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वीरभद्र सिंह कहते थे एक बच्चे के लिए भी होना चाहिए सरकारी स्कूल, अब हिमाचल में एक झटके में बंद हो गई 433 पाठशालाएं - Himachal Schools Closed

433 Schools Closed in Himachal: हिमाचल प्रदेश में कम संख्या और जीरो एनरोलमेंट वाले स्कूलों पर ताला लटकेगा. हिमाचल सरकार ने ये फैसला लिया है. कैबिनेट के फैसले के बाद प्रदेश में 433 स्कूल बंद हो जाएंगे.

433 Schools Closed in Himachal
हिमाचल कैबिनेट (ETV Bharat File Photo)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 27, 2024, 12:54 PM IST

Updated : Jul 27, 2024, 1:42 PM IST

शिमला: कठिन भौगोलिक परिस्थितियों वाले राज्य हिमाचल प्रदेश में दूरदराज के इलाकों में शिक्षा का ढांचा तैयार करना कठिन काम है. पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह कहा करते थे कि यदि उन्हें एक भी बच्चे के लिए स्कूल खोलना पड़ा तो उससे पीछे नहीं हटेंगे, लेकिन अब हिमाचल में शून्य व कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को बंद किया जा रहा है. इस पर कैबिनेट ने फैसला ले लिया है.

433 स्कूल होंगे बंद

हिमाचल में एक झटके में 433 स्कूल बंद हो जाएंगे. यानी हिमाचल के स्कूलों की संख्या एक झटके में कम हो जाएगी. हिमाचल में जिन शून्य छात्र संख्या यानी जीरो एनरोलमेंट वाले स्कूलों को बंद किया जा रहा है, उनकी संख्या सौ है. इसके अलावा 287 प्राइमरी स्कूल ऐसे हैं, जहां पांच से कम छात्र हैं. इसी कड़ी में 46 मिडल स्कूल भी हैं, जिनमें पांच से कम छात्र अध्ययन कर रहे हैं. इन सभी स्कूलों का समीप के स्कूलों में विलय किया जाएगा. जिन प्राइमरी स्कूलों में पांच से कम विद्यार्थी हैं, उन्हें दो किलोमीटर के दायरे वाले दूसरे प्राइमरी स्कूल में विलय किया जाएगा.

शिक्षा विभाग के अधीन ही रहेगा स्कूल भवन

वहीं, कम छात्र संख्या वाले मिडल स्कूल को पांच किलोमीटर तक के दायरे वाले स्कूल में मर्ज किया जाएगा, ताकि छात्रों को परेशानी न हो. यदि छात्रों को आने-जाने में दिक्कत होगी, तो शिक्षा विभाग उनकी आवाजाही सुनिश्चित करेगा. जो स्कूल बंद हो जाएगा, उसका भवन शिक्षा विभाग के अधीन ही रहेगा. उस भवन में स्थानीय पंचायत की जरूरत के अनुसार लाइब्रेरी स्थापित की जा सकती है. आवश्यकता के अनुसार जिम भी बनाया जा सकता है, लेकिन ये सब बाद की बातें हैं.

सरकारी प्राइमरी स्कूलों में निरंतर कम हुई रुचि

साक्षरता में चमकदार आंकड़ों वाले प्रदेश हिमाचल में ग्रामीण इलाकों में अब सरकारी प्राइमरी स्कूलों में अभिभावकों की रुचि कम हो गई है. आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं. वर्ष 2002-2003 में सरकारी प्राइमरी स्कूलों में छात्रों की संख्या 1,30,466 थी. दो दशक में ये घटकर 49,295 हो गई है. यानी वर्ष 2023-2024 में ये संख्या पचास हजार छात्रों से भी कम हो गई है. इस कारण कई स्कूलों में जीरो एनरोलमेंट हो गई है.

कैबिनेट बैठक में लिया ये फैसला

कैबिनेट मीटिंग से दो दिन पहले सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिक्षा विभाग के साथ बैठक की थी. बैठक के बाद मीडिया को जारी बयान में बताया था कि वर्तमान में राज्य में 89 प्राथमिक विद्यालयों और 10 माध्यमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या शून्य है. सीएम के अनुसार 701 प्राथमिक स्कूलों में छात्रों की संख्या मात्र पांच है. इनमें से 287 स्कूल अपने आसपास के दूसरे स्कूल से दो किलोमीटर के दायरे में स्थित हैं. इसके अलावा 109 विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या केवल पांच है. वहीं, 46 मिडल स्कूल तीन किलोमीटर के दायरे में स्थित हैं और 18 अन्य स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या केवल पांच है. फिर कैबिनेट मीटिंग में 25 जुलाई को सरकार ने कुल 433 स्कूल बंद किए, जिनमें से 100 स्कूल जीरो एनरोलमेंट वाले हैं.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में टीचरों की ट्रांसफर पर लगी रोक, शैक्षणिक सत्र में नहीं होंगे करीब 80 हजार शिक्षकों के तबादले

ये भी पढ़ें: केंद्र से मिले 30 करोड़ रुपये लौटाएगी सुक्खू सरकार, अपने खर्चे से बनाएगी ये प्रोजेक्ट

शिमला: कठिन भौगोलिक परिस्थितियों वाले राज्य हिमाचल प्रदेश में दूरदराज के इलाकों में शिक्षा का ढांचा तैयार करना कठिन काम है. पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह कहा करते थे कि यदि उन्हें एक भी बच्चे के लिए स्कूल खोलना पड़ा तो उससे पीछे नहीं हटेंगे, लेकिन अब हिमाचल में शून्य व कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को बंद किया जा रहा है. इस पर कैबिनेट ने फैसला ले लिया है.

433 स्कूल होंगे बंद

हिमाचल में एक झटके में 433 स्कूल बंद हो जाएंगे. यानी हिमाचल के स्कूलों की संख्या एक झटके में कम हो जाएगी. हिमाचल में जिन शून्य छात्र संख्या यानी जीरो एनरोलमेंट वाले स्कूलों को बंद किया जा रहा है, उनकी संख्या सौ है. इसके अलावा 287 प्राइमरी स्कूल ऐसे हैं, जहां पांच से कम छात्र हैं. इसी कड़ी में 46 मिडल स्कूल भी हैं, जिनमें पांच से कम छात्र अध्ययन कर रहे हैं. इन सभी स्कूलों का समीप के स्कूलों में विलय किया जाएगा. जिन प्राइमरी स्कूलों में पांच से कम विद्यार्थी हैं, उन्हें दो किलोमीटर के दायरे वाले दूसरे प्राइमरी स्कूल में विलय किया जाएगा.

शिक्षा विभाग के अधीन ही रहेगा स्कूल भवन

वहीं, कम छात्र संख्या वाले मिडल स्कूल को पांच किलोमीटर तक के दायरे वाले स्कूल में मर्ज किया जाएगा, ताकि छात्रों को परेशानी न हो. यदि छात्रों को आने-जाने में दिक्कत होगी, तो शिक्षा विभाग उनकी आवाजाही सुनिश्चित करेगा. जो स्कूल बंद हो जाएगा, उसका भवन शिक्षा विभाग के अधीन ही रहेगा. उस भवन में स्थानीय पंचायत की जरूरत के अनुसार लाइब्रेरी स्थापित की जा सकती है. आवश्यकता के अनुसार जिम भी बनाया जा सकता है, लेकिन ये सब बाद की बातें हैं.

सरकारी प्राइमरी स्कूलों में निरंतर कम हुई रुचि

साक्षरता में चमकदार आंकड़ों वाले प्रदेश हिमाचल में ग्रामीण इलाकों में अब सरकारी प्राइमरी स्कूलों में अभिभावकों की रुचि कम हो गई है. आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं. वर्ष 2002-2003 में सरकारी प्राइमरी स्कूलों में छात्रों की संख्या 1,30,466 थी. दो दशक में ये घटकर 49,295 हो गई है. यानी वर्ष 2023-2024 में ये संख्या पचास हजार छात्रों से भी कम हो गई है. इस कारण कई स्कूलों में जीरो एनरोलमेंट हो गई है.

कैबिनेट बैठक में लिया ये फैसला

कैबिनेट मीटिंग से दो दिन पहले सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिक्षा विभाग के साथ बैठक की थी. बैठक के बाद मीडिया को जारी बयान में बताया था कि वर्तमान में राज्य में 89 प्राथमिक विद्यालयों और 10 माध्यमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या शून्य है. सीएम के अनुसार 701 प्राथमिक स्कूलों में छात्रों की संख्या मात्र पांच है. इनमें से 287 स्कूल अपने आसपास के दूसरे स्कूल से दो किलोमीटर के दायरे में स्थित हैं. इसके अलावा 109 विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या केवल पांच है. वहीं, 46 मिडल स्कूल तीन किलोमीटर के दायरे में स्थित हैं और 18 अन्य स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या केवल पांच है. फिर कैबिनेट मीटिंग में 25 जुलाई को सरकार ने कुल 433 स्कूल बंद किए, जिनमें से 100 स्कूल जीरो एनरोलमेंट वाले हैं.

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Last Updated : Jul 27, 2024, 1:42 PM IST
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