भोपाल। मध्यप्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग एवं जनजातीय विभाग अब प्राथमिक शिक्षकों के पद बीएड डिग्रीधारियों की नियुक्ति नहीं कर सकेंगे. इसके साथ ही 11 अगस्त 2023 के बाद नियुक्त हुए ऐसे प्राथमिक शिक्षकों को हटाया जाएगा. यह आदेश सुप्रीम कोर्ट की विशेष बेंच ने दिया है. 8 अप्रैल को जारी किए गए आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 11 अगस्त 2023 के बाद बीएड डिग्री वालों की प्राथमिक शिक्षकों के पद पर सभी प्रकार की नियुक्तियां अवैध हैं. हालांकि इससे पहले यह मामला मध्यप्रदेश हाइकोर्ट में भी चल रहा है, जिसकी सुनवाई होने वाली है.
प्राथमिक शिक्षकों के लिए डीएलएड अनिवार्य
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई से पहले 8 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया. इसके अनुसार प्राथमिक शिक्षक के पद पर बीएड डिग्रीधारियों की किसी प्रकार की नियुक्ति को अवैध है. प्राथमिक शिक्षकों के लिए डीएलएड अनिवार्य होगा. अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले के अनुसार जिस नौकरी में प्राथमिक शिक्षक पदों पर डीएलएड की डिग्री अनिवार्य है, उन पदों पर बीएड धारकों की नियुक्ति सरकार कैसे कर सकती है.
ये खबरें भी पढ़ें... |
एमपी हाईकोर्ट में अभी दर्जनभर याचिकाएं लंबित
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में इस संबंध में एक दर्जन याचिकाएं लंबित हैं. ये सभी याचिकाएं डीएलएड अभ्यर्थियों द्वारा लगाई गई हैं. इसमें मध्य प्रदेश शिक्षक सेवा संवर्ग में बीएड डिग्रीधारकों की नियुक्तियों की संवैधानिकता को चुनौती दी गई है. बता दें कि शिक्षकों की भर्ती के मामले में डीएलएड व बीएड डिग्रीधारियों को लेकर समय -समय पर विवाद सामने आते रहते हैं. अब सारी नजरें हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं.