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JSSC CGL Exam: लाठीचार्ज के विरोध में राजधानी की सड़कों पर उतरे छात्र, निकाला कैंडल मार्च - COMBINED GRADUATE LEVEL EXAMINATION

जेएसएससी सीजीए परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा है. उनका आरोप है कि परीक्षा के परिणामों में धांधली हुई है.

COMBINED GRADUATE LEVEL EXAMINATION
CGLपरिणाम घोषित होने के बाद छात्रों का गुस्सा फूटा, निकाला कैंडल मार्च (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 11, 2024, 8:18 PM IST

Updated : Dec 11, 2024, 9:46 PM IST

रांची: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित संयुक्त स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा सरकार के गले की हड्डी बन गई है. विवादों के बीच 21 और 22 सितंबर को किसी तरह परीक्षा आयोजित करने के बाद जैसे ही इस परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ, छात्रों का आंदोलन तेज हो गया है. अब छात्र रांची की सड़कों पर उतर आए हैं.

दरअसल, सीजीएल परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर आहूत हजारीबाग बंद के दौरान छात्रों पर लाठीचार्ज हुआ. जिसके विरोध में बुधवार को राजधानी रांची की सड़कों पर छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा. इस दौरान छात्रों ने न सिर्फ कैंडल मार्च निकालकर विरोध जताया बल्कि आयोग और सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जताते हुए आंदोलन तेज करने की धमकी भी दी.

CGLपरिणाम घोषित होने के बाद छात्रों का गुस्सा फूटा, निकाला कैंडल मार्च (Etv Bharat)

झारखंड राज्य छात्र संघ के बैनर तले सड़क पर उतरे छात्रों ने झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा घोषित परिणाम में बड़े पैमाने पर अनियमितता का आरोप लगाया और कहा कि परीक्षा से लेकर परिणाम घोषित होने तक धांधली हुई है, जिसके कारण मेधावी छात्र वंचित रह गए हैं.

निकाला गया कैंडल मार्च

झारखंड लोकतांत्रिक क्रांति मोर्चा के वरीय उपाध्यक्ष सह छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो के नेतृत्व में जयपाल सिंह स्टेडियम से अल्बर्ट एक्का चौक तक कैंडल मार्च निकाला गया. प्रदर्शन के दौरान शहीद अल्बर्ट एक्का चौक पर बड़ी संख्या में छात्र मौजूद थे. इस दौरान अभ्यर्थियों ने जेएसएससी और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो ने हजारीबाग में हुए लाठीचार्ज की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने सीजीएल रिजल्ट में धांधली का आरोप लगाते हुए कहा कि कट ऑफ मार्क्स जारी न कर सीधे चयनित छात्रों की सूची जारी करना सेटिंग-गेटिंग साबित होता है. पहले दिन इस परीक्षा में मात्र 82 छात्र चयनित हुए थे, जबकि दूसरे दिन 22 सितंबर को हुई परीक्षा में करीब 2149 छात्र चयनित हुए, जो गंभीर जांच का विषय है.

छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए दस्तावेज सत्यापन पर तत्काल रोक लगाई जाए और इस विवादास्पद रिजल्ट को रद्द कर पारदर्शिता के साथ दोबारा परीक्षा ली जाए.

यह भी पढ़ें:

हजारीबाग में स्टूडेंट्स पर लाठीचार्ज! प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने पुलिस पर किया पथराव

हजारीबाग बंदः सीजीएल परीक्षा परिणाम का विरोध, छात्रों ने फोरलेन सड़क किया जाम

JSSC CGL का रिजल्ट जारी, 16 से 20 दिसंबर तक होगा सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन

रांची: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित संयुक्त स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा सरकार के गले की हड्डी बन गई है. विवादों के बीच 21 और 22 सितंबर को किसी तरह परीक्षा आयोजित करने के बाद जैसे ही इस परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ, छात्रों का आंदोलन तेज हो गया है. अब छात्र रांची की सड़कों पर उतर आए हैं.

दरअसल, सीजीएल परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर आहूत हजारीबाग बंद के दौरान छात्रों पर लाठीचार्ज हुआ. जिसके विरोध में बुधवार को राजधानी रांची की सड़कों पर छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा. इस दौरान छात्रों ने न सिर्फ कैंडल मार्च निकालकर विरोध जताया बल्कि आयोग और सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जताते हुए आंदोलन तेज करने की धमकी भी दी.

CGLपरिणाम घोषित होने के बाद छात्रों का गुस्सा फूटा, निकाला कैंडल मार्च (Etv Bharat)

झारखंड राज्य छात्र संघ के बैनर तले सड़क पर उतरे छात्रों ने झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा घोषित परिणाम में बड़े पैमाने पर अनियमितता का आरोप लगाया और कहा कि परीक्षा से लेकर परिणाम घोषित होने तक धांधली हुई है, जिसके कारण मेधावी छात्र वंचित रह गए हैं.

निकाला गया कैंडल मार्च

झारखंड लोकतांत्रिक क्रांति मोर्चा के वरीय उपाध्यक्ष सह छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो के नेतृत्व में जयपाल सिंह स्टेडियम से अल्बर्ट एक्का चौक तक कैंडल मार्च निकाला गया. प्रदर्शन के दौरान शहीद अल्बर्ट एक्का चौक पर बड़ी संख्या में छात्र मौजूद थे. इस दौरान अभ्यर्थियों ने जेएसएससी और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो ने हजारीबाग में हुए लाठीचार्ज की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने सीजीएल रिजल्ट में धांधली का आरोप लगाते हुए कहा कि कट ऑफ मार्क्स जारी न कर सीधे चयनित छात्रों की सूची जारी करना सेटिंग-गेटिंग साबित होता है. पहले दिन इस परीक्षा में मात्र 82 छात्र चयनित हुए थे, जबकि दूसरे दिन 22 सितंबर को हुई परीक्षा में करीब 2149 छात्र चयनित हुए, जो गंभीर जांच का विषय है.

छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए दस्तावेज सत्यापन पर तत्काल रोक लगाई जाए और इस विवादास्पद रिजल्ट को रद्द कर पारदर्शिता के साथ दोबारा परीक्षा ली जाए.

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Last Updated : Dec 11, 2024, 9:46 PM IST
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