शिमला: हिमाचल सरकार ने अपनी आर्थिक सेहत को सुधारने के लिए लगातार कड़े निर्णय ले रही है. वोट बैंक की परवाह न करते हुए सुक्खू सरकार ने बिजली के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में मुफ्त पानी की सुविधा भी कुछ कुछ शर्तों के साथ बंद कर दी है. कैबिनेट मीटिंग में लिए गए मुफ्त पानी की सुविधा बंद करने के निर्णय के बाद शुक्रवार को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मीडिया से बात की. उन्होंने कहा की ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे होटलों से अब किलोलीटर के हिसाब से पानी का बिल वसूला जाएगा.
उन्होंने कहा कि हिमाचल में 60 फीसदी होटल ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे हैं. जिनकी सालाना आय लाखों में है. लेकिन पिछली भाजपा सरकार ने ऐसे होटलों को भी मुफ्त पानी की सुविधा दी थी. जिसे अब वापस लिया गया है. उन्होंने कहा कि शिमला सहित सोलन और कुल्लू जैसे पर्यटन स्थलों में बड़ी संख्या में होटल खुले हैं, जिनसे अब सरकार किलोलीटर के हिसाब से पानी के बिल वसूलेगी. इन होटलों में पानी के बिलों से सरकार को जो आय होगी, उसे पेयजल की क्वालिटी सुधारने पर खर्च किया जाएगा.
गरीबों को जारी रहेगी सुविधा: सीएम सुक्खू ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार ने साधन संपन्न लोगों से पानी का 100 रुपए मासिक बिल वसूलने का निर्णय लिया है. 50 हजार की आय वाले गरीब परिवारों सहित विधवाओं, एकल नारी व दिव्यांगों को पहले की तरह निशुल्क पानी की सुविधा जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि साधन संपन्न लोगों की एक लाख रुपए महीने तक की आय है. ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे लोगों से 100 रुपये मासिक बिल वसूला जाएगा.
बता दें कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में वर्तमान में 17.09 लाख घरों में पानी के कनेक्शन हैं. जिसमें सबसे अधिक पानी के कनेक्शन जिला कांगड़ा में 4 लाख से अधिक पानी के कनेक्शन लगे हैं. हिमाचल में साल 2019 में जेजेएम स्कीम लॉन्च हुई थी. इससे पहले प्रदेश में 7.63 लाख पानी के कनेक्शन थे, लेकिन प्रदेश में जेजेएम लॉन्च होने के बाद इस स्कीम के तहत 5 सालों में 9.46 लाख घरों में पानी के नल लगाए गए. ऐसे में अब प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 17.09 लाख घरों में लोग नल से जल की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं.
राहत पैकेज लाएगी सरकार: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, "31 जुलाई की आधी रात आई प्राकृतिक आपदा में लापता हुए लोगों को ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन जारी हैं. अभी भी 33 के करीब लोग लापता हैं. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में शवों का अंतिम संस्कार हमारी परंपरा हैं. ऐसे में शवों की तलाश जारी है. ताकि लोग अपने परिजनों का हिंदी धर्म के मुताबिक दाह संस्कार कर सकें.
उन्होंने कहा कि आपदा से प्रभावित लोगों को अभी सरकार की तरफ से फौरी राहत जारी की गई हैं. सरकार 15 सितंबर तक आपदा को लेकर अलर्ट हैं. मानसून सीजन खत्म होते ही सरकार आपदा से बेघर हुए लोगों के लिए राहत पैकेज लाएगी. तब तक प्रदेश में आपदा से होने वाले नुकसान का आंकड़ा भी सरकार के समक्ष आ जाएगा.
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