धर्मशाला: कांगड़ा जिले के विधानसभा क्षेत्र धर्मशाला से भाजपा प्रत्याशी सुधीर शर्मा ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के बयान पर पलटवार किया है. दरअसल सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सुधीर शर्मा को विदेशी परिंदा करके संबोधित किया था. जिस पर सुधीर शर्मा ने पलटवार करते हुए कहा कि सीएम ने मुझे विदेशी परिंदा कहा है, मैंने कुछ कहा तो बात दूर तक जाएगी.
सीएम के घर को लेकर साधा निशाना
"सीएम ने अभी तक नादौन में घर तक नहीं बनाया है, उनका वोट शिमला में है, दो बार वह शिमला में पार्षद रहे हैं. जबकि मैं धर्मशाला में रहता हूं और मेरा वोट भी यहां है. नादौन आकर भी सीएम सुक्खू रेस्ट हाउस में रहते हैं और दोनों तरफ रस्से लगा देते हैं और रस्सों के पीछे पब्लिक को रखते हैं. मेरे पास इसका वीडियो भी है, जल्द जारी करेंगे." - सुधीर शर्मा, भाजपा प्रत्याशी, धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र
सीएम को इलाज करवाने की दी सलाह
सुधीर ने कहा कि सरकार अल्पमत में है और सीएम बौखलाहट में ऐसी बातें कह रहे हैं. भगवान उनको सद्बुद्धि दे और मैं चाहूंगा कि उनकी जो मित्र मंडल है, कहीं अच्छी जगह उनका इलाज करवाएं, कहीं मानसिक संतुलन न खो जाए. सुधीर शर्मा ने कहा कि शुक्र है कि आचार संहिता लगी हुई है, यदि आचार संहिता नहीं होती तो न जाने कैसे-कैसे फैसले ले लेते.
क्या कहा था सीएम सुक्खू ने?
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बीते दिनों कांगड़ा जिले के दौरे पर थे. जब चमुंडा मंदिर में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सुधीर शर्मा पर तंज कसा था.
"बैजनाथ से आए विदेशी परिंदे को धर्मशाला का न होने के बाद भी कांग्रेस पार्टी ने अपनाया और विधायक बनाया. धर्मशाला की जनता को कहां पता था कि वो धर्मशाला में आएगा और जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करेगा. 14 महीनों के कार्यकाल के दौरान अपना एक्सईएन लगवाया, अपना एसडीएम लगवाया और अपने पुलिस अफसर भी लगवाए, लेकिन काम कोई नहीं करवाया." - सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्यमंत्री
वहीं, समार्ट सीटी धर्मशाला को लेकर सीएम ने कहा था कि स्मार्ट सिटी का काम मैंने करवाया, पैसे मैंने दिए, सबकुछ उनके कहने से हो रहा था. ये जो बैजनाथ से आए हमारे विदेशी को धर्मशाला की जनता ने 5 साल के लिए चुना. उन्होंने कहा कि विदेशी इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि वे बैजनाथ से माइग्रेट होकर आए हैं. सीएम ने कहा था कि यहां आकर सुधीर शर्मा ने 10 करोड़ की कोठी बनाई. लोगों को उनसे मिलने का समय नहीं मिलता, फोन स्विच्ड ऑफ होता है. जनता की भावनाओं से खिलवाड़ करने वाले को जनता ही सबक सिखाएगी.
'पार्टी से हटकर लोग कर रहे समर्थन'
उपचुनाव को लेकर सुधीर शर्मा ने कहा कि चुनाव जनता लड़वाती है, जनता ही निर्णायक है. धर्मशाला में जब से चुनावी राजनीति में आया हूं, तब से किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया. कभी किसी की जाति पूछकर काम नहीं किया, यही वजह है कि आज भी लोग पार्टी से हटकर भी समर्थन देते हैं. जनता का समर्थन मिल रहा है और जनता मेरे निर्णय का स्वागत कर रही है.
स्मार्ट सिटी को लेकर सीएम पर लगाए आरोप
स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट को अप्रूवल वाले सीएम के बयान पर सुधीर शर्मा ने कहा कि जब स्मार्ट सिटी धर्मशाला में आई थी, उस समय सीएम सुक्खू विधायक भी नहीं थे और पार्टी के अध्यक्ष थे. उन्हें क्या पता कि कैसे स्मार्ट सिटी आई है. कौन लोग एडजस्ट किए हैं, नाम तो बताते नहीं, बस ऐसे ही बयानबाजी करते हैं. स्मार्ट सिटी के काम तब रुके, जब मैं विधायक नहीं था. सुधीर ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने स्मार्ट सिटी के काम को गति नहीं दी है, बल्कि स्टेट के शेयर को कम यह कहकर किया कि मेरे पास पैसे नहीं है. धर्मशाला से भेदभाव के चलते ही सरकार सीयू के 30 करोड़ जमा नहीं करवा पा रही है और बातें सीएम द्वारा निवेश लाने की कही जाती हैं. सरकारें बातों से नहीं चलती, बल्कि काम करना पड़ता है, जिसकी सीएम को आदत नहीं है.
कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल
सुधीर शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री का दिमागी संतुलन बिगड़ चुका है, उनकी मित्र मंडली को चाहिए कि उनका इलाज करवाएं. सुधीर ने आरोप लगाया कि सरकार ने मेरे घर के आसपास के एरिया को छावनी में बदल दिया है. जिस कारण रक्कड़, मोहली, खनियारा, सौकणी दा कोट के लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सुधीर ने कहा कि प्रदेश सरकार को कानून व्यवस्था की कोई फिक्र नहीं है, अपनी कुर्सी बचाने के लिए सीएम घूम रहे हैं. उन्होंने कहा कि पहले नववर्ष पर सरकार ने शराबियों को होटल तक छोड़ने के लिए पुलिस को लगाया था, अब घायल युवती पर ऐसा बयान देकर अपनी संकीर्ण मानसिकता का परिचय दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि सुक्खू राज, प्रदेश में मजाक बन गया है, प्रदेश सरकार चलते-फिरते कॉमेडी शो की तरह है.
ये भी पढ़ें: भाजपा ने बिकाऊ उम्मीदवारों को दिए टिकट, '400 पार' महज एक नारा: सीएम सुक्खू