बस्तर: छत्तीसगढ़ समेत बस्तर में धान खरीदी 14 नवंबर से होनी है. उससे पहले बस्तर संभाग में सहकारी समिति संघ की हड़ताल ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. सहकारी समितियों ने 3 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन स्ट्राइक शुरू कर दी है. सहकारी समिति की हड़ताल से धान खरीदी का कार्य प्रभावित होने की 100 प्रतिशत संभावना जताई जा रही है. यह किसानों और सरकार के लिए अच्छी खबर नहीं है.
सहकारी समिति संघ की हुंकार: बस्तर में सहकारी समिति संघ ने हुंकार जारी रखी है. सहकारी समिति कर्मचारी संघ के संभागीय अध्यक्ष मनबहाल महावीर ने बताया कि 18 अक्टूबर से हमारा विरोध प्रदर्शन जारी है. उसके बावजूद भी सरकार हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है. जिसकी वजह से हम एक बार फिर हड़ताल को मजबूर है. आज हमने शहर के कृषि मंडी में शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन किया है. जिसके बाद आंदोलन और उग्र कर दिया जाएगा.
समिति संघ की 3 मांगें हैं. मध्यप्रदेश सरकार की तर्ज पर प्रदेश के 2058 सहकारी समितियों को 3-3 लाख रुपये का वेतनमान होना चाहिए. इसके अलावा सरकार को सूखत मान्य करना चाहिए. सेवानियम 2018 में आंशिक संशोधन करते हुए पुनरीक्षित वेतनमान लागू किया जाना चाहिए: सुभाषचन्द्र विश्वास, समिति संघ के संभागीय उपाध्यक्ष
धान खरीदी की तैयारी हो सकती है प्रभावित: सहकारी समितियों की हड़ताल से धान खरीदी की तैयारी प्रभावित हो सकती है. इस बारे में दंतेवाड़ा जिला अध्यक्ष आलोक ठाकुर ने बताया कि धान खरीदी के पूर्व लगभग 30 दिनों तक हमें धान खरीदी से जुड़ी तैयारी करनी पड़ती है. हम लंबे समय से हड़ताल पर हैं. सहकारी समिति में कोई तैयारी नहीं हुई है. ऐसे में धान खरीदी प्रभावित हो सकती है. सहकारी समिति की हड़ताल पर देखना होगा कि अब सरकार क्या फैसला लेती है.