवा करने वाले चिंतामणि महाराज को बीजेपी ने सरगुजा लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है. चिंतामणि महाराज को टिकट मिलने पर कांग्रेस का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है. सोमवार को कांग्रेस ने पार्टी ने बाकायदा एक प्रेस कांफ्रेंस कर चिंतामणि महाराज और बीजेपी को कोसा. कांग्रेस नेता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जब हमारे साथ थे तो उनके खिलाफ जांच चल रही थी. बीजेपी जाते ही जांंच एजेंसियों के दस्तावेजों से उनका नाम गायब हो गया. कांग्रेस का दामन छोड़कर जो भी बीजेपी गए सबके दाग धुल गए.
जिन नेताओं के खिलाफ पहले ईडी कार्रवाई कर रही होती है. जिन लोगों के खिलाफ एसीबी की टीम जांच करते रहती है. बीजेपी में जब वो इंसान चला जाता है तो उसका नाम आरोपों से बाहर कर दिया जाता है. कोयला घोटाले में भी चिंतामणि महाराज का नाम शामिल था. बीजेपी में वो चले गए तब से उनका नाम आरोपियों की सूची से बाहर कर दिया गया. कांग्रेस की पूर्व की सरकार और उनके नेताओं को बदनाम करने के लिए जांच एजेंसियों की मदद बीजेपी ले रही है. कोल घोटाले से लेकर कई मामलों में जांच सालों से चल रही है. किसी भी तथाकथित घोटाले का कोई सबूत एजेंसियों को नहीं मिला. - सुशील आनंद शुक्ला, प्रदेश अध्यक्ष, मीडिया विभाग, कांग्रेस
'बीजेपी देती है ईमानदारी का ताबीज': राजीव भवन में हुई कांग्रेस की प्रेस कांफ्रेंस में बीजेपी की सरकार पर जमकर हमला बोला गया. सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मोदी जी के पास एक ऐसी वाशिंग मशीन है जो सबकुछ साफ कर देती. भारतीय जनता पार्टी बीजेपी में आने वालों को कमल छाप ताबीज देती है जिसे पहनकर हर कोई ईमानदार हो जाता है.
एक पत्र के आधार पर जब 35 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाता है तो फिर चिंतामणी महाराज का नाम एफआईआर से बाहर क्यों किया गया. महाराज बीजेपी में जैसे ही गए उनके सारे गलत काम सफेद कामों में बदल गए. जितनी भी कार्रवाई उनके खिलाफ चल रही थी वो अचानक बंद हो गई. देश के कई ऐसे नेता है जिन पर पहले गंभीर आरोप थे लेकिन बीजेपी में जाते ही सारे आरोप एक दिन में खत्म हो गए. - सुशील आनंद शुक्ला, प्रदेश अध्यक्ष, मीडिया विभाग, कांग्रेस
चिंतामणि महाराज से कांग्रेस ने पूछा सवाल: प्रेस कांफ्रेंस के जरिए कांग्रेस ने चिंतामणि महाराज से भी सवाल पूछा कि जो आरोप उनपर लगे थे वो एकाएक कैसे खत्म हो गए. कांग्रेस ने सीएम विष्णु देव साय से भी सवाल पूछा है कि किसके इशारे पर एसीबी ने चिंतामणि महाराज का नाम आरोपियों की लिस्ट से बाहर किया.