नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मुख्यमंत्री आतिशी को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने भाजपा नेता राजीव बब्बर की ओर से दाखिल आपराधिक मानहानि के मामले में ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगा दी है. साथ ही दिल्ली पुलिस और बब्बर से याचिका पर जवाब मांगा है. दोनों AAP नेता ने सुप्रीम कोर्ट में अपने खिलाफ दर्ज मानहानि मामले को रद्द करने से इनकार करने वाले हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है. जस्टिस हृषिकेश रॉय और एसवीएन भट्टी की पीठ ने मामले में नोटिस जारी किया और ट्रायल कोर्ट में कार्यवाही पर रोक लगा दी.
आतिशी और केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मानहानि का मामला राजीव बब्बर ने दिल्ली भाजपा के अधिकृत प्रतिनिधि के रूप में दायर किया है. उन्होंने कहा, "बीजेपी, न तो केंद्र और न ही दिल्ली, ने कोई शिकायत दर्ज नहीं की है. राजीव बब्बर वह व्यक्ति नहीं है, जिनकी मैंने कथित तौर पर मानहानि की है. दोनों ने दिल्ली हाईकोर्ट के 2 सितंबर के आदेश को चुनौती दी है, जिसने मतदाताओं के नाम कथित रूप से हटाने के बारे में उनकी टिप्पणियों पर उनके और अन्य AAP नेताओं के खिलाफ कार्यवाही को रद्द करने से इनकार कर दिया था. इसमें कहा गया था कि आरोपों ने प्रथम दृष्टया भाजपा की प्रतिष्ठा को कम किया है.
हाईकोर्ट ने कहा था कि आरोप प्रथम दृष्टया भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बदनाम करने और अनुचित राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के इरादे से मानहानि करने वाले थे. इसने आतिशी, केजरीवाल और दो अन्य - आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार गुप्ता और पार्टी नेता मनोज कुमार की याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें निचली अदालत के समक्ष लंबित मानहानि की कार्यवाही को चुनौती दी गई थी.
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