सिरमौर: हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने जिला सिरमौर को एक बड़ी सौगात दी है. सरकार ने नाहन में हेलीपोर्ट को मंजूरी दे दी है. लिहाजा प्रस्तावित हेलीपोर्ट के निर्माण की कवायद तेज हो गई है. सरकार की हरी झंडी मिलते ही पीडब्ल्यूडी ने हाल ही में हेलीपोर्ट के लिए प्रस्तावित बाधा सीमा सतह (ओएलएस) सर्वे के टेंडर भी कर दिए हैं. टैंडर के बाद चयनित कंपनी इस हेलीपोर्ट का बाधा युक्त सीमाओं सहित हेलीपोर्ट से जुड़े विभिन्न कार्यों का सर्वेक्षण करेगी. सर्वे रिपोर्ट के आधार पर हेलीपोर्ट के निर्माण को लेकर आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. फिलहाल इस पर कितना बजट व्यय किया जाएगा, यह सर्वे के बाद ही तय होगा.
ओएलएस सर्वे के बाद होगा बजट का प्रावधान
दरअसल ये हेलीपोर्ट जिला मुख्यालय नाहन के पास धारक्यारी मोहल में प्रस्तावित है. जिला प्रशासन की ओर से हेलीपोर्ट निर्माण के लिए चयनित 11 बीघा 10 बिस्वा भूमि पहले ही पर्यटन विभाग को ट्रांसफर की जा चुकी है. बता दें कि हेलीपोर्ट के निर्माण की सभी औपचारिकताएं पूरी कर प्रशासन पहले ही इसकी प्रपोजल सरकार को स्वीकृति के लिए भेज चुका था. अब ओएलएस सर्वे के बाद इसके निर्माण के लिए बजट का प्रावधान किया जाना है. यदि सब कुछ सही रहा, तो जल्द ही यहां के लोग भी हवाई सेवाओं की सुविधा से लैस होकर आसमान में सफर का लुत्फ उठा सकेंगे.
पीडब्ल्यूडी नाहन के अधिशासी अभियंता आलोक जुनेजा ने बताया, "धारक्यारी मोहल में प्रस्तावित हेलीपोर्ट के लिए सरकार से मंजूरी मिल चुकी है. ओएलएस सर्वे के टेंडर किए जा चुके हैं. सर्वे रिपोर्ट के आधार पर आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी."
यात्रियों को मिलेंगी कई सुविधाएं
जिला प्रशासन द्वारा वर्ष 2023 में सरकार को भेजी गई प्रपोजल के मुताबिक हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों को प्रस्तावित इस हेलीपोर्ट में कई सुविधाएं उपलब्ध होंगी. हेलीपोर्ट में हर समय 3 हेलीकॉप्टरों की सुविधा उपलब्ध रहेगी. यात्रियों के लिए बैठने की उचित व्यवस्था के साथ वेटिंग रूम का निर्माण भी होगा. सिक्योरिटी के भी प्रबंध होंगे. यही नहीं यात्रियों के खाने-पीने की व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए इस हेलीपोर्ट में रेस्टोरेंट का भी निर्माण किया जाएगा. हेलीपोर्ट में यात्रियों को वह तमाम सुविधाएं मिलेंगी, जो एक मिनी हवाई अड्डे के रूप में मिलती हैं.
कहां-कहां के लिए मिलेगी सुविधा?
हेलीपोर्ट के निर्माण से बाहर से आने वाले यात्रियों व स्थानीय लोगों का हवाई यात्रा के जरिए आने-जाने का सिलसिला शुरू होगा. शिमला, चंडीगढ़, धर्मशाला इत्यादि क्षेत्रों में हेलीकॉप्टर की सेवाओं से लोगों को बड़ा लाभ मिल सकेगा. हालांकि हेलीकॉप्टर की सुविधाएं कहां-कहां के लिए मिलेंगी, यह सब इसके निर्माण के बाद ही तय किया जाएगा. इतना जरूर है कि अब जिला सिरमौर में भी जल्द हवाई यात्रा शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है.
पर्यटन की अपार संभावनाएं, लगेंगे पंख
जिला सिरमौर में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. एशिया का पहला फॉसिल पार्क नाहन विधानसभा क्षेत्र के सुकेती में स्थित है. गुरु की नगरी के नाम से मशहूर पांवटा साहिब में ऐतिहासिक गुरुद्वारा मौजूद है, जहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. प्रदेश की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील व भगवान परशुराम की जन्मस्थली श्री रेणुका जी भी अपने आप में प्रसिद्ध धार्मिक व पर्यटन स्थलों में से एक है. शिरगुल महाराज के दर्शनों के लिए भी प्रति वर्ष हजारों श्रद्धालु चूड़धार चोटी पर पहुंचते हैं. करीब 400 वर्षों पुराना नाहन शहर अपनी ऐतिहासिक इमारतों के लिए पहचान रखता है. ऊपरी इलाकों हरिपुरधार, नौहराधार, संगड़ाह आदि में होने वाली बर्फबारी भी यात्रियों को यहां खींच लाती है. इसी तरह जिले में पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं. लिहाजा हेलीपोर्ट के निर्माण से जिले में पर्यटन को भी नए पंख लग सकेंगे.
नाहन के विधायक अजय सोलंकी ने कहा, "मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देशों पर नाहन में भी हेलीपोर्ट प्रस्तावित है. सरकार की तरफ से इसकी मंजूरी मिल चुकी है. हेलीपोर्ट के निर्माण के लिए बजट का प्रावधान बाद में किया जाएगा. फिलहाल इसके निर्माण से पूर्व ओएलएस सर्वे किया जाना है. हेलीपोर्ट न केवल नाहन बल्कि जिला सिरमौर के लिए सरकार का बड़ा तोहफा है. इससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि रोजगार भी सृजित होगा."