जयपुर. प्रदेश के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की शैक्षणिक गतिविधि को एक क्लिक पर जानने के लिए जल्द ही उन्हें पेन यानी परमानेंट एजुकेशन नंबर मिलेगा. ये एक यूनिक आईडी होगी. इसके साथ ही छात्रों का एक डिजिटल लॉकर तैयार होगा, जिसमें उनका पूरा डाटा स्टोर होगा. इससे छात्रों को ड्रॉप आउट होने को रोका जा सकेगा. साथ ही फर्जी मार्कशीट जैसे मामलों पर भी लगाम लगेगी.
प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के छात्रों के लिए परमानेंट एजुकेशन नंबर जारी किया जाएगा. यूनिफाइड डिस्टिक इनफॉरमेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन के जरिए छात्रों की करीब 53 सूचनाओं को डिजिटल लॉकर में सेव किया जाएगा. जिसमें छात्रों की हेल्थ, हाइट, ब्लड ग्रुप और वजन तक का जिक्र किया जाएगा. इस यूनिक आईडी से ड्रॉप आउट होने वाले छात्रों को ट्रैक भी किया जा सकेगा. इसी आईडी के आधार पर ही छात्र का एक स्कूल से दूसरे स्कूल में स्थानांतरण होगा और छात्र को मिलने वाली शैक्षणिक सुविधाओं का लाभ भी इसी से मिलेगा. इस परमानेंट एजुकेशन नंबर से शिक्षा प्रणाली में सुधार और छात्रों के डाटा प्रबंधन को आसान बनाने में मदद मिलेगी.
स्कूल शिक्षा के शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने कहा कि भारत सरकार की ओर से संचालित यू डाइस प्लस पोर्टल पर राजकीय और निजी विद्यालयों के छात्रों का डाटा नियमित रूप से अपडेशन होगा. ये एक विद्यार्थी की यूनिक आईडी होगी, जिसे प्रत्येक विद्यार्थी के स्थानान्तरण प्रमाण पत्र पर अनिवार्य रूप से अंकित किया जाएगा. उन्होंने निर्देश दिए की शालादर्पण और पीएसपी पोर्टल पर अपलोड किए गए डाटा को यू डाइस प्लस पोर्टल से समन्वित किया जाए, जिससे दोहराव और डाटा की भिन्नता की स्थिति से बचा जा सके.
ये होंगे फायदे :
- नकली मार्कशीट पर लगेगी रोक
- छात्रों के शैक्षणिक रिकॉर्ड को किया जा सकेगा संग्रहित
- शिक्षा प्रणाली की दक्षता और प्रभावशीलता का किया जा सकेगा एनालिसिस
- छात्रों के लिए विभिन्न स्कूलों और संस्थानों में स्थानांतरित करना होगा आसान
- शिक्षा में रुझानों और पैटर्नों का अध्ययन करने में मिलेगी मदद
परमानेंट एजुकेशन नंबर का उपयोग :
- छात्र को परीक्षा फॉर्म भरना होगा आसान
- छात्रवृत्ति और वित्तीय सहायता के लिए आवेदन करना
- ऑनलाइन शैक्षणिक संसाधनों तक पहुंचना
- नौकरी के लिए आवेदन करने में मिलेगी मदद
बहरहाल, प्रदेश में छात्रों के स्थानांतरण प्रमाण पत्र पर इस यूनिक आईडी को अनिवार्य रूप से अंकित किया जाएगा. यू डाइस प्लस पोर्टल पर हर छात्र का परमानेंट एजुकेशन नंबर होने से शिक्षा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण बदलाव आएगा.