ETV Bharat / state

Success story: हरियाणा ज्यूडिशियरी एग्जाम में ओबीसी वर्ग में टॉपर बने अभिषेक, जानिए संघर्ष से लेकर सक्सेस तक की स्टोरी

फरीदाबाद में ओबीसी वर्ग के अभिषेक भड़ाना जज बन गए हैं. आइए जानते हैं अभिषेक के संघर्ष से लेकर सक्सेस तक की पूरी स्टोरी.

success story of Faridabad Abhishek Bhadana
अभिषेक भड़ाना की सक्सेस स्टोरी (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Haryana Team

Published : 3 hours ago

Updated : 2 hours ago

फरीदाबाद: फरिदाबाद का अनंगपुर गांव राजनेताओं का गढ़ मना जाता है. इस गांव से कई मंत्री, विधायक और सांसद बने हैं. कईयों की हरियाणा पुलिस और दिल्ली पुलिस में नौकरी भी लगी है. इस गांव के एक 26 साल के युवा ने इतिहास रच दिया है. जी हां, हम बात कर रहे हैं गांव के नेताजी अतर सिंह के पोते अभिषेक भड़ाना की. अभिषेक भड़ाना अब जज बन गए हैं. हाल ही में आए ज्यूडिशल सर्विसेज (जज) के रिजल्ट में उनका भी नाम शामिल है. जल्द ही ट्रेनिंग के बाद अभिषेक जज की कुर्सी पर बैठेंगे.

राजनेताओं का गढ़ है अनंगपुर गांव: अनंगपुर गांव से सिविल सर्विसेज और ज्यूडिशल सर्विसेज में अब तक किसी युवा का चयन नहीं हुआ था. अभिषेक पहले युवा हैं, जिन्होंने जज बनकर इतिहास रच दिया है. इसी गांव से पूर्व सांसद अवतार सिंह भड़ाना और पूर्व मंत्री करतार सिंह भड़ाना आते हैं. बात अगर जनसंख्या की करें तो इस गांव में सबसे ज्यादा जनसंख्या गुर्जर जाति की है. इस गांव से या तो लोग राजनीति में लोग कदम रखते हैं या फिर बिजनेस का रूख करते हैं. हालांकि अभिषेक पहले युवा हैं, जो जज की कुर्सी पर बैठेंगे.

ओबीसी वर्ग के अभिषेक भड़ाना बने जज (ETV Bharat)

चाचा ने दिया आईडिया: ईटीवी भारत ने अभिषेक से बातचीत की. अभिषेक ने बताया कि अगर लक्ष्य के प्रति डेडीकेशन हो तो वह जरूर हासिल होता है. कोई भी रास्ता कठिन नहीं होता. अगर कोई पढ़ाई के प्रति समर्पित हो जाए तो जरूर वह अपना मुकाम हासिल कर सकता है. मैं सिर्फ पढ़ाई करता था. 6 से 7 घंटे सोना, खाना-पीना इसके अलावा पूरे दिन पढ़ाई करना, ये मेरी दिनचर्या हो गई थी. इसी का फल मुझे आज मिल गया है. मैंने शुरुआती पढ़ाई अपने गांव से ही की. इसके बाद मैंने लॉ कॉलेज में एडमिशन लिया और वकालत की तैयारी करने लगा. प्रैक्टिस के लिए मैं कोर्ट भी जाया करता था. हालांकि मेरे चाचा ने मुझे ज्यूडिशल सर्विसेज की तैयारी करने के लिए कहा. इसके बाद मैं तैयारी में जुट गया. पहले मैंने उत्तर प्रदेश ज्यूडिशल सर्विसेज का एग्जाम दिया था, हालांकि मेरा वहां सिलेक्शन नहीं हुआ. उसके बाद मैंने हरियाणा ज्यूडिशल सर्विसेज का एग्जाम दिया. इसमें मेरा सिलेक्शन हो गया. यह हरियाणा में मेरा पहला अटेम्प्ट है.

हरियाणा मंत्री ने दी बधाई: अभिषेक भड़ाना को जज बनने की बधाई देने हरियाणा सरकार में राज्य मंत्री राजेश नागर भी पहुंचे. उन्होंने अभिषेक को बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की. इस दौरान राज्य मंत्री राजेश नागर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार केंद्र में और प्रदेश में है. इसी वजह से यह संभव हो पाया है, क्योंकि यह सरकार काबिलियत और मेरिट पर नौकरियां देती है. अब युवा वर्ग पढ़ने भी लगे हैं. पहले ऐसा नहीं होता था. पहले की सरकारों में पैसे लेकर काम होते थे. सिफारिश पर नौकरियां मिलती थी, लेकिन अब युवा वर्ग समझदार हो गए हैं. बिना पर्ची, बिना खर्ची के सरकारी नौकरी मिल रही है. इसका उदाहरण अभिषेक है.

हमारी शिक्षा नीति सबसे बढ़िया शिक्षा नीति है, जिसकी वजह से आजकल युवाओं को सरकारी नौकरी मिल रही है. युवा जितना मेहनत करेंगे, उसका फल उन्हें उतना ज्यादा मिलेगा. -राजेश नागर, राज्य मंत्री

बता दें कि 26 साल के अभिषेक भड़ाना को ज्यूडिशल सर्विसेज में (ओबीसी वर्ग) में हरियाणा में पहला स्थान मिला है. अभिषेक भड़ाना की इस उपलब्धि की पूरे जिले में चर्चा हो रही है. अभिषेक के घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. अब जल्द ही ट्रेनिंग के बाद अभिषेक भड़ाना जज की कुर्सी पर बैठेंगे.

ये भी पढ़ें: सक्सेस स्टोरी एक ट्रांस वुमन की: 'मर्द' की पहचान खोकर बनी हन्ना राठौड़, फिर कर दिया बड़ा कमाल

ये भी पढ़ें: Haryana Sports News Success Story Para Athlete Satish Kadian:दिव्यांग खिलाड़ी सतीश कादियान की सक्सेस स्टोरी, जानिए कैसे सतीश ने मुश्किलों में हार नहीं मानी?, जीते 30 से ज्यादा गोल्ड

फरीदाबाद: फरिदाबाद का अनंगपुर गांव राजनेताओं का गढ़ मना जाता है. इस गांव से कई मंत्री, विधायक और सांसद बने हैं. कईयों की हरियाणा पुलिस और दिल्ली पुलिस में नौकरी भी लगी है. इस गांव के एक 26 साल के युवा ने इतिहास रच दिया है. जी हां, हम बात कर रहे हैं गांव के नेताजी अतर सिंह के पोते अभिषेक भड़ाना की. अभिषेक भड़ाना अब जज बन गए हैं. हाल ही में आए ज्यूडिशल सर्विसेज (जज) के रिजल्ट में उनका भी नाम शामिल है. जल्द ही ट्रेनिंग के बाद अभिषेक जज की कुर्सी पर बैठेंगे.

राजनेताओं का गढ़ है अनंगपुर गांव: अनंगपुर गांव से सिविल सर्विसेज और ज्यूडिशल सर्विसेज में अब तक किसी युवा का चयन नहीं हुआ था. अभिषेक पहले युवा हैं, जिन्होंने जज बनकर इतिहास रच दिया है. इसी गांव से पूर्व सांसद अवतार सिंह भड़ाना और पूर्व मंत्री करतार सिंह भड़ाना आते हैं. बात अगर जनसंख्या की करें तो इस गांव में सबसे ज्यादा जनसंख्या गुर्जर जाति की है. इस गांव से या तो लोग राजनीति में लोग कदम रखते हैं या फिर बिजनेस का रूख करते हैं. हालांकि अभिषेक पहले युवा हैं, जो जज की कुर्सी पर बैठेंगे.

ओबीसी वर्ग के अभिषेक भड़ाना बने जज (ETV Bharat)

चाचा ने दिया आईडिया: ईटीवी भारत ने अभिषेक से बातचीत की. अभिषेक ने बताया कि अगर लक्ष्य के प्रति डेडीकेशन हो तो वह जरूर हासिल होता है. कोई भी रास्ता कठिन नहीं होता. अगर कोई पढ़ाई के प्रति समर्पित हो जाए तो जरूर वह अपना मुकाम हासिल कर सकता है. मैं सिर्फ पढ़ाई करता था. 6 से 7 घंटे सोना, खाना-पीना इसके अलावा पूरे दिन पढ़ाई करना, ये मेरी दिनचर्या हो गई थी. इसी का फल मुझे आज मिल गया है. मैंने शुरुआती पढ़ाई अपने गांव से ही की. इसके बाद मैंने लॉ कॉलेज में एडमिशन लिया और वकालत की तैयारी करने लगा. प्रैक्टिस के लिए मैं कोर्ट भी जाया करता था. हालांकि मेरे चाचा ने मुझे ज्यूडिशल सर्विसेज की तैयारी करने के लिए कहा. इसके बाद मैं तैयारी में जुट गया. पहले मैंने उत्तर प्रदेश ज्यूडिशल सर्विसेज का एग्जाम दिया था, हालांकि मेरा वहां सिलेक्शन नहीं हुआ. उसके बाद मैंने हरियाणा ज्यूडिशल सर्विसेज का एग्जाम दिया. इसमें मेरा सिलेक्शन हो गया. यह हरियाणा में मेरा पहला अटेम्प्ट है.

हरियाणा मंत्री ने दी बधाई: अभिषेक भड़ाना को जज बनने की बधाई देने हरियाणा सरकार में राज्य मंत्री राजेश नागर भी पहुंचे. उन्होंने अभिषेक को बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की. इस दौरान राज्य मंत्री राजेश नागर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार केंद्र में और प्रदेश में है. इसी वजह से यह संभव हो पाया है, क्योंकि यह सरकार काबिलियत और मेरिट पर नौकरियां देती है. अब युवा वर्ग पढ़ने भी लगे हैं. पहले ऐसा नहीं होता था. पहले की सरकारों में पैसे लेकर काम होते थे. सिफारिश पर नौकरियां मिलती थी, लेकिन अब युवा वर्ग समझदार हो गए हैं. बिना पर्ची, बिना खर्ची के सरकारी नौकरी मिल रही है. इसका उदाहरण अभिषेक है.

हमारी शिक्षा नीति सबसे बढ़िया शिक्षा नीति है, जिसकी वजह से आजकल युवाओं को सरकारी नौकरी मिल रही है. युवा जितना मेहनत करेंगे, उसका फल उन्हें उतना ज्यादा मिलेगा. -राजेश नागर, राज्य मंत्री

बता दें कि 26 साल के अभिषेक भड़ाना को ज्यूडिशल सर्विसेज में (ओबीसी वर्ग) में हरियाणा में पहला स्थान मिला है. अभिषेक भड़ाना की इस उपलब्धि की पूरे जिले में चर्चा हो रही है. अभिषेक के घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. अब जल्द ही ट्रेनिंग के बाद अभिषेक भड़ाना जज की कुर्सी पर बैठेंगे.

ये भी पढ़ें: सक्सेस स्टोरी एक ट्रांस वुमन की: 'मर्द' की पहचान खोकर बनी हन्ना राठौड़, फिर कर दिया बड़ा कमाल

ये भी पढ़ें: Haryana Sports News Success Story Para Athlete Satish Kadian:दिव्यांग खिलाड़ी सतीश कादियान की सक्सेस स्टोरी, जानिए कैसे सतीश ने मुश्किलों में हार नहीं मानी?, जीते 30 से ज्यादा गोल्ड

Last Updated : 2 hours ago
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.