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जोधपुर भूंगरा अग्निकांड के डेढ़ साल बाद फिर दूल्हा बने सुरेंद्र सिंह, विवाह हुआ संपन्न - Jodhpur Cylinder Blast

Jodhpur Bhungra fire incident, गैस सिलेंडर में धमाकों से 35 लोगों की मौत से डेढ़ साल पहले चर्चा में आया जोधपुर का भूंगरा गांव इस बार फिर सुर्खियों में है, लेकिन इस बार यह सुर्खियां खुशी को लेकर है. जिस दूल्हे के विवाह में उस वक्त ये हादसा हुआ है, वह दूल्हा फिर से विवाह के बंधन में बंध गया.

Surendra Singh becomes groom again after one and a half year of Bhungra fire incident in jodhpur
भूंगरा अग्नि कांड के डेढ़ साल बाद फिर दूल्हा बने सुरेंद्र सिंह, विवाह हुआ सम्पन्न
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 24, 2024, 1:32 PM IST

अग्निकांड के डेढ़ साल बाद फिर दूल्हा बने सुरेंद्र सिंह

जोधपुर. जोधपुर के शेरगढ़ विधानसभा क्षेत्र के भूंगरा गांव में जिस घर में विवाह समारोह के दौरान गैस सिलेंडर फटने से हादसा हुआ था और 35 लोगों की मौत हो गई थी, डेढ़ साल बाद उसी घर में फिर से खुशियां लौट आई. दूल्हे सुरेंद्र सिंह का विवाह खोखसर निवासी ओम कंवर के साथ संपन्न हो गया. खास बात यह रही कि बारात भी उसी घर से गई, जिस घर में हादसा हुआ था और दुल्हन भी वही थी.

ज्ञात रहे कि 8 दिसंबर 2022 को जब सुरेंद्र सिंह की बारात रवाना हो रही थी. उसी दौरान घर में अचानक टेंट में आग लग गई थी. इस दौरान सिलेंडर ब्लास्ट भी हो गया, जिसके चलते बड़ा हादसा हो गया था और विवाह टल गया था. इस हादसे में 35 लोगों की मौत हुई थी. दूल्हा सुरेंद्र सिंह खुद 65 फ़ीसदी झुलस गया था, लंबे उपचार के बाद वह ठीक हुआ.

पढ़ें: भूंगरा में पीड़ा की पराकाष्ठा, अब तक 32 की मौत, अब भी श्मशान में सुलग रही मातमी आग

पूरा परिवार बिखर गया था हादसे में: इस हादसे में सुरेंद्र सिंह का पूरा परिवार बिखर गया था. हादसे में उसके पिता सगत सिंह मां धापू कंवर की मौत के बाद एक साथ अंतिम संस्कार हुआ था. इनके अलावा सुरेद्र सिंह की बहन रसाल कंवर, दो भतीजे रतन सिंह और आईदान सिंह की भी मौत हो गई थी. जलने के बाद बड़ी मां ने भी दम तोड़ दिया था.

यह भी पढें: 8 दिन बाद दूल्हे को मिली अस्पताल से छुट्टी, अभी भी तीन का उपचार जारी

जानें कैसा हुआ था हादसा : 8 दिसंबर, 2022 को जब सुरेंद्र सिंह की बारात रवाना होने वाली थी और घर के चौक में महिलाएं दूल्हे के नेगचार कर रही थी. उसी दौरान वहां रखा गैस सिलेंडर लीक होने लगा और उसकी गैस धीरे-धीरे पूरे पंडाल में फैल गई. इससे आग लग गई और उसमें धमाका हो गया. पंडाल में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे. ऐसे में सभी आग की चपेट में आ गए. पूरे घर में चीख पुकार मच गई. हादसे में सर्वाधिक पीड़ित राजपूत समाज के थे. ऐसे में देश-प्रदेश के राजपूत नेता यहां आए. मृतकों के परिवारों को आर्थिक मदद देने को लेकर आंदोलन भी हुए. सरकार के अलावा कई संस्थानों और भामाशाहों ने भी पीड़ित परिवारों की मदद की थी.

अग्निकांड के डेढ़ साल बाद फिर दूल्हा बने सुरेंद्र सिंह

जोधपुर. जोधपुर के शेरगढ़ विधानसभा क्षेत्र के भूंगरा गांव में जिस घर में विवाह समारोह के दौरान गैस सिलेंडर फटने से हादसा हुआ था और 35 लोगों की मौत हो गई थी, डेढ़ साल बाद उसी घर में फिर से खुशियां लौट आई. दूल्हे सुरेंद्र सिंह का विवाह खोखसर निवासी ओम कंवर के साथ संपन्न हो गया. खास बात यह रही कि बारात भी उसी घर से गई, जिस घर में हादसा हुआ था और दुल्हन भी वही थी.

ज्ञात रहे कि 8 दिसंबर 2022 को जब सुरेंद्र सिंह की बारात रवाना हो रही थी. उसी दौरान घर में अचानक टेंट में आग लग गई थी. इस दौरान सिलेंडर ब्लास्ट भी हो गया, जिसके चलते बड़ा हादसा हो गया था और विवाह टल गया था. इस हादसे में 35 लोगों की मौत हुई थी. दूल्हा सुरेंद्र सिंह खुद 65 फ़ीसदी झुलस गया था, लंबे उपचार के बाद वह ठीक हुआ.

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पूरा परिवार बिखर गया था हादसे में: इस हादसे में सुरेंद्र सिंह का पूरा परिवार बिखर गया था. हादसे में उसके पिता सगत सिंह मां धापू कंवर की मौत के बाद एक साथ अंतिम संस्कार हुआ था. इनके अलावा सुरेद्र सिंह की बहन रसाल कंवर, दो भतीजे रतन सिंह और आईदान सिंह की भी मौत हो गई थी. जलने के बाद बड़ी मां ने भी दम तोड़ दिया था.

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जानें कैसा हुआ था हादसा : 8 दिसंबर, 2022 को जब सुरेंद्र सिंह की बारात रवाना होने वाली थी और घर के चौक में महिलाएं दूल्हे के नेगचार कर रही थी. उसी दौरान वहां रखा गैस सिलेंडर लीक होने लगा और उसकी गैस धीरे-धीरे पूरे पंडाल में फैल गई. इससे आग लग गई और उसमें धमाका हो गया. पंडाल में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे. ऐसे में सभी आग की चपेट में आ गए. पूरे घर में चीख पुकार मच गई. हादसे में सर्वाधिक पीड़ित राजपूत समाज के थे. ऐसे में देश-प्रदेश के राजपूत नेता यहां आए. मृतकों के परिवारों को आर्थिक मदद देने को लेकर आंदोलन भी हुए. सरकार के अलावा कई संस्थानों और भामाशाहों ने भी पीड़ित परिवारों की मदद की थी.

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