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सरगुजा में होगा छत्तीसगढ़ का चौथा और देश का 56वां टाइगर रिजर्व, बाघों को मिलेगा नेचुरल आशियाना - Chhattisgarh fourth tiger reserve - CHHATTISGARH FOURTH TIGER RESERVE

सरगुजा की वादियों में बाघों को घूमते अगर आप देखना चाहते हैं तो आपका सपना जल्द सच होने वाला है. छत्तीसगढ़ का चौथा और देश का 56वां टाइगर रिजर्व जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा. टाइगर रिजर्व बनते ही सैलानियों का मेला सरगुजा में लगने लगेगा.

CHHATTISGARH FOURTH TIGER RESERVE
सरगुजा में 56वां टाइगर रिजर्व (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 8, 2024, 7:58 PM IST

Updated : Sep 21, 2024, 5:14 PM IST

सरगुजा: देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व अब सरगुजा में होगा. लम्बे समय से चली आ रही इस मांग को छतीसगढ़ की कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. उत्तर छत्तीसगढ़ के लिए ये बहुत बड़ी सफलता है. घने जंगलों की गोद में बसा सरगुजा अपने प्राकृतिक सुंदरता के लिए पूरे विश्व विख्यात रहा है. सरगुजा के जंगल के वाइल्ड लाइफ के लिए बेहतरीन जगह शुरु से रहे हैं. यहां के घने जंगलों उनको सूट भी करते हैं. आने वाले दिनों में सरगुजा टाइगर रिजर्व अपनी अलग पहचान देश और दुनिया में बनाएगा.

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सरगुजा में 56वां टाइगर रिजर्व (ETV Bharat)

छत्तीसगढ़ का चौथा, देश का 56वां रिजर्व होगा सरगुजा: सरगुजा का टाइगर रिजर्व छतीसगढ़ का चौथा और देश का 56वां टाइगर रिजर्व होगा. इस टाइगर रिजर्व में कोरिया, मनेन्द्रगढ़-भरतपुर-चिरमिरी, सूरजपुर और बलरामपुर जिले का कुछ हिस्सा शामिल होगा. घांसीदास नेशनल पार्क और तमोर पिंगला अभ्यारण्य इस टाइगर रिजर्व में शामिल होंगे. मुख्य रूप से कोरिया जिले के सोनहत क्षेत्र में टाइगर रिजर्व का असर होगा क्योंकि घासीदास नेशनल पार्क का मुख्य गेट सोनहत से करीब 8 किलोमीटर की दूर है. इसके अलावा सूरजपुर, बलरामपुर और एमसीबी जिले का आकर्षण इसके पूर्ण स्वरूप में आने के बाद ही समझ में आएगा.

सरगुजा में 56वां टाइगर रिजर्व (ETV Bharat)

कोर और बफर जोन दोनों होंगे: छतीसगढ़ में पहले से तीन टाइगर रिजर्व मौजूद हैं. जिसमें अचानकमार टाइगर रिजर्व, उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व और इन्द्रावती टाइगर रिजर्व हैं. प्रदेश के सबसे घने वन क्षेत्र सरगुजा में कोई टाइगर रिजर्व नहीं था लिहाजा अब चौथा टाइगर रिजर्व उत्तर छत्तीसगढ़ में होगा. इस टाइगर रिजर्व का कोर और बफर एरिया का कुल क्षेत्रफल लगभग 2829 स्क्वायर किलोमीटर का होगा.

''खुशी की बात है कि मुख्यमंत्री जी की अध्यक्षता में जो मंत्री परिषद की बैठक हुई उसमें सरगुजा क्षेत्र में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया. ये छतीसगढ़ का चौथा टाइगर रिजर्व होगा. इसके पहले छत्तीसगढ़ में अचानकमार टाइगर रिजर्व, उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व और इन्द्रावती टाइगर रिजर्व थे. क्षेत्रफल की दृष्टि से ये देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है. नागार्जुन श्रीशैलम टाइगर रिजर्व और मानस टाइगर रिजर्व के बाद तीसरे स्थान पर ये रहेगा. रही बात इसके इम्पोर्टेंस की तो ये उत्तरी छतीसगढ़ में काफी अच्छा वाइल्ड लाइफ हैबिटेट क्षेत्र रहा है". - सौरभ सिंह ठाकुर, डायरेक्टर, गुरु घांसीदास नेशनल पार्क

बाघों को मिलेगा प्राकृतिक आशियाना: डायरेक्टर सौरभ सिंह ठाकुर ने बताया कि "एरिया के बारे में डिटेल्ड स्टेटमेंट एक बार गजट नोटिफिकेशन में पब्लिकेशन के बाद ही देखने को मिलेगा. जानकारी के लिए अभी इसका जो कोर और बफर जोन एरिया है उसमे कोरिया, एमसीबी, सूरजपुर और बलरामपुर जिले का कुछ एरिया इसमें आ रहा है."

" मैं पर्यावरण संरक्षण के लिए शुरू से काम करता रहा हूं. मुझे इस बात की हमेशा दिक्कत रही है कि सरकार वन अधिकार दे रही है, इससे वनों में अतिक्रमण हो रहा था. कई बार जानवर इंसानों को मार भी देते हैं. रिजर्व बनने से इसपर रोक लगेगी. वहां से इंसानों को विस्थापित किया जाएगा. इंसानों के क्षेत्र में जानवर कभी नहीं आया. इन्सान ही उनके क्षेत्र में जाता है और जंगल तो जानवरों का है उनको वहां रहने दिया जाए." - उत्तम कश्यप,वरिष्ठ पत्रकार, सरगुजा

इंसान और जंगली जीवों का खत्म होगा संघर्ष: कुल मिलाकर सरगुजा संभाग और खासकर कोरिया जिले के लिए ये टाइगर रिजर्व वरदान साबित होने वाला है. जंगली जानवरों को जहां उनका सुरक्षित घर मिलेगा वहीं इंसान भी उनकी आबादी वाले एरिया से दूर रहेंगे.

जानिए कैसा होगा छत्तीसगढ़ का चौथा टाइगर रिजर्व, गुरुघासीदास तमोर पिंगला बाघों का नया ठिकाना - Gurughasidas Tamor Pingla Tiger
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सरगुजा में 56वां टाइगर रिजर्व (ETV Bharat)

छत्तीसगढ़ का चौथा, देश का 56वां रिजर्व होगा सरगुजा: सरगुजा का टाइगर रिजर्व छतीसगढ़ का चौथा और देश का 56वां टाइगर रिजर्व होगा. इस टाइगर रिजर्व में कोरिया, मनेन्द्रगढ़-भरतपुर-चिरमिरी, सूरजपुर और बलरामपुर जिले का कुछ हिस्सा शामिल होगा. घांसीदास नेशनल पार्क और तमोर पिंगला अभ्यारण्य इस टाइगर रिजर्व में शामिल होंगे. मुख्य रूप से कोरिया जिले के सोनहत क्षेत्र में टाइगर रिजर्व का असर होगा क्योंकि घासीदास नेशनल पार्क का मुख्य गेट सोनहत से करीब 8 किलोमीटर की दूर है. इसके अलावा सूरजपुर, बलरामपुर और एमसीबी जिले का आकर्षण इसके पूर्ण स्वरूप में आने के बाद ही समझ में आएगा.

सरगुजा में 56वां टाइगर रिजर्व (ETV Bharat)

कोर और बफर जोन दोनों होंगे: छतीसगढ़ में पहले से तीन टाइगर रिजर्व मौजूद हैं. जिसमें अचानकमार टाइगर रिजर्व, उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व और इन्द्रावती टाइगर रिजर्व हैं. प्रदेश के सबसे घने वन क्षेत्र सरगुजा में कोई टाइगर रिजर्व नहीं था लिहाजा अब चौथा टाइगर रिजर्व उत्तर छत्तीसगढ़ में होगा. इस टाइगर रिजर्व का कोर और बफर एरिया का कुल क्षेत्रफल लगभग 2829 स्क्वायर किलोमीटर का होगा.

''खुशी की बात है कि मुख्यमंत्री जी की अध्यक्षता में जो मंत्री परिषद की बैठक हुई उसमें सरगुजा क्षेत्र में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया. ये छतीसगढ़ का चौथा टाइगर रिजर्व होगा. इसके पहले छत्तीसगढ़ में अचानकमार टाइगर रिजर्व, उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व और इन्द्रावती टाइगर रिजर्व थे. क्षेत्रफल की दृष्टि से ये देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है. नागार्जुन श्रीशैलम टाइगर रिजर्व और मानस टाइगर रिजर्व के बाद तीसरे स्थान पर ये रहेगा. रही बात इसके इम्पोर्टेंस की तो ये उत्तरी छतीसगढ़ में काफी अच्छा वाइल्ड लाइफ हैबिटेट क्षेत्र रहा है". - सौरभ सिंह ठाकुर, डायरेक्टर, गुरु घांसीदास नेशनल पार्क

बाघों को मिलेगा प्राकृतिक आशियाना: डायरेक्टर सौरभ सिंह ठाकुर ने बताया कि "एरिया के बारे में डिटेल्ड स्टेटमेंट एक बार गजट नोटिफिकेशन में पब्लिकेशन के बाद ही देखने को मिलेगा. जानकारी के लिए अभी इसका जो कोर और बफर जोन एरिया है उसमे कोरिया, एमसीबी, सूरजपुर और बलरामपुर जिले का कुछ एरिया इसमें आ रहा है."

" मैं पर्यावरण संरक्षण के लिए शुरू से काम करता रहा हूं. मुझे इस बात की हमेशा दिक्कत रही है कि सरकार वन अधिकार दे रही है, इससे वनों में अतिक्रमण हो रहा था. कई बार जानवर इंसानों को मार भी देते हैं. रिजर्व बनने से इसपर रोक लगेगी. वहां से इंसानों को विस्थापित किया जाएगा. इंसानों के क्षेत्र में जानवर कभी नहीं आया. इन्सान ही उनके क्षेत्र में जाता है और जंगल तो जानवरों का है उनको वहां रहने दिया जाए." - उत्तम कश्यप,वरिष्ठ पत्रकार, सरगुजा

इंसान और जंगली जीवों का खत्म होगा संघर्ष: कुल मिलाकर सरगुजा संभाग और खासकर कोरिया जिले के लिए ये टाइगर रिजर्व वरदान साबित होने वाला है. जंगली जानवरों को जहां उनका सुरक्षित घर मिलेगा वहीं इंसान भी उनकी आबादी वाले एरिया से दूर रहेंगे.

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अचानकमार टाइगर रिजर्व से हटाए जाएंगे तीन गांव, जानिए कैसी होगी विस्थापन प्रक्रिया ? - Achanakmar Tiger Reserve
Last Updated : Sep 21, 2024, 5:14 PM IST
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