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खरमास में भूलकर भी ना करें ये काम वरना हो जाएंगे कंगाल

Kharmas 2024: खरमास आज से शुरू हो जाएगा. अब से एक माह तक कोई भी शुभ कार्य नहीं होंगे. खरमास में अगर कोई व्यापार शुरू करता है तो आगे चलकर उस इंसान के जीवन में कई तरह की दिक्कतें आती है. आइए पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी से जानते हैं कि खरमास में क्या करना चाहिए, क्या नहीं करना चाहिए.

Kharmas 2024
खरमास 2024
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Mar 13, 2024, 8:06 PM IST

Updated : Mar 14, 2024, 3:09 PM IST

खरमास में भूलकर भी ना करें ये काम

रायपुर: वैदिक पंचांग के मुताबिक जब ग्रहों के राजा सूर्य मीन या फिर धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो ये समय खरमास कहलाता है. साल में दो बार खरमास लगता है. साल 2024 में 14 मार्च यानी गुरुवार को दोपहर 12:23 पर सूर्य मीन राशि में प्रवेश कर रहे हैं. मीन संक्रांति के साथ ही खरमास भी आरंभ हो रहा है. जब सूर्य मेष राशि में प्रवेश कर जाएंगे तो खरमास समाप्त हो जाएगा. इसे मलमास भी कहा जाता है. हिंदू शास्त्रों के अनुसार खरमास के दौरान किसी भी तरह के मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है.

जानिए क्या कहते हैं ज्योतिष: इस बारे में अधिक जानकारी के लिए ईटीवी भारत ने पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी से बातचीत की. उन्होंने बताया कि खरमास के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए. पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी ने बताया कि, "ग्रहों के राजा सूर्य 14 मार्च को मीन राशि में प्रवेश कर रहे हैं. इसके साथ ही खरमास का आरंभ हो जाएगा. 13 अप्रैल को सूर्य मेष राशि में प्रवेश करेंगे. इसके बाद खरमास खत्म हो जाएगा. खरमास के दौरान मांगलिक कार्यों की मनाही होती है. जब सूर्य गुरु की राशि यानी मीन या धनु राशि में प्रवेश करते हैं. ऐसे समय में गुरु काफी कमजोर माना जाता है. इस समय शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है, क्योंकि गुरु का शुभ प्रभाव नहीं पड़ता. इस दौरान शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्यों को नहीं किया जाता. इसके साथ ही गृह प्रवेश, मुंडन के साथ ही 16 संस्कारों को करने की मनाही होती है. इस दौरान कोई भी जातक नया बिजनेस, नया कार्य या फिर नया दुकान भी शुरू नहीं कर सकता."

खरमास पर क्या न करें: खरमास के दौरान शादी-विवाह या फिर इससे संबंधित कोई भी कार्य जैसे सगाई, तिलक, बेटी की विदाई आदि करने की मनाही होती है. ऐसा माना जाता है कि खरमास के दौरान ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो जाती है. खरमास के दौरान गृह प्रवेश नहीं किया जाता, इससे घर में दोष लगता है. खरमास के दौरान नए व्यापार का शुरुआत भी नहीं की जाती है क्योंकि ऐसा करने से नए कार्य में कोई ना कोई मुश्किल या अड़चन आ जाती है. खरमास के दौरान मुंडन, जनेऊ संस्कार के साथ ही 16 संस्कारों को भी करने की मनाही होती है. व्यापार भी नहीं शुरू किया जाता वरना कंगाल जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है.

खरमास पर करें ये काम: खरमास के दौरान रोजाना सूर्य देव को अर्ध्य देना चाहिए. इसके साथ ही तांबे के लोटे में जल सिंदूर लालफूल और अक्षत डाल दें. खरमास के दौरान जप-तप और दान करने का विशेष महत्व माना गया है. इन कामों को करने से हर तरह के दोषों से मुक्ति मिल सकती है. खरमास के एक माह के दौरान गंगा या अन्य पवित्र नदी में स्नान जरूर करना चाहिए. इस दौरान पुण्य फल की प्राप्ति होती है. खरमास के दौरान गौमाता और ब्रह्मण आदि की सेवा सत्कार जरूर करना चाहिए. खरमास में 1 महीने के दौरान एक बार जरूर किसी न किसी तीर्थ स्थल में जाना चाहिए.

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खरमास में भूलकर भी ना करें ये काम

रायपुर: वैदिक पंचांग के मुताबिक जब ग्रहों के राजा सूर्य मीन या फिर धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो ये समय खरमास कहलाता है. साल में दो बार खरमास लगता है. साल 2024 में 14 मार्च यानी गुरुवार को दोपहर 12:23 पर सूर्य मीन राशि में प्रवेश कर रहे हैं. मीन संक्रांति के साथ ही खरमास भी आरंभ हो रहा है. जब सूर्य मेष राशि में प्रवेश कर जाएंगे तो खरमास समाप्त हो जाएगा. इसे मलमास भी कहा जाता है. हिंदू शास्त्रों के अनुसार खरमास के दौरान किसी भी तरह के मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है.

जानिए क्या कहते हैं ज्योतिष: इस बारे में अधिक जानकारी के लिए ईटीवी भारत ने पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी से बातचीत की. उन्होंने बताया कि खरमास के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए. पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी ने बताया कि, "ग्रहों के राजा सूर्य 14 मार्च को मीन राशि में प्रवेश कर रहे हैं. इसके साथ ही खरमास का आरंभ हो जाएगा. 13 अप्रैल को सूर्य मेष राशि में प्रवेश करेंगे. इसके बाद खरमास खत्म हो जाएगा. खरमास के दौरान मांगलिक कार्यों की मनाही होती है. जब सूर्य गुरु की राशि यानी मीन या धनु राशि में प्रवेश करते हैं. ऐसे समय में गुरु काफी कमजोर माना जाता है. इस समय शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है, क्योंकि गुरु का शुभ प्रभाव नहीं पड़ता. इस दौरान शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्यों को नहीं किया जाता. इसके साथ ही गृह प्रवेश, मुंडन के साथ ही 16 संस्कारों को करने की मनाही होती है. इस दौरान कोई भी जातक नया बिजनेस, नया कार्य या फिर नया दुकान भी शुरू नहीं कर सकता."

खरमास पर क्या न करें: खरमास के दौरान शादी-विवाह या फिर इससे संबंधित कोई भी कार्य जैसे सगाई, तिलक, बेटी की विदाई आदि करने की मनाही होती है. ऐसा माना जाता है कि खरमास के दौरान ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो जाती है. खरमास के दौरान गृह प्रवेश नहीं किया जाता, इससे घर में दोष लगता है. खरमास के दौरान नए व्यापार का शुरुआत भी नहीं की जाती है क्योंकि ऐसा करने से नए कार्य में कोई ना कोई मुश्किल या अड़चन आ जाती है. खरमास के दौरान मुंडन, जनेऊ संस्कार के साथ ही 16 संस्कारों को भी करने की मनाही होती है. व्यापार भी नहीं शुरू किया जाता वरना कंगाल जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है.

खरमास पर करें ये काम: खरमास के दौरान रोजाना सूर्य देव को अर्ध्य देना चाहिए. इसके साथ ही तांबे के लोटे में जल सिंदूर लालफूल और अक्षत डाल दें. खरमास के दौरान जप-तप और दान करने का विशेष महत्व माना गया है. इन कामों को करने से हर तरह के दोषों से मुक्ति मिल सकती है. खरमास के एक माह के दौरान गंगा या अन्य पवित्र नदी में स्नान जरूर करना चाहिए. इस दौरान पुण्य फल की प्राप्ति होती है. खरमास के दौरान गौमाता और ब्रह्मण आदि की सेवा सत्कार जरूर करना चाहिए. खरमास में 1 महीने के दौरान एक बार जरूर किसी न किसी तीर्थ स्थल में जाना चाहिए.

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Last Updated : Mar 14, 2024, 3:09 PM IST
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