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बस्तर में आदिवासी महिला ने एक साथ 4 बच्चों को दिया जन्म, सभी बच्चे डॉक्टर की निगरानी में - birth Four children in Bastar - BIRTH FOUR CHILDREN IN BASTAR

बस्तर में आदिवासी महिला ने एक साथ 4 बच्चों को जन्म दिया. सभी बच्चे डॉक्टर की निगरानी में हैं. महिला भी चिकित्सक की निगरानी में हैं.

woman gave birth to 4 children in Bastar
बस्तर में 4 बच्चों को महिला ने दिया जन्म (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 26, 2024, 10:16 PM IST

आदिवासी महिला ने एक साथ 4 बच्चों को दिया जन्म (ETV Bharat)

बस्तर: बस्तर में एक आदिवासी महिला ने एक साथ 4 बच्चों को जन्म दिया है. महिला ने 2 लड़के और 2 लड़कियों को जन्म दिया है. फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित है. सभी जिले के डिमरापाल अस्पताल में भर्ती हैं. एक साथ 4 बच्चों को जन्म देने की खबर पूरे बस्तर में चर्चा में है.

आदिवासी महिला ने दिया 4 बच्चों को जन्म: दरअसल, छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में एक 24 साल की आदिवासी महिला को 25 जून को प्रसव पीड़ा शुरू हुई. इसके बाद जगदलपुर के निजी बंसल नर्सिंग होम अस्पताल में सर्जरी के जरिए महिला ने 4 बच्चों को जन्म दिया. बच्चों को अस्पताल के NICU में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी देखभाल की जा रही है. चार बच्चों के जन्म लेने से परिवार में खुशी का माहौल है.

सभी बच्चे डॉक्टरों की निगरानी में: इस पूरे मामले में प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एस. बंसल ने कहा, "महिला लंबे समय से अस्पताल में अपनी जांच करवा रही थी. गुरुवार को प्रसव पीड़ा होने पर उसे सुरक्षित तरीके से सर्जरी के माध्यम से करवाया गया. महिला ने 4 बच्चों को जन्म दिया. फिलहाल सभी बच्चे और महिला सुरक्षित हैं. यह ऐसा पहला मामला बस्तर में देखने को मिल रहा है. जब महिला ने एक साथ 4 बच्चों को जन्म दिया है. इससे पहले 2 बच्चे और 3 बच्चों के जन्म लेने की बात बस्तर में सामने आई थी. बच्चों का वजन 1 किलो 800 ग्राम, 1 किलो 600 ग्राम, 1 किलो 500 ग्राम और 1 किलो 300 ग्राम है. यह बच्चे अच्छे से ग्रोथ कर लें, इसके लिए अच्छे से उन्हें ध्यान देना जरूरी है.फिलहाल NICU में डॉक्टरों की निगरानी में सभी बच्चों का इलाज जारी है. करीब 10-15 दिनों में बच्चे रिकवर हो जाएं. तब तक उन्हें NICU में रखा जाएगा."

जब बच्चों का भ्रूण मल्टीप्लाई हो जाता है और बच्चे पेट में डेवेलप करते हैं. इससे 2, 3 या 4 बच्चों का जन्म होता है. इस महिला के सोनोग्राफी में केवल 3 बच्चे पहले नजर आ रहे थे. एक बच्चे का सिर दबा हुआ था. लेकिन डिलवरी में 4 बच्चों ने जन्म लिया. -डॉ एस बंसल, प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ

बता दें कि सुकमा के तोंगपाल क्षेत्र अंतर्गत जैमेर गांव में रहने वाले हिड़मा कवासी की तीसरी पत्नी दशमी कवासी को प्रसव पीड़ा होने पर मंगलवार शाम को जगदलपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया. गुरुवार शाम को ऑपरेशन कर डिलीवरी कराई गई.

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आदिवासी महिला ने एक साथ 4 बच्चों को दिया जन्म (ETV Bharat)

बस्तर: बस्तर में एक आदिवासी महिला ने एक साथ 4 बच्चों को जन्म दिया है. महिला ने 2 लड़के और 2 लड़कियों को जन्म दिया है. फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित है. सभी जिले के डिमरापाल अस्पताल में भर्ती हैं. एक साथ 4 बच्चों को जन्म देने की खबर पूरे बस्तर में चर्चा में है.

आदिवासी महिला ने दिया 4 बच्चों को जन्म: दरअसल, छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में एक 24 साल की आदिवासी महिला को 25 जून को प्रसव पीड़ा शुरू हुई. इसके बाद जगदलपुर के निजी बंसल नर्सिंग होम अस्पताल में सर्जरी के जरिए महिला ने 4 बच्चों को जन्म दिया. बच्चों को अस्पताल के NICU में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी देखभाल की जा रही है. चार बच्चों के जन्म लेने से परिवार में खुशी का माहौल है.

सभी बच्चे डॉक्टरों की निगरानी में: इस पूरे मामले में प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एस. बंसल ने कहा, "महिला लंबे समय से अस्पताल में अपनी जांच करवा रही थी. गुरुवार को प्रसव पीड़ा होने पर उसे सुरक्षित तरीके से सर्जरी के माध्यम से करवाया गया. महिला ने 4 बच्चों को जन्म दिया. फिलहाल सभी बच्चे और महिला सुरक्षित हैं. यह ऐसा पहला मामला बस्तर में देखने को मिल रहा है. जब महिला ने एक साथ 4 बच्चों को जन्म दिया है. इससे पहले 2 बच्चे और 3 बच्चों के जन्म लेने की बात बस्तर में सामने आई थी. बच्चों का वजन 1 किलो 800 ग्राम, 1 किलो 600 ग्राम, 1 किलो 500 ग्राम और 1 किलो 300 ग्राम है. यह बच्चे अच्छे से ग्रोथ कर लें, इसके लिए अच्छे से उन्हें ध्यान देना जरूरी है.फिलहाल NICU में डॉक्टरों की निगरानी में सभी बच्चों का इलाज जारी है. करीब 10-15 दिनों में बच्चे रिकवर हो जाएं. तब तक उन्हें NICU में रखा जाएगा."

जब बच्चों का भ्रूण मल्टीप्लाई हो जाता है और बच्चे पेट में डेवेलप करते हैं. इससे 2, 3 या 4 बच्चों का जन्म होता है. इस महिला के सोनोग्राफी में केवल 3 बच्चे पहले नजर आ रहे थे. एक बच्चे का सिर दबा हुआ था. लेकिन डिलवरी में 4 बच्चों ने जन्म लिया. -डॉ एस बंसल, प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ

बता दें कि सुकमा के तोंगपाल क्षेत्र अंतर्गत जैमेर गांव में रहने वाले हिड़मा कवासी की तीसरी पत्नी दशमी कवासी को प्रसव पीड़ा होने पर मंगलवार शाम को जगदलपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया. गुरुवार शाम को ऑपरेशन कर डिलीवरी कराई गई.

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