सरगुजा: फॉरेस्ट रेस्ट हाउस में कच्ची शराब बनाने की फैक्ट्री का खुलासा पुलिस ने किया है. जांच के दौरान पता चला कि फॉरेस्ट रेस्ट हाउस का गार्ड ही इस धंधे को चला रहा था. पुलिस ने आरोपी गार्ड को पकड़ लिया है. पुलिस की पूछताछ में ये खुलासा हुआ कि पकड़ा गया गार्ड काफी पढ़ा लिखा था. गार्ड ने बीई इलेक्ट्रिकल की पढ़ाई कर रखी थी. लॉकडाउन के दौरान आरोपी का धंधा बंद हो गया उसके बाद उसने रेस्ट हाउस में गार्ड की नौकरी ज्वॉयन कर ली. गार्ड की नौकरी करते हुए उसे शराब की लत लगी और फिर वो बाद में खुद शराब बनाने लगा. पहले उसने थोड़ी मात्रा में शराब बनाई फिर उसे ज्यादा मात्रा में बनाकर बेचने भी लगा. फॉरेस्ट रेस्ट हाउस के परिसर में शराब बनाए जाने के चलते पुलिस को कभी उसपर शक नहीं हुआ.
फॉरेस्ट रेस्ट हाउस परिसर में शराब फैक्ट्री: पुलिस ने शराब गार्ड सहित कुल तीन लोगों को गिरफ्तार किया जिसमें एक नाबालिग भी शामिल है. पुलिस ने मौके से 460 लीटर महुआ शराब बरामद किया. मौके से पुलिस ने शराब बनाने में इस्तेमाल होने वाला सामान भी जब्त किया. पकड़े गए लोगों के खिलाफ पुलिस ने आबकारी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है. पुलिस के मुताबिक पकड़ा गया गार्ड काफी शातिर था. रेस्ट हाउस परिसर में शराब फैक्ट्री होने के चलते किसी को इसकी भनक नहीं लगी थी.
यूट्यूब देखकर शराब बनाने का आया आईडिया: पुलिस की पूछताछ में आरोपी गार्ड ने बताया कि लॉकडाउन में उसका होटल का कारोबार बंद हो गया. उसे शराब पीने की भी लत थी. शराब की लत और पैसे कमाने की चाहत में उसने रेस्ट हाउस परिसर में ही चोरी छुपे शराब फैक्ट्री शुरु कर दी. शराब कैसे बनाना है इसको सीखने के लिए उसने यूट्यूब पर कई वीडियो देखे. आरोपी गार्ड ने जब अपना धंधा बढ़ाना शुरु किया तो उसे डर हुआ कि एक दिन शराब की बदबू से वो पकड़ा जा सकता है. खुद को बचाने और शराब की बदबू को छिपाने के लिए उसने फैक्ट्री के पास ही एक सोखता बना दिया जिससे की शराब की बदबू दबी रहे. आरोपी ने बनने वाली शराब से दुर्गंध को हटाने के लिए उसमें सुगंधित एसेंस भी मिलाना शुरु कर दिया जिससे कि वो पकड़ा नहीं जाए.
शक के घेरे में वन विभाग के अधिकारी: वन विभाग के रेस्ट हाउस में आए दिन अफसर और कर्मचारी आते जाते रहते हैं. कई बार अधिकारी रैंक के लोग भी यहां आकर रुकते हैं. ऐसे में शक जताया जा रहा है कि वन विभाग के क्या वास्तव में शराब बनाए जाने की खबर नहीं थी. माना जा रहा है कि इतने बड़े पैमाने पर शराब बनाया जा रहा हो और उसकी महक और जानकारी वहां पर काम करने वाले कर्मचारियों को हो ऐसा नहीं है.