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MST नहीं बनने से छात्र, बुजुर्ग और दिव्यांग परेशान, LCTSL की लापरवाहियों का खामियाजा भुगतने को मजबूर जरूरतमंद - Lucknow City Transport Services

लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड की ओर से एमएसटी बंद करने से बड़ी संख्या में इसका लाभ पाने से लोग परेशान हो रहे हैं. पिछले कई महीने से एमएसटी ठप है, लेकिन इस तरफ LCTSL प्रबंधन का ध्यान ही नहीं है. जिसके चलते स्टूडेंटस, सीनियर सिटीजन और दिव्यांगों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 1, 2024, 10:48 PM IST

लखनऊ: राजधानी की लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड की ओर से बसों में एमएसटी की सुविधा बंद करने का खामियाजा छात्र, बुजुर्ग और दिव्यांग जैसे जरूरतमंदों को उठाना पड़ रहा है. एमएसटी धारकों का सिटी बसों से सफर करने में आर्थिक बोझ का सामना करना पड़ रहा है, उन्हें अब मजबूरी में पूरा किराया चुकाकर यात्रा करना पड़ रहा है. जबकि LCTSL के जिम्मेदार सामाजिक जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ रहे हैं. सामाजिक कल्याण में अपनी भागिदारी नहीं निभा कर समाज के कमजोर तबके की पेरशानियों को बढ़ा रहे हैं. अब जब स्टूडेंटस, सीनियर सिटीजन और दिव्यांगों ने एमएसटी की सेवा बहाल करने की आवाज उठाई तो फिर से एमएसटी बहाल करने की तैयारी हो रही है. लेकिन इसके लिए भी कोई समय सीमा तय नहीं की गई है.

लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड की करीब 100 इलेक्ट्रिक बसें और 100 सीएनजी बसें शहर में संचालित होती हैं. इसी साल फरवरी महीने में सिटी ट्रांसपोर्ट ने एमएसटी की दरें कम कर दी थीं. महिलाओं, 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों और छात्रों को मासिक पास से सफर करने पर बस में काफी छूट मिलती थी. सिटी बसों में सिर्फ 30 ट्रिप के किराए की दर पर 60 ट्रिप की यात्रा करने की सुविधा दी गई थी. बुजुर्गों, महिलाओं और छात्रों के लिए एमएसटी वरदान साबित हो रही थी, लेकिन अचानक के पिछले कई महीनों से यह सुविधा बंद कर दी गई. जिससे सिटी बसों से सफर करने पर यात्रियों को पूरा पैसा चुकाना पड़ रहा है.

सिटी बसों से हर रोज हजारों की संख्या में यात्री सफर करते हैं. कॉलेज और कोचिंग जाने वाले स्टूडेंट तो एमएसटी के ही भरोसे रहते हैं. हर रोज सिटी बसों से सफर करने वाले यात्रियों की संख्या तकरीबन 60 हजार से 65 हजार है, लेकिन अगर एमएसटी धारकों की बात की जाए तो यह संख्या भी 20 हजार से कम नहीं है. अब एमएसटी सेवा ठप होने से इन सभी को पूरा भुगतान करना पड़ रहा है.

LCTSL के अधिकारी एमएसटी सेवा कब से ठप है इस पर गोलमोल जवाब दे रहे हैं. कोई एक महीने से तो कोई दो महीने से एमएसटी की सेवा ठप होने की बात कह रहा है, लेकिन हकीकत यही है कि तीन से चार महीने पहले से ही एमएसटी की सुविधा यात्रियों के लिए बंद है. इससे यात्री परेशान हैं. वहीं एमएसटी की सुविधा न मिलने से यात्री बसों को छोड़कर अन्य परिवहन साधनों का इस्तेमाल करने लगे हैं, इससे सिटी बसों में यात्रियों की संख्या पर भी असर पड़ रहा है.

वहीं इस पूरे मामले पर नगरीय परिवहन निदेशालय के ज्वाइंट डायरेक्टर जयदीप वर्मा का कहना है कि, क्षेत्रीय स्तर पर अलग-अलग फर्मों को एमएसटी का ठेका दिया गया है. लखनऊ में किस कंपनी को यह काम मिला है यह सिटी बस प्रबंधन ही बता सकता है. अब पूरे प्रदेश के लिए एक नई फर्म का चयन कर रहे हैं, जल्द ही यह फर्म अपना काम शुरू करेगी और लोगों को एमएसटी की सुविधा जरूर मिलेगी.

यह भी पढ़ें : रोडवेज: हस्तिनापुर से नोएडा तक सीधी बस सेवा शुरू, 116 किमी. का सफर 3 घंटे में; जानिए कितना है किराया?

लखनऊ: राजधानी की लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड की ओर से बसों में एमएसटी की सुविधा बंद करने का खामियाजा छात्र, बुजुर्ग और दिव्यांग जैसे जरूरतमंदों को उठाना पड़ रहा है. एमएसटी धारकों का सिटी बसों से सफर करने में आर्थिक बोझ का सामना करना पड़ रहा है, उन्हें अब मजबूरी में पूरा किराया चुकाकर यात्रा करना पड़ रहा है. जबकि LCTSL के जिम्मेदार सामाजिक जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ रहे हैं. सामाजिक कल्याण में अपनी भागिदारी नहीं निभा कर समाज के कमजोर तबके की पेरशानियों को बढ़ा रहे हैं. अब जब स्टूडेंटस, सीनियर सिटीजन और दिव्यांगों ने एमएसटी की सेवा बहाल करने की आवाज उठाई तो फिर से एमएसटी बहाल करने की तैयारी हो रही है. लेकिन इसके लिए भी कोई समय सीमा तय नहीं की गई है.

लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड की करीब 100 इलेक्ट्रिक बसें और 100 सीएनजी बसें शहर में संचालित होती हैं. इसी साल फरवरी महीने में सिटी ट्रांसपोर्ट ने एमएसटी की दरें कम कर दी थीं. महिलाओं, 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों और छात्रों को मासिक पास से सफर करने पर बस में काफी छूट मिलती थी. सिटी बसों में सिर्फ 30 ट्रिप के किराए की दर पर 60 ट्रिप की यात्रा करने की सुविधा दी गई थी. बुजुर्गों, महिलाओं और छात्रों के लिए एमएसटी वरदान साबित हो रही थी, लेकिन अचानक के पिछले कई महीनों से यह सुविधा बंद कर दी गई. जिससे सिटी बसों से सफर करने पर यात्रियों को पूरा पैसा चुकाना पड़ रहा है.

सिटी बसों से हर रोज हजारों की संख्या में यात्री सफर करते हैं. कॉलेज और कोचिंग जाने वाले स्टूडेंट तो एमएसटी के ही भरोसे रहते हैं. हर रोज सिटी बसों से सफर करने वाले यात्रियों की संख्या तकरीबन 60 हजार से 65 हजार है, लेकिन अगर एमएसटी धारकों की बात की जाए तो यह संख्या भी 20 हजार से कम नहीं है. अब एमएसटी सेवा ठप होने से इन सभी को पूरा भुगतान करना पड़ रहा है.

LCTSL के अधिकारी एमएसटी सेवा कब से ठप है इस पर गोलमोल जवाब दे रहे हैं. कोई एक महीने से तो कोई दो महीने से एमएसटी की सेवा ठप होने की बात कह रहा है, लेकिन हकीकत यही है कि तीन से चार महीने पहले से ही एमएसटी की सुविधा यात्रियों के लिए बंद है. इससे यात्री परेशान हैं. वहीं एमएसटी की सुविधा न मिलने से यात्री बसों को छोड़कर अन्य परिवहन साधनों का इस्तेमाल करने लगे हैं, इससे सिटी बसों में यात्रियों की संख्या पर भी असर पड़ रहा है.

वहीं इस पूरे मामले पर नगरीय परिवहन निदेशालय के ज्वाइंट डायरेक्टर जयदीप वर्मा का कहना है कि, क्षेत्रीय स्तर पर अलग-अलग फर्मों को एमएसटी का ठेका दिया गया है. लखनऊ में किस कंपनी को यह काम मिला है यह सिटी बस प्रबंधन ही बता सकता है. अब पूरे प्रदेश के लिए एक नई फर्म का चयन कर रहे हैं, जल्द ही यह फर्म अपना काम शुरू करेगी और लोगों को एमएसटी की सुविधा जरूर मिलेगी.

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