शिमला: राधा स्वामी सत्संग ब्यास के भोटा अस्पताल की खातिर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार लैंड सीलिंग एक्ट में बदलाव करेगी. गुरुवार को शिमला में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगुवाई में आयोजित कैबिनेट मीटिंग में इस बदलाव के लिए सैद्धान्तिक मंजूरी दी गयी. उल्लेखनीय है कि सीएम सुक्खू ने इस बारे में पहले ही विधानसभा के विंटर सेशन के पहले दिन बिल लाने का एलान किया हुआ है.
गुरुवार की कैबिनेट मीटिंग में लैंड सीलिंग एक्ट से जुड़ा एजेंडा लाया गया था. इस पर कैबिनेट में चर्चा की गई. उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बताया कि लैंड सीलिंग एक्ट में बदलाव के लिए कैबिनेट में सैद्धांतिक मंजूरी को लेकर सहमति बनी है. सीएम ने अभी विधि विभाग को प्रस्तावित बदलाव को और बेहतर तरीके से ड्राफ्ट करने के निर्देश दिए हैं.
मंत्री हर्ष वर्धन ने कहा, "आज की कैबिनेट में जो एजेंडा लाया गया था, उसमें सीएम को कुछ कमियां दिखी हैं. उन कमियों को दूर करने के लिए निर्देश दिए गए हैं. उसके बाद एजेंडा फिर से कैबिनेट में लाया जाएगा. कैबिनेट ने सीएम को इस बारे में फैसला लेने के लिए अधिकृत किया है. कैबिनेट ने सीएम को भोटा अस्पताल की जमीन को ट्रांसफर करने से जुड़े मामले में एजेंडा को अप्रूव करने के लिए अधिकृत कर दिया है".
क्या है मामला?
राधा स्वामी सत्संग ब्यास के भोटा अस्पताल को इस समय डेरा ब्यास की सिस्टर ऑर्गेनाइजेशन महाराज जगत सिंह रिलीफ सोसाईटी चला रही है. डेरा ब्यास चाहता है कि अस्पताल की जमीन का मालिकाना हक भी महाराज जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसाईटी को दे दिया जाए. इसके लिए लैंड सीलिंग एक्ट में बदलाव करना होगा. ये एक्ट संविधान द्वारा संरक्षित है, लिहाजा विधानसभा में बिल लाकर बदलाव किया जा सकता है. फिर बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलना जरूरी है.
अब कैबिनेट से इसमें बदलाव की सैद्धान्तिक मंजूरी दे दी है. यानी बदलाव की तरफ पहला कदम बढ़ा दिया है. अब सबकी निगाहें 18 दिसम्बर से धर्मशाला में शुरू हो रहे विंटर सेशन पर लगी हैं. पहले ही दिन बिल लाने का सरकार ने वादा किया है. सरकार के इसी वादे के बाद डेरा ब्यास ने भोटा अस्पताल को पहली दिसंबर से बंद करने के फैसले को वापस लिया था.
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