जयपुर : राजधानी जयपुर के महेश नगर थाना इलाके में एक प्राइवेट कोचिंग में अचानक 10 स्टूडेंट्स के बेहोश होने का मामला सामने आया है. रविवार देर शाम को क्लास रूम में ही स्टूडेंट्स की सांसे फूलने लगी. उसके बाद सभी को आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया. सूचना के बाद मौके पर पुलिस अधिकारी भी पहुंचे. बताया जा रहा है कि कोचिंग में क्लास के दौरान एसी के अंदर से गैस की बदबू आई, जिससे स्टूडेंट्स बेहोश होने लगे. हालांकि, सभी छात्र- छात्राओं की हालत में सुधार बताया जा रहा है.
महेश नगर थाना अधिकारी कविता शर्मा ने बताया कि रिद्धि सिद्धि तिराहे के पास एक निजी कोचिंग के स्टूडेंट्स बेहोश हो गए. रविवार देर शाम को कोचिंग की दूसरी मंजिल पर क्लास चल रही थी. करीब 7 बजे क्लास रूम में अजीब सी बदबू आने लगी, जिसकी वजह से करीब 10 स्टूडेंट बेहोश हो गए. स्टूडेंट के बेहोश होने पर तुरंत उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया. सभी स्टूडेंट्स की हालत में सुधार है. स्टूडेंट से पूछने पर पता चला कि एक अजीब सी बदबू आने की वजह से वो बेहोश हो गए थे. बीमार पड़े 10 विद्यार्थियों में 8 छात्राएं, 1 कुक और एक छात्र शामिल है. इनमें से 2 को सोमानी अस्पताल रेफर किया गया है.
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घटना के बाद प्रशासन में भी हड़कंप मच गया. वहीं, स्टूडेंट के परिजनों के साथ ही काफी संख्या में छात्र मौके पर पहुंचे. छात्र नेता निर्मल चौधरी अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए, जहां पुलिस से उनकी झड़प हो गई. इस दौरान पुलिसकर्मियों धरने पर बैठे छात्रों पर हल्का बल प्रयोग कर उन्हें खदेड़ना का प्रयास किया. छात्र नेता निर्मल चौधरी ने कहा कि यह कोचिंग संस्थान की लापरवाही से घटना हुई है. साथ ही उन्होंने इस मामले में कार्रवाई की मांग की है. पुलिसकर्मियों से झड़प होने के बाद कुछ छात्र नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. वहीं, भीड़ को भी हटाने का प्रयास किया गया.
सूचना के बाद जयपुर शहर की सांसद मंजू शर्मा अस्पताल पहुंचीं, जहां उन्होंने बीमार पड़े छात्र-छात्राओं से मुलाकात की. इस दौरान छात्र-छात्राओं ने सांसद को पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया. वहीं, अस्पताल के डॉक्टर से भी बातचीत करके स्टूडेंट्स की हालत के बारे में जानकारी ली. इसके तुरंत बाद उन्होंने इस मामले में जांच करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया. परिजनों से भी मुलाकात करके बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी ली. डॉक्टर का कहना है कि बच्चों को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी.
नगर निगम प्रशासन हुआ सक्रिय : कोचिंग संस्थान में हुए हादसे के बाद नगर निगम प्रशासन भी सक्रिय हो गया है. मामले की जानकारी मिलते ही मानसरोवर जोन के अधिकारी मौके पर पहुंचे. जयपुर ग्रेटर निगम की महापौर सौम्या गुर्जर के निर्देश पर आयुक्त ने कमेटी का गठन किया है. महापौर ने कहा कि कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा निगम की प्राथमिकता है.
देखिए किस प्रकार जयपुर में गांव ढाणी के बच्चों से मोटी रकम वसूलने के बाद बहन बेटियों की जान से खिलवाड़ करते कोचिंग संस्थानों की अगुवाई करने पहुंच जाती है पुलिस.
— Nirmal Choudhary (@NirmlChoudhary) December 15, 2024
आखिर यह आम छात्र शक्ति की आवाज को दबाने का प्रयास क्यों किया जा रहा है.
मैं सरकार और प्रशासन को बताना चाहूंगा कि अगर… pic.twitter.com/4se8a48VL8
एसीपी सोडाला योगेश चौधरी के मुताबिक घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची थी. क्लास रूम में गटर की बदबू आ रही थी. कोचिंग के ऊपर किचन में खाना बनाया जा रहा था. इस दौरान खाने में कुक ने तड़का दिया था, लेकिन तड़के के धुएं को ऐसी के फैन ने अंदर ले लिया. वहीं, धुआं क्लास में बैठे छात्र-छात्राओं तक पहुंचा, जिसकी वजह से छात्र-छात्राएं बेहोश हो गए. खैर, घटना की असल वजह जांच के बाद सामने आएगी.
जयपुर की उत्कर्ष कोचिंग सेंटर में गैस लीकेज की वजह से छात्र छात्राओं के बेहोश होने की घटना बेहद चिंताजनक है। यह घटना न केवल छात्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए खतरनाक है, बल्कि यह हमारे शिक्षा प्रणाली की कमियों को भी उजागर करती है।
— Tika Ram Jully (@TikaRamJullyINC) December 15, 2024
सरकार को तत्काल प्रभाव से छात्र-छात्राओं को…
टीकाराम जूली ने कही ये बात : कोचिंग क्लासेस में छात्र-छात्राओं के बेहोश होने के मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि कोचिंग सेंटर में गैस लीकेज की वजह से छात्र-छात्राओं के बेहोश होने की घटना बेहद चिंताजनक है. यह घटना न केवल छात्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए खतरनाक है, बल्कि यह हमारे शिक्षा प्रणाली की कमियों को भी उजागर करती है.
सरकार को तत्काल प्रभाव से छात्र-छात्राओं को उचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए. इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. इसके अलावा सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी शिक्षा संस्थानों में सुरक्षा मानकों का पालन किया जाए और छात्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं.