Stubble Burning News: दिल्ली की सीएम आतिशी ने दिल्ली में प्रदूषण की वजह से बिगड़ते हालात के लिए पड़ोसी राज्यों खासकर बीजेपी शासित राज्यों की पराली को जिम्मेदार ठहराया है. वहीं पंजाब की पराली प्रबंधन को लेकर तारीफ की है, जिसके बाद इस मामले में हरियाणा सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. वहीं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने भी उन्हें आड़े हाथों लिया है. हरियाणा के मुकाबले इस बार क्या है पंजाब के पराली जलाने के आंकड़े. क्या है बीजेपी शासित अन्य राज्यों की पंजाब के मुकाबले स्थिति?
पराली, प्रदूषण और पॉलिटिक्स : दिल्ली एनसीआर इलाके में पिछले कई सालों से जैसे ही सर्दी के मौसम में प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगता है, तो इसके लिए हरियाणा और पंजाब की पराली को जिम्मेदार ठहराया जाता है. इसको लेकर जब तक पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार नहीं थी, तब तक दिल्ली सरकार इसके लिए पंजाब और हरियाणा को जिम्मेदार ठहराती थी. लेकिन पंजाब में आप की सरकार बनने के बाद अब दिल्ली सरकार इस मामले में हरियाणा और अन्य बीजेपी शासित राज्यों को जिम्मेदार ठहरा रही है. वहीं पराली मैनेजमेंट को लेकर पंजाब की तारीफ कर रही है.
क्या बीजेपी शासित राज्य हालत के लिए जिम्मेदार? : लेकिन क्या सच में जिन बीजेपी शासित राज्यों को दिल्ली की सीएम आतिशी प्रदूषण के लिए जिम्मेदार ठहरा रही है, क्या आंकड़े भी उनके बयान का साथ दे रहे हैं या फिर वे इस मामले में सिर्फ राजनीति कर रही हैं ?. पंजाब के मुकाबले अन्य राज्यों के आंकड़े क्या हैं, उनको जानना इसके लिए जरूरी है.
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क्या कहते हैं पराली जलाने के आंकड़े ? : बात इस साल के 15 सितंबर से 18 नवंबर तक पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान और मध्यप्रदेश के पराली जलाने के आंकड़ों की करें तो कहानी खुद ब खुद सामने आ जाती है. 18 नवंबर तक के पराली जलाने के कुल आंकड़ों की बात की जाए तो इन सभी राज्यों में कुल आंकड़ा 27,319 का है, जिसमें पंजाब में आंकड़ा 9,655 जबकि हरियाणा में आंकड़ा 1,118 है जो कि पंजाब के मुकाबले आठ गुना कम है. लेकिन दिल्ली की सीएम पंजाब की पराली मैनेजमेंट को लेकर तारीफ करती दिख रही है.
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मध्यप्रदेश में ज्यादा जली पराली : अब बाकी राज्यों को देखें तो इसी समय अवधि में उत्तर प्रदेश में 2940 जोकि पंजाब से तीन गुना कम है. वहीं दिल्ली में 12 मामले. जबकि बीजेपी शासित राजस्थान में आंकड़े 2212 है. ये भी पंजाब से करीब चार गुना कम है. हालांकि बीजेपी शासित राज्य मध्य प्रदेश में पराली जलाने का आंकड़ा पंजाब से एक गुना अधिक है. यहां पर कुल मामले 11382 हैं. यानी सिर्फ मध्य प्रदेश में ही पराली जलाने के मामले पंजाब से ज्यादा है. लेकिन फिर भी दिल्ली की सीएम सभी बीजेपी शासित राज्यों को प्रदूषण के लिए जिम्मेदार ठहरा रही हैं.
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क्या कहते हैं पंजाब और हरियाणा के एक सप्ताह के आंकड़े? : अगर हम बीते एक सप्ताह यानी 12 नवम्बर से 18 नवंबर के बीच पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के आंकड़ों को देखते हैं तो ये पंजाब में हरियाणा से कई गुना अधिक है. 12 नवम्बर को हरियाणा में 12, पंजाब में 83 जगहों पर पराली जलाई गई. वहीं 13 नवम्बर को पंजाब में 139, हरियाणा में 4 जगहों पर पराली जलाई गई. इसके अलावा 14 नवंबर को हरियाणा में 11, पंजाब में 202, 15 नवम्बर को पंजाब में 186, हरियाणा में 20, 16 नवंबर को पंजाब में 46, हरियाणा में 25, 17 नवम्बर को हरियाणा में 2 और पंजाब में पराली जलाने के 200 मामले हैं. वहीं 18 नवंबर को हरियाणा में 36 और पंजाब में 133 मामले हैं. हालांकि सिर्फ मध्य प्रदेश ऐसा है जहां पंजाब के मुकाबले एक सप्ताह में ज्यादा पराली जली है जोकि 600 से 1100 से अधिक मामले हैं.
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2020 से 2024 के बीच क्या है पंजाब हरियाणा की स्थिति ? : अब 2020 से 2024 के बीच आंकड़ों पर नजर डालें तो 15 सितंबर से 18 नवंबर तक पंजाब में पराली जलाने के आंकड़ों में हरियाणा की तरह कमी तो आई है लेकिन अभी भी उतनी नहीं है जितनी कमी हरियाणा में आई है. साल 2020 में पंजाब में 81016, हरियाणा में 3770, साल 2021 में पंजाब में 70125, हरियाणा में 6205, साल 2022 में पंजाब में 48489, हरियाणा में 3380, साल 2023 में पंजाब में 33719 और हरियाणा में 2052 मामले सामने आए थे. जबकि इस साल पंजाब में 9655 और हरियाणा में अभी तक 1118 मामले सामने आए हैं.
"सबको साथ मिलकर काम करने की जरूरत" : पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के डॉ. रवींद्र खैवाल ने कहा कि "इस वक्त प्रदूषण चरम पर है. पंजाब में पराली सबसे ज्यादा जलती है और हवा का रुख दिल्ली की ओर है. इसीलिए प्रदूषण का स्तर 'गंभीर' श्रेणी में है. उन्होंने कहा कि प्रदूषण की कोई सीमा नहीं है, साथ मिलकर काम करने की जरूरत है''
VIDEO | " about 900 fire count (stubble burning) was there in punjab yesterday, it was highest stubble burning in punjab, the last peak was 750 in a day. we observed that when the stubble burning increased last time, it increased air pollution in adjoining areas. it started… pic.twitter.com/oeHRbRVmhi
— Press Trust of India (@PTI_News) November 19, 2024
दिल्ली की सीएम ने क्या कहा था ? : दिल्ली की सीएम आतिशी ने पराली के मामले में केंद्र सरकार पर निशाना साधा था और इसके मैनेजमेंट को लेकर केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की थी. इसके साथ ही उन्होंने पराली के डाटा पर बात करते हुए कहा था कि हरियाणा, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश में पराली जल रही है, सिर्फ पंजाब ने पराली की घटना कम की है.
हरियाणा के बीजेपी अध्यक्ष ने आतिशी के बयान पर क्या कहा ? : हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष मोहनलाल बडौली ने दिल्ली के सीएम के बयान पर कहा कि वे पंजाब में पराली जलाने के मामले में 80 फीसदी कमी होने की बात कर रही हैं, जबकि वो ये नहीं जानती है कि पराली क्या होती है?.
कैबिनेट मंत्री महिपाल ढांडा ने क्या कहा? : हरियाणा के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने कहा कि आम आदमी पार्टी इस मुद्दे पर सिर्फ राजनीति करती है. हरियाणा के मुकाबले तीन गुना ज्यादा धान पंजाब में पैदा होता है. इसके बावजूद हरियाणा में पराली के बहुत कम मामले आए हैं. आम आदमी पार्टी वाले झूठों के सरदार हैं. दिल्ली और पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार सिर्फ हरियाणा के किसानों को दोषी बताती है. सुप्रीम कोर्ट भी कई बार हरियाणा के पराली जलाने से रोकने के प्रयासों की सराहना कर चुका है. पंजाब अपनी नाकामी छुपाने के लिए हरियाणा के किसानों पर आरोप लगाता है. हमारे किसान भी बहुत समझदार हैं, वे पराली को नहीं जलाते.
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