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सुप्रीम कोर्ट में ज्ञानवापी में व्यास जी के तहखाना में पूजा मामले की सुनवाई टली, दोनों पक्षों ने दाखिल की आपत्ति - Supreme Court Hearing - SUPREME COURT HEARING

इलाहाबाद हाईकोर्ट पहले ही व्यास जी के तहखाने में पूजा करने का आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई टाल दी है. वहीं, हिंदू और मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति दाखिल कर दी है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 30, 2024, 11:26 AM IST

Updated : Apr 30, 2024, 7:49 PM IST

वाराणसी: सुप्रीम कोर्ट में ज्ञानवापी के व्यास जी के तहखाने में पूजा को लेकर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस ने तीन न्यायाधीशों की पीठ के साथ हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर की गई अंजुमन इंतजामिया की एप्लीकेशन पर सुनवाई अगली तारीख तक के लिए टाल दिया. फिलहाल दोनों पक्षों ने इस प्रकरण में अपनी लिखित आपत्ति दाखिल की है. अभी कोर्ट ने इस मामले में अगली तारीख निर्धारित नहीं किया है.

बता दें कि 31 जनवरी को वाराणसी के जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश ने रिटायर होने से पहले व्यास जी के तहखाना में पूजा पाठ का अधिकार हिंदू पक्ष को दिया था. जिसके बाद मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी कि इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए पूजा पाठ रुकवाई जाए.

लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने उसे वक्त हाईकोर्ट के पहले में गेंद फेंक दी थी. पिछले दिनों हाईकोर्ट की तरफ से पूजा पाठ जारी रखने के आदेश के बाद मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट से फिर गुहार लगाई थी. जिस पर आज सुप्रीम कोर्ट विशेष सुनवाई करेगा.

आज सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका के पक्ष और विपक्ष में दोनों लोग अपना लिखित जवाब दाखिल करेंगे. माना जा रहा है कि प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार्दीवाला और मनोज मिश्रा की खंडपीठ मामले को सुनेगी.

आज दोपहर बाद ज्ञानवापी की अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका पर कोर्ट में सुनवाई होगी. जिसमें विवादित ढांचे के दक्षिणी छोर पर व्यास जी के तहखाना में पूजा अर्चना करने की अनुमति देने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायालय अपना महत्वपूर्ण फैसला भी दे सकता है.

इस याचिका में 26 फरवरी को हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए रोक लगाने की मांग की गई थी. जिस पर कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए 30 अप्रैल तक अपना जवाब दाखिल करने का समय दिया था.

हिंदू पक्ष का दावा है कि 1993 तक सोमनाथ व्यास का परिवार इस तहखाना में पूजा पाठ करता था और बिना किसी सूचना या बिना किसी आदेश से प्रशासन ने इस पर रोक लगा दी थी. हिंदू पक्ष का यह भी दावा है की जमीन पर एक प्राचीन मंदिर था जिसका एक हिस्सा 17वीं शताब्दी में औरंगजेब ने तुड़वा दिया था.

वहीं, मुस्लिम पक्ष शुरू हुई पूजा पाठ का विरोध कर रहा है. मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यहां पर पूजा पाठ कभी नहीं होता था बल्कि कुछ सामान रखे जाते थे. नई प्रथा की शुरुआत करके मुकदमे को दूसरे तरफ मोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. इस संदर्भ में आज कोर्ट में महत्वपूर्ण सुनवाई होगी.

ये भी पढ़ेंः ज्ञानवापी परिसर में मुस्लिम पक्ष का प्रवेश रोकने की अपील

वाराणसी: सुप्रीम कोर्ट में ज्ञानवापी के व्यास जी के तहखाने में पूजा को लेकर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस ने तीन न्यायाधीशों की पीठ के साथ हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर की गई अंजुमन इंतजामिया की एप्लीकेशन पर सुनवाई अगली तारीख तक के लिए टाल दिया. फिलहाल दोनों पक्षों ने इस प्रकरण में अपनी लिखित आपत्ति दाखिल की है. अभी कोर्ट ने इस मामले में अगली तारीख निर्धारित नहीं किया है.

बता दें कि 31 जनवरी को वाराणसी के जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश ने रिटायर होने से पहले व्यास जी के तहखाना में पूजा पाठ का अधिकार हिंदू पक्ष को दिया था. जिसके बाद मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी कि इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए पूजा पाठ रुकवाई जाए.

लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने उसे वक्त हाईकोर्ट के पहले में गेंद फेंक दी थी. पिछले दिनों हाईकोर्ट की तरफ से पूजा पाठ जारी रखने के आदेश के बाद मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट से फिर गुहार लगाई थी. जिस पर आज सुप्रीम कोर्ट विशेष सुनवाई करेगा.

आज सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका के पक्ष और विपक्ष में दोनों लोग अपना लिखित जवाब दाखिल करेंगे. माना जा रहा है कि प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार्दीवाला और मनोज मिश्रा की खंडपीठ मामले को सुनेगी.

आज दोपहर बाद ज्ञानवापी की अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका पर कोर्ट में सुनवाई होगी. जिसमें विवादित ढांचे के दक्षिणी छोर पर व्यास जी के तहखाना में पूजा अर्चना करने की अनुमति देने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायालय अपना महत्वपूर्ण फैसला भी दे सकता है.

इस याचिका में 26 फरवरी को हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए रोक लगाने की मांग की गई थी. जिस पर कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए 30 अप्रैल तक अपना जवाब दाखिल करने का समय दिया था.

हिंदू पक्ष का दावा है कि 1993 तक सोमनाथ व्यास का परिवार इस तहखाना में पूजा पाठ करता था और बिना किसी सूचना या बिना किसी आदेश से प्रशासन ने इस पर रोक लगा दी थी. हिंदू पक्ष का यह भी दावा है की जमीन पर एक प्राचीन मंदिर था जिसका एक हिस्सा 17वीं शताब्दी में औरंगजेब ने तुड़वा दिया था.

वहीं, मुस्लिम पक्ष शुरू हुई पूजा पाठ का विरोध कर रहा है. मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यहां पर पूजा पाठ कभी नहीं होता था बल्कि कुछ सामान रखे जाते थे. नई प्रथा की शुरुआत करके मुकदमे को दूसरे तरफ मोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. इस संदर्भ में आज कोर्ट में महत्वपूर्ण सुनवाई होगी.

ये भी पढ़ेंः ज्ञानवापी परिसर में मुस्लिम पक्ष का प्रवेश रोकने की अपील

Last Updated : Apr 30, 2024, 7:49 PM IST
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