रायपुर : NCP नेता राम अवतार जग्गी हत्याकांड मामले के दोषियों में से एक याहया ढेबर ने मंगलवार को रायपुर कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. याहया ढेबर को मेडिकल के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया है. इसके बाद पुलिस ने याहया को रायपुर सेंट्रल जेल में दाखिल किया. इसके पहले 15 अप्रैल को शूटर चिमन सिंह और विनोद राठौड़ ने रायपुर के कोर्ट में सरेंडर किया था.
सुप्रीम कोर्ट से आरोपियों ने मांगी थी मोहलत : 2 आरोपी चिमन सिंह और विनोद सिंह राठौड़ ने विशेष न्यायाधीश एट्रोसिटीज की कोर्ट पहुंचकर इसके पहले सरेंडर किया. जग्गी हत्याकांड मामले में शामिल पांच आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट से सरेंडर करने के लिए मोहलत मांगी थी. जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार करते हुए पुलिस विभाग के पूर्व सीएसपी कोतवाली रहे अमरीक सिंह गिल, मौदहापारा के पूर्व थाना प्रभारी सीके पांडेय, पूर्व क्राइम ब्रांच प्रभारी राकेश चंद्र द्विवेदी, याहया ढेबर और सूर्यकांत तिवारी को सरेंडर करने के लिए तीन सप्ताह की मोहलत दी थी.
27 दोषियों की अपील हुई थी खारिज : 4 अप्रैल 2024 को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने जग्गी हत्याकांड मामले के 27 दोषियों की अपील को खारिज किया था. लोअर कोर्ट ने आजीवन कारावास के फैसले को सुरक्षित रखा था. इस मामले से संबंधित 5 लोगों ने सुप्रीम कोर्ट से सरेंडर करने के लिए मोहलत मांगी थी. जिसके बाद मंगलवार को याहया ढेबर ने रायपुर के कोर्ट में सरेंडर कर दिया है.
अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती : इस फैसले के खिलाफ सभी आरोपियों ने निचली अदालत को चुनौती देने के लिए हाईकोर्ट में अपील की थी. लेकिन 21 साल बाद 4 अप्रैल 2024 को हाईकोर्ट बिलासपुर के दिए गए फैसले में निचली अदालत के फैसले को कायम रखा. हाईकोर्ट ने सभी आरोपियों को कोर्ट में सरेंडर करने के निर्देश दिए थे. जग्गी हत्याकांड में शामिल 2 आरोपी बुलटू पाठक और विक्रम शर्मा की मौत हो चुकी है. इसके साथ ही अमित जोगी ने सुप्रीम कोर्ट से स्टे लिया हुआ है.