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सुप्रीम कोर्ट ने आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु 62 साल करने का फैसला रखा बरकरार, सरकार की एसएलपी खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु 62 साल करने संबंध में हाईकोर्ट के फैसले को सही माना है. साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार की विशेष अनुमति याचिका खारिज कर दी है.

Supreme Court,  government SLP rejected
सुप्रीम कोर्ट ने आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु 62 साल करने का फैसला रखा बरकरार.
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 31, 2024, 8:10 PM IST

जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु साठ साल से बढ़ाकर 62 साल करने के संबंध में हाईकोर्ट की ओर से 13 जुलाई, 2022 को दिए आदेश को सही माना है. इसके साथ ही अदालत ने हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ दायर राज्य सरकार की विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर दिया है.

राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए कहा कि एलोपैथी और आयुर्वेद चिकित्सकों का कार्यक्षेत्र अलग-अलग है. एलोपैथी डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु दो साल बढ़ाना राज्य सरकार का नीतिगत निर्णय था और ऐसा एलोपैथी डॉक्टर्स की जरूरत को ध्यान में रखते हुए किया था, इसलिए एलोपैथी डॉक्टर्स की तरह आयुर्वेद डॉक्टर्स की आयु 60 साल से बढाकर 62 साल करने वाले फैसले को रद्द किया जाए. इसके जवाब में आयुर्वेद डॉक्टर्स की ओर से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में भी एनडीएमसी बनाम डॉ. रामनरेश के मामले में आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु भी 62 साल करने की मंजूरी दी है, इसलिए आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु 60 से बढाकर 62 साल करने का हाईकोर्ट का फैसला सही है और ऐसे में राज्य सरकार की एसएलपी खारिज की जाए.

पढ़ेंः राजस्थान हाईकोर्ट ने पात्र होने के बावजूद दिव्यांग को नियुक्ति नहीं देने पर मांगा जवाब

जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की एसएलपी खारिज कर दी. गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने अपने आदेश में न केवल आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु दो साल बढाई थी, बल्कि यह भी कहा था कि जिन आयुर्वेद डॉक्टर का रिटायरमेंट हाल में हुआ हो और जिनकी आयु 62 साल से कम है उन्हें वापस सेवा में लिया जाए. हाईकोर्ट ने कहा कि जब एलोपैथी डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु 62 साल है तो आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु भी 62 साल की जाए और इसमें किसी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए. आयुर्वेद डॉक्टर्स ने हाईकोर्ट में कहा था कि राज्य सरकार ने 31 मार्च 2016 को एलोपैथी डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु 60 से बढाकर 62 साल कर दी, लेकिन आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु 60 साल ही रखी है.

जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु साठ साल से बढ़ाकर 62 साल करने के संबंध में हाईकोर्ट की ओर से 13 जुलाई, 2022 को दिए आदेश को सही माना है. इसके साथ ही अदालत ने हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ दायर राज्य सरकार की विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर दिया है.

राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए कहा कि एलोपैथी और आयुर्वेद चिकित्सकों का कार्यक्षेत्र अलग-अलग है. एलोपैथी डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु दो साल बढ़ाना राज्य सरकार का नीतिगत निर्णय था और ऐसा एलोपैथी डॉक्टर्स की जरूरत को ध्यान में रखते हुए किया था, इसलिए एलोपैथी डॉक्टर्स की तरह आयुर्वेद डॉक्टर्स की आयु 60 साल से बढाकर 62 साल करने वाले फैसले को रद्द किया जाए. इसके जवाब में आयुर्वेद डॉक्टर्स की ओर से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में भी एनडीएमसी बनाम डॉ. रामनरेश के मामले में आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु भी 62 साल करने की मंजूरी दी है, इसलिए आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु 60 से बढाकर 62 साल करने का हाईकोर्ट का फैसला सही है और ऐसे में राज्य सरकार की एसएलपी खारिज की जाए.

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जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की एसएलपी खारिज कर दी. गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने अपने आदेश में न केवल आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु दो साल बढाई थी, बल्कि यह भी कहा था कि जिन आयुर्वेद डॉक्टर का रिटायरमेंट हाल में हुआ हो और जिनकी आयु 62 साल से कम है उन्हें वापस सेवा में लिया जाए. हाईकोर्ट ने कहा कि जब एलोपैथी डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु 62 साल है तो आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु भी 62 साल की जाए और इसमें किसी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए. आयुर्वेद डॉक्टर्स ने हाईकोर्ट में कहा था कि राज्य सरकार ने 31 मार्च 2016 को एलोपैथी डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु 60 से बढाकर 62 साल कर दी, लेकिन आयुर्वेद डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु 60 साल ही रखी है.

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