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ममता बनर्जी के खिलाफ पश्चिम बंगाल में संन्यासियों की स्वाभिमान यात्रा को काशी के संतों ने दिया समर्थन - Mamta Banerjee attack hindu monks

रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ के संतों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणी के विरोध में आज रैली निकालने का ऐलान किया है. वाराणसी के संतों ने इसका समर्थन किया है.

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स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती (Etv Bharat reporter)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 24, 2024, 10:58 AM IST

स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने पश्चिम बंगाल के सन्यासियों को दिया समर्थन (etv bharat reporter)

वाराणसी: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर बवाल शांत होने का नाम ही नहीं ले रहा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संन्यासियों के ओबीसी आरक्षण को लेकर बयान दिया था. इस बयान को लेकर शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में संन्यासी स्वाभिमान यात्रा निकालने जा रहे हैं. इसका समर्थन काशी के संत समाज ने किया है. वहीं, अखिल भारतीय संत समिति ने भी इस यात्रा का समर्थन किया है.

बताते चले, कि पश्चिम बंगाल में आज स्वाभिमान यात्रा संन्यासियों द्वारा निकाली जा रही है. इसमें रामकृष्ण मिशन और भारत सेवा संघ के साधु संत संन्यासी यात्रा निकालने जा रहे हैं. विश्व हिंदू परिषद बंगीय समाज के साधु संत भी इस स्वाभिमान यात्रा में शामिल होंगे. इसके साथ ही जलपाईगुड़ी में साधु-संतों पर हुए हमले का भी विरोध इस यात्रा के माध्यम से किया जाएगा.

इसे भी पढ़े-काशी से मथुरा भेजा गया 3000 किलो का घंटा, 8 किलोमीटर तक सुनाई देगी आवाज, जानें क्या है खासियत - 3000 Kg Bell

काशी से स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा, पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा जिस प्रकार से अवांछनीय टिप्पणी भारत सेवा संघ और रामकृष्ण मिशन समेत सभी सनातन सभी भगवाधारी पर दिया की गई है, वह उनकी राजनीतिक मृत्यु का कारण बनेगा. पश्चिम बंगाल वीरों की भूमि है. संन्यासियों की भूमि है. स्वामी रामकृष्ण परमहंस, स्वामी प्रवनाद नंद, स्वामी विवेकानंद की पवित्र भूमि है.

जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा, कि संतों की पवित्र भूमि तंत्र आचार्य और सर्वानंद की भूमि पर संतों को गाली देना उचित नहीं है. अखिल भारतीय संत समिति कोलकाता में होने वाली संतों की स्वाभिमान रैली का पूर्ण समर्थन करता है. इसके साथ ही यह कामना भी करती है कि पश्चिम बंगाल की धरती पर सन्यासी विद्रोह की गाथा पुनः लिखी जाए. सनातन धर्म की विजय गाथा को दुनिया में कोई रोक नहीं सकता.


यह भी पढ़े-स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती बोले- सनातन पर टिप्पणी को लेकर आंदोलन करेंगे, स्टालिन की बर्खास्तगी की मांग करेंगे

स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने पश्चिम बंगाल के सन्यासियों को दिया समर्थन (etv bharat reporter)

वाराणसी: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर बवाल शांत होने का नाम ही नहीं ले रहा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संन्यासियों के ओबीसी आरक्षण को लेकर बयान दिया था. इस बयान को लेकर शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में संन्यासी स्वाभिमान यात्रा निकालने जा रहे हैं. इसका समर्थन काशी के संत समाज ने किया है. वहीं, अखिल भारतीय संत समिति ने भी इस यात्रा का समर्थन किया है.

बताते चले, कि पश्चिम बंगाल में आज स्वाभिमान यात्रा संन्यासियों द्वारा निकाली जा रही है. इसमें रामकृष्ण मिशन और भारत सेवा संघ के साधु संत संन्यासी यात्रा निकालने जा रहे हैं. विश्व हिंदू परिषद बंगीय समाज के साधु संत भी इस स्वाभिमान यात्रा में शामिल होंगे. इसके साथ ही जलपाईगुड़ी में साधु-संतों पर हुए हमले का भी विरोध इस यात्रा के माध्यम से किया जाएगा.

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काशी से स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा, पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा जिस प्रकार से अवांछनीय टिप्पणी भारत सेवा संघ और रामकृष्ण मिशन समेत सभी सनातन सभी भगवाधारी पर दिया की गई है, वह उनकी राजनीतिक मृत्यु का कारण बनेगा. पश्चिम बंगाल वीरों की भूमि है. संन्यासियों की भूमि है. स्वामी रामकृष्ण परमहंस, स्वामी प्रवनाद नंद, स्वामी विवेकानंद की पवित्र भूमि है.

जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा, कि संतों की पवित्र भूमि तंत्र आचार्य और सर्वानंद की भूमि पर संतों को गाली देना उचित नहीं है. अखिल भारतीय संत समिति कोलकाता में होने वाली संतों की स्वाभिमान रैली का पूर्ण समर्थन करता है. इसके साथ ही यह कामना भी करती है कि पश्चिम बंगाल की धरती पर सन्यासी विद्रोह की गाथा पुनः लिखी जाए. सनातन धर्म की विजय गाथा को दुनिया में कोई रोक नहीं सकता.


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