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सुपौल का 9 साल का बच्चा बना बनारस का एडीजी, पुलिस ने दी सलामी...मगर वहां मौजूद हर आंख क्यों हुई नम? - Banaras ADG

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jun 26, 2024, 10:43 PM IST

PRABHAT RANJAN BHARTI वाराणसी जोन के एडीजी कार्यालय में मंगलवार को सुपौल के नौ साल के बच्चे ने सशस्त्र एडीजी का चार्ज संभाला. चौंकिये मत! दरअसल, बच्चा कैंसर पीड़ित है. उसकी अंतिम इच्छा आईपीएस अफसर बनने की है. बच्चे के इस सपने को पूरा करने के लिए वाराणसी जोन के एडीजी पीयूष मोर्डिया ने उसे एक दिन के लिए कार्यभार सौंपा. पढ़ें, विस्तार से.

गुलदस्ता देकर स्वागत किया गया.
गुलदस्ता देकर स्वागत किया गया. (ETV Bharat.)

सुपौलः वाराणसी जोन के एडीजी कार्यालय में मंगलवार का दिन बेहद खास और भावुक रहा, जब सुपौल के नौ साल के कैंसर पीड़ित बच्चे ने सशस्त्र एडीजी का चार्ज संभाला. यह कोई साधारण घटना नहीं थी, बल्कि बच्चे की अंतिम इच्छा पूरी करने का एक अनोखा और दिल को छू जाने वाला प्रयास था. आईपीएस बनने का सपना देखने वाले इस बच्चे के सपने को साकार करने के लिए वाराणसी जोन के एडीजी पीयूष मोर्डिया ने उसे एक दिन के लिए कार्यभार सौंपा. न केवल बच्चे की आंखों में खुशी झलकी, बल्कि वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम हो गईं.

बनारस में चल रहा इलाजः बालक का नाम प्रभात रंजन भारती है. प्रतापगंज प्रखंड के तेकुना वार्ड नंबर 06 निवासी रंजीत दास व संजू देवी का पुत्र है. उसकी उम्र नौ वर्ष है. प्रभात ब्रेन कैंसर से पीड़ित है. लहरतारा स्थित टाटा मेमोरियल सेंटर के अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है. मेक ए विश नामक संस्था की ओर से गंभीर रूप से पीड़ित बच्चों की इच्छाओं को पूरा कराया जाता है. संस्था के सदस्यों ने कैंसर हॉस्पिटल में प्रभात से मुलाकात की तो उसने आईपीएस बनने की इच्छा जाहिर की. इसकी जानकारी होने पर वाराणसी जोन के एडीजी पीयूष मोर्डिया ने मंगलवार को बच्चे को उसके पिता रंजीत और मां संजू के साथ बुलाया.

बनारस का एडीजी बना.
बनारस का एडीजी बना. (ETV Bharat.)

गार्ड ने सलामी दीः प्रभात रंजन की इच्छा पर उसे एक दिन का एडीजी बनाया गया. प्रभात ने सशस्त्र बल के साथ एडीजी का चार्ज लिया. पूरी प्रक्रिया के बीच आफिस में पुलिसकर्मियों और गार्ड ने सलामी दी. एक दिन के एडीजी ने कार्यालय और परेड का निरीक्षण किया. मंगलवार को एडीजी चार्ज लेने के बाद आईपीएस पीयूष मोर्डिया ने प्रभात को गुलदस्ता भेंट किया. इसके बाद पुलिस टीम की मौजूदगी में ससम्मान अपनी कुर्सी पर बैठाया. कार्यालय के सभी पुलिसकर्मी प्रभात से मिले और सलामी दी. इसके बाद जिप्सी में बैठकर प्रभात को भ्रमण कराया गया. प्रभात यूकेजी का छात्र है, पिछले साल उसके कैंसर होने की जानकारी हुई. इच्छा पूरी होने के बाद छात्र खुश नजर आया.

परिजनों के साथ कैंसर पीड़ित बच्चा.
परिजनों के साथ कैंसर पीड़ित बच्चा. (ETV Bharat.)

दादा ने एडीजी के प्रति जताया आभारः प्रभात के दादा सतन दास ने बताया कि उनके नन्‍हे पोते की इच्छा पूरी कर एडीजी साहब ने मानवता व पुलिस धर्म का पालन किया है. हम उनके प्रति आभार प्रकट करते हैं. कहा कि प्रभात रंजन नवंबर-दिसंबर 2023 में बीमार पड़ा. जब उसे विराटनगर नेपाल अस्पताल में जांच करवाया तो पता चला कि वह उसे कैंसर हो गया है. डॉक्टर ने बनारस रेफर कर दिया. पीड़ित बच्‍चे के पिता जीविका प्रतापगंज में कार्यरत है. प्रभात रंजन के तीन भाई बहन हैं. जिसमें वह सबसे बड़ा है. एक भाई 03 वर्ष का एवं एक बहन 05 वर्ष की है.

नगर भ्रमण पर जाते कैंसर पीड़ित बच्चा.
नगर भ्रमण पर जाते कैंसर पीड़ित बच्चा. (ETV Bharat.)

इसे भी पढ़ेंः लव मैरिज का खौफनाक अंजाम, पिता ने करवाया था अपहरण, अब कब्र खोदकर पुलिस ने निकाला शव - Dead body recovered digging

सुपौलः वाराणसी जोन के एडीजी कार्यालय में मंगलवार का दिन बेहद खास और भावुक रहा, जब सुपौल के नौ साल के कैंसर पीड़ित बच्चे ने सशस्त्र एडीजी का चार्ज संभाला. यह कोई साधारण घटना नहीं थी, बल्कि बच्चे की अंतिम इच्छा पूरी करने का एक अनोखा और दिल को छू जाने वाला प्रयास था. आईपीएस बनने का सपना देखने वाले इस बच्चे के सपने को साकार करने के लिए वाराणसी जोन के एडीजी पीयूष मोर्डिया ने उसे एक दिन के लिए कार्यभार सौंपा. न केवल बच्चे की आंखों में खुशी झलकी, बल्कि वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम हो गईं.

बनारस में चल रहा इलाजः बालक का नाम प्रभात रंजन भारती है. प्रतापगंज प्रखंड के तेकुना वार्ड नंबर 06 निवासी रंजीत दास व संजू देवी का पुत्र है. उसकी उम्र नौ वर्ष है. प्रभात ब्रेन कैंसर से पीड़ित है. लहरतारा स्थित टाटा मेमोरियल सेंटर के अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है. मेक ए विश नामक संस्था की ओर से गंभीर रूप से पीड़ित बच्चों की इच्छाओं को पूरा कराया जाता है. संस्था के सदस्यों ने कैंसर हॉस्पिटल में प्रभात से मुलाकात की तो उसने आईपीएस बनने की इच्छा जाहिर की. इसकी जानकारी होने पर वाराणसी जोन के एडीजी पीयूष मोर्डिया ने मंगलवार को बच्चे को उसके पिता रंजीत और मां संजू के साथ बुलाया.

बनारस का एडीजी बना.
बनारस का एडीजी बना. (ETV Bharat.)

गार्ड ने सलामी दीः प्रभात रंजन की इच्छा पर उसे एक दिन का एडीजी बनाया गया. प्रभात ने सशस्त्र बल के साथ एडीजी का चार्ज लिया. पूरी प्रक्रिया के बीच आफिस में पुलिसकर्मियों और गार्ड ने सलामी दी. एक दिन के एडीजी ने कार्यालय और परेड का निरीक्षण किया. मंगलवार को एडीजी चार्ज लेने के बाद आईपीएस पीयूष मोर्डिया ने प्रभात को गुलदस्ता भेंट किया. इसके बाद पुलिस टीम की मौजूदगी में ससम्मान अपनी कुर्सी पर बैठाया. कार्यालय के सभी पुलिसकर्मी प्रभात से मिले और सलामी दी. इसके बाद जिप्सी में बैठकर प्रभात को भ्रमण कराया गया. प्रभात यूकेजी का छात्र है, पिछले साल उसके कैंसर होने की जानकारी हुई. इच्छा पूरी होने के बाद छात्र खुश नजर आया.

परिजनों के साथ कैंसर पीड़ित बच्चा.
परिजनों के साथ कैंसर पीड़ित बच्चा. (ETV Bharat.)

दादा ने एडीजी के प्रति जताया आभारः प्रभात के दादा सतन दास ने बताया कि उनके नन्‍हे पोते की इच्छा पूरी कर एडीजी साहब ने मानवता व पुलिस धर्म का पालन किया है. हम उनके प्रति आभार प्रकट करते हैं. कहा कि प्रभात रंजन नवंबर-दिसंबर 2023 में बीमार पड़ा. जब उसे विराटनगर नेपाल अस्पताल में जांच करवाया तो पता चला कि वह उसे कैंसर हो गया है. डॉक्टर ने बनारस रेफर कर दिया. पीड़ित बच्‍चे के पिता जीविका प्रतापगंज में कार्यरत है. प्रभात रंजन के तीन भाई बहन हैं. जिसमें वह सबसे बड़ा है. एक भाई 03 वर्ष का एवं एक बहन 05 वर्ष की है.

नगर भ्रमण पर जाते कैंसर पीड़ित बच्चा.
नगर भ्रमण पर जाते कैंसर पीड़ित बच्चा. (ETV Bharat.)

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