ETV Bharat / state

69000 शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर लगाई रोक; फिलहाल नहीं बनेगी नई मेरिट लिस्ट - 69 Thousand Teachers Recruitment

author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 9, 2024, 4:39 PM IST

Updated : Sep 9, 2024, 7:42 PM IST

यूपी की 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश फिलहाल निलंबित रहेगा. सीजेआई ने सभी पक्षकारों से लिखित नोट दाखिल करने की बात कही है. कहा कि इसके बाद इस पर फाइनल सुनवाई की जाएगी.

Etv Bharat
69 हजार शिक्षक भर्ती में सुप्रीम कोर्ट का कड़ा फैसला. (Photo Credit; ETV Bharat Archive)

लखनऊ: यूपी में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है. मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है. चीफ जस्टिस ने पिछले महीने हाई कोर्ट की तरफ से जारी आदेश को निलंबित करते हुए 23 सितंबर को अगली सुनवाई की तारीख तय की है. फिलहाल अब नई मेरिट लिस्ट नहीं बनेगी और मामले में यथास्थिति बनी रहेगी.

बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच की ओर से शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट रद किए जाने से हजारों टीचर्स की नौकरी पर खतरा मंडराने लगा था. सोमवार को मामले पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश फिलहाल निलंबित रहेगा. सीजेआई ने राज्य सरकार व अन्य पक्षकारों से लिखित नोट दाखिल करने की बात कही है. कहा कि इसके बाद इस पर फाइनल सुनवाई की जाएगी.

इससे पहले अगस्त 2024 में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में लखनऊ हाईकोर्ट की डबल बेंच ने बड़ा फैसला सुनाते हुए मेरिट लिस्ट रद कर दी थी. इसके साथ ही सरकार को आरक्षण नियमावली और बेसिक शिक्षा नियमावली का पालन करने का आदेश देते हुए नई मेरिट लिस्ट बनाने का निर्देश दिया था.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने जून 2020 और जनवरी 2022 में जारी उत्तर प्रदेश के शिक्षकों की चयन सूचियों को रद करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया है.

अखिलेश यादव बोले, शिक्षक भर्ती मामले में उप्र की सरकार दोहरा खेल न खेले: 69000 शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट के हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर लिखा है, भाजपा सरकार नौकरी देने वाली सरकार नहीं है. 69000 शिक्षक भर्ती मामले में उप्र की सरकार दोहरा खेल न खेले.

इस दोहरी सियासत से दोनों पक्ष के अभ्यर्थियों को ठगने और सामाजिक, आर्थिक व मानसिक रूप से ठेस पहुंचाने का काम भाजपा सरकार न करे. उप्र की भाजपा सरकार की भ्रष्ट प्रक्रिया का परिणाम अभ्यर्थी क्यों भुगतें. जो काम 3 दिन में हो सकता था, उसके लिए 3 महीने का इंतजार करना और ढिलाई बरतना बताता है कि भाजपा सरकार किस तरह से नई सूची को जानबूझकर न्यायिक प्रक्रिया में उलझाना व सुप्रीम कोर्ट ले जाकर शिक्षक भर्ती को फिर से लंबे समय के लिए टालना चाह रही है. सुप्रीम कोर्ट ले जाकर भर्ती लटकाने की भाजपाई चालबाजी को अभ्यर्थी समझ रहे हैं. उप्र भाजपा सरकार का ऐसा आचरण घोर निंदनीय है, भाजपा न इनकी सगी है, न उनकी.

ये भी पढ़ेंः 69 हजार शिक्षक भर्ती का बवाल; यूपी सरकार के पास एक विकल्प, क्या सीएम योगी सीटें बढ़ाकर करेंगे एडजस्ट

लखनऊ: यूपी में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है. मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है. चीफ जस्टिस ने पिछले महीने हाई कोर्ट की तरफ से जारी आदेश को निलंबित करते हुए 23 सितंबर को अगली सुनवाई की तारीख तय की है. फिलहाल अब नई मेरिट लिस्ट नहीं बनेगी और मामले में यथास्थिति बनी रहेगी.

बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच की ओर से शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट रद किए जाने से हजारों टीचर्स की नौकरी पर खतरा मंडराने लगा था. सोमवार को मामले पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश फिलहाल निलंबित रहेगा. सीजेआई ने राज्य सरकार व अन्य पक्षकारों से लिखित नोट दाखिल करने की बात कही है. कहा कि इसके बाद इस पर फाइनल सुनवाई की जाएगी.

इससे पहले अगस्त 2024 में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में लखनऊ हाईकोर्ट की डबल बेंच ने बड़ा फैसला सुनाते हुए मेरिट लिस्ट रद कर दी थी. इसके साथ ही सरकार को आरक्षण नियमावली और बेसिक शिक्षा नियमावली का पालन करने का आदेश देते हुए नई मेरिट लिस्ट बनाने का निर्देश दिया था.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने जून 2020 और जनवरी 2022 में जारी उत्तर प्रदेश के शिक्षकों की चयन सूचियों को रद करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया है.

अखिलेश यादव बोले, शिक्षक भर्ती मामले में उप्र की सरकार दोहरा खेल न खेले: 69000 शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट के हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर लिखा है, भाजपा सरकार नौकरी देने वाली सरकार नहीं है. 69000 शिक्षक भर्ती मामले में उप्र की सरकार दोहरा खेल न खेले.

इस दोहरी सियासत से दोनों पक्ष के अभ्यर्थियों को ठगने और सामाजिक, आर्थिक व मानसिक रूप से ठेस पहुंचाने का काम भाजपा सरकार न करे. उप्र की भाजपा सरकार की भ्रष्ट प्रक्रिया का परिणाम अभ्यर्थी क्यों भुगतें. जो काम 3 दिन में हो सकता था, उसके लिए 3 महीने का इंतजार करना और ढिलाई बरतना बताता है कि भाजपा सरकार किस तरह से नई सूची को जानबूझकर न्यायिक प्रक्रिया में उलझाना व सुप्रीम कोर्ट ले जाकर शिक्षक भर्ती को फिर से लंबे समय के लिए टालना चाह रही है. सुप्रीम कोर्ट ले जाकर भर्ती लटकाने की भाजपाई चालबाजी को अभ्यर्थी समझ रहे हैं. उप्र भाजपा सरकार का ऐसा आचरण घोर निंदनीय है, भाजपा न इनकी सगी है, न उनकी.

ये भी पढ़ेंः 69 हजार शिक्षक भर्ती का बवाल; यूपी सरकार के पास एक विकल्प, क्या सीएम योगी सीटें बढ़ाकर करेंगे एडजस्ट

Last Updated : Sep 9, 2024, 7:42 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.