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हल्द्वानी बनभूलपुरा क्षेत्र में सर्वे का कार्य पूरा, शासन को भेजी गई रेलवे की जमीन पर हुए अतिक्रमण की रिपोर्ट - HALDWANI BANBHOOLPURA SURVEY

रेलवे को विस्तारीकरण के लिए करीब 30 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है, रेलवे की जमीन पर 5,500 परिवार बसे हैं

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हल्द्वानी बनभूलपुरा क्षेत्र में सर्वे का कार्य पूरा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 26, 2024, 4:10 PM IST

Updated : Nov 26, 2024, 5:23 PM IST

हल्द्वानी: नैनीताल जिले के हल्द्वानी में रेलवे की जमीन की अतिक्रमण का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. कोर्ट के आदेश के बाद जिला प्रशासन और रेलवे ने संयुक्त रूप से अतिक्रमण स्थल का सर्वें किया, जिसकी रिपोर्ट भी जिला प्रशासन ने शासन को भेज दी है. रिपोर्ट के आधार पर शासन को विस्थापन की योजना तैयार करनी है.

दरअसल, रेलवे को विस्तारीकरण के लिए करीब 30 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है. रेलवे की इस जमीन की जद में करीब 3800 मकान, सरकारी संस्थान और पांच हजार परिवार आ रहे हैं, जिन्हें विस्थापित किया जाना है. सुप्रीम कोर्ट ने जिला प्रशासन और रेलवे को अतिक्रमण हटाने से पहले लोगों के विस्थापन की योजना बनाने के निर्देश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जिला प्रशासन ने रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण को लेकर सर्वे किया.

हल्द्वानी बनभूलपुरा क्षेत्र में सर्वे का कार्य पूरा (ETV Bharat)

करीब दो महीने चले सर्वे के बाद जिला प्रशासन ने अपनी फाइनल रिपोर्ट शासन को भेज दी है. उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी.

क्या है मामला?: रेलवे ने दावा किया था कि लोगों ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में उनकी करीब 30 हेक्टेयर भूमि पर कब्जा कर रखा है. इस इलाके में करीब 5,500 परिवार बसे हुए हैं. जिन्होंने पक्के घर बनाए हुए हैं. उत्तराखंड हाईकोर्ट ने यहां बसे लोगों को हटाने का आदेश दिया था. रेलवे ने भी अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी कर जमीन खाली करने के निर्देश दिए थे. साथ ही पक्के मकानों को तोड़ने के आदेश भी दिए गए थे, जिसको लेकर बड़े स्तर पर धरना प्रदर्शन भी हुआ था. वहीं कुछ लोगों ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. तभी से ये मामले सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है.

पढ़ें--

हल्द्वानी: नैनीताल जिले के हल्द्वानी में रेलवे की जमीन की अतिक्रमण का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. कोर्ट के आदेश के बाद जिला प्रशासन और रेलवे ने संयुक्त रूप से अतिक्रमण स्थल का सर्वें किया, जिसकी रिपोर्ट भी जिला प्रशासन ने शासन को भेज दी है. रिपोर्ट के आधार पर शासन को विस्थापन की योजना तैयार करनी है.

दरअसल, रेलवे को विस्तारीकरण के लिए करीब 30 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है. रेलवे की इस जमीन की जद में करीब 3800 मकान, सरकारी संस्थान और पांच हजार परिवार आ रहे हैं, जिन्हें विस्थापित किया जाना है. सुप्रीम कोर्ट ने जिला प्रशासन और रेलवे को अतिक्रमण हटाने से पहले लोगों के विस्थापन की योजना बनाने के निर्देश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जिला प्रशासन ने रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण को लेकर सर्वे किया.

हल्द्वानी बनभूलपुरा क्षेत्र में सर्वे का कार्य पूरा (ETV Bharat)

करीब दो महीने चले सर्वे के बाद जिला प्रशासन ने अपनी फाइनल रिपोर्ट शासन को भेज दी है. उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी.

क्या है मामला?: रेलवे ने दावा किया था कि लोगों ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में उनकी करीब 30 हेक्टेयर भूमि पर कब्जा कर रखा है. इस इलाके में करीब 5,500 परिवार बसे हुए हैं. जिन्होंने पक्के घर बनाए हुए हैं. उत्तराखंड हाईकोर्ट ने यहां बसे लोगों को हटाने का आदेश दिया था. रेलवे ने भी अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी कर जमीन खाली करने के निर्देश दिए थे. साथ ही पक्के मकानों को तोड़ने के आदेश भी दिए गए थे, जिसको लेकर बड़े स्तर पर धरना प्रदर्शन भी हुआ था. वहीं कुछ लोगों ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. तभी से ये मामले सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है.

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Last Updated : Nov 26, 2024, 5:23 PM IST
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