ETV Bharat / state

फर्जीवाड़ा करने वाले दो ग्राम प्रधानों पर सख्त एक्शन, वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार छिने, जानिए पूरा मामला

Firozabad Latest News : जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर पंचायत सचिव को कर दिया गया था निलंबित.

खंड विकास अधिकारी कार्यालय
खंड विकास अधिकारी कार्यालय (Photo credit: ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

फिरोजाबाद : जिले के दो ग्राम प्रधानों की प्रधानी सरकार ने छीन ली है. इन प्रधानों पर सरकारी पैसे हड़पने का आरोप लगा था, जिसके बाद जिला प्रशासन ने यह कदम उठाया है. आइए आपको बताते हैं कि पूरा मामला क्या है?

केस नंबर एक : मामला हाथवंत विकास खंड के श्यावरी गांव से जुड़ा है. दरअसल, इसी गांव के रहने वाले बृजमोहन ने जिला मुख्यालय पर शिकायत की थी. आरोप था कि ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव ने सांठगांठ कर फर्जी जॉबकार्ड बनाकर 59 मजदूरों की हाजिरी दिखाकर साल 2021-2022 एवं 2022-2023 में पांच लाख 30 हजार से ज्यादा की धनराशि का घोटाला कर लिया है. मुख्य विकास अधिकारी ने इस मामले की जांच टीम बनाकर जिला विकास अधिकारी, सहायक अभियंता लघु सिंचाई, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी, तकनीकी सहायक को सौंपी गई. जांच टीम ने गांव पहुंचकर मनरेगा मजदूरों के नाम पढ़कर सुनाए, लेकिन इन नामों का कोई भी व्यक्ति नहीं मिला. जांच पड़ताल में यह बात सामने आई कि फर्जीवाड़ा कर साल 2021-22 में तीन लाख 57 हजार 408 और 2022-23 में एक लाख 72 हजार 743 रुपये का भुगतान गलत तरीके से हुआ है. इसी मामले में ग्राम प्रधान की संलिप्तता पाए जाने पर जिलाधिकारी रमेश रंजन ने महिला ग्राम प्रधान पूनम देवी के वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार सीज किए गए हैं.

केस नंबर 2 : दूसरा मामला टूंडला विकास खंड इलाके के गांव नगला पुनू से जुड़ा है. दरअसल, गांव में पेयजल संकट की शिकायत ग्रामीणों ने अधिकारियों से की थी. अधिकारियों ने पंचायत सचिव को पेयजल संकट दूर करने के निर्देश दिए थे. अधिकारियों के इन्हीं निर्देशों का फायदा उठाते हुए खेल कर दिया गया. आरोप है कि गांव में एक भी हैंडपंप न होने के बाद भी बड़ी सफाई से पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान ने हैंडपंप रीबोर के नाम पर अलग-अलग तारीखों में साल 2022 और 2023 में लगभग एक लाख रुपये की धनराशि निकाल ली. पानी की समस्या का फिर भी समाधान नहीं हुआ तो ग्रामीणों ने इसकी फिर शिकायत की. इसी दौरान ग्रामीणों को जानकारी हुई कि हैंडपंपों के रीबोर कराने के नाम पर खेल हुआ है. ग्रामीणों की शिकायत के बाद जिला स्तर से मामले की जांच कराई गई तो पता चला कि गांव में एक भी हैंडपंप न होने के बावजूद ग्राम प्रधान ने रीबोर के नाम पर अपने भाई के खाते में इस राशि को ट्रांसफर कराया है.

जिला विकास अधिकारी पीसी राम ने बताया कि इस मामले में जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर पंचायत सचिव अनिल कुमार रजक को निलंबित कर दिया गया था. ग्राम प्रधान विक्रांत के वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार सीज कर दिए गए हैं.

यह भी पढ़ें : यूपी में पीएम आवास योजना में धांधली; पंचायत सचिव समेत 25 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज

यह भी पढ़ें : गजब है! गांव में एक भी हैडपंप नहीं, रीबोर के नाम पर सरकारी खाते से निकाले 1 लाख

फिरोजाबाद : जिले के दो ग्राम प्रधानों की प्रधानी सरकार ने छीन ली है. इन प्रधानों पर सरकारी पैसे हड़पने का आरोप लगा था, जिसके बाद जिला प्रशासन ने यह कदम उठाया है. आइए आपको बताते हैं कि पूरा मामला क्या है?

केस नंबर एक : मामला हाथवंत विकास खंड के श्यावरी गांव से जुड़ा है. दरअसल, इसी गांव के रहने वाले बृजमोहन ने जिला मुख्यालय पर शिकायत की थी. आरोप था कि ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव ने सांठगांठ कर फर्जी जॉबकार्ड बनाकर 59 मजदूरों की हाजिरी दिखाकर साल 2021-2022 एवं 2022-2023 में पांच लाख 30 हजार से ज्यादा की धनराशि का घोटाला कर लिया है. मुख्य विकास अधिकारी ने इस मामले की जांच टीम बनाकर जिला विकास अधिकारी, सहायक अभियंता लघु सिंचाई, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी, तकनीकी सहायक को सौंपी गई. जांच टीम ने गांव पहुंचकर मनरेगा मजदूरों के नाम पढ़कर सुनाए, लेकिन इन नामों का कोई भी व्यक्ति नहीं मिला. जांच पड़ताल में यह बात सामने आई कि फर्जीवाड़ा कर साल 2021-22 में तीन लाख 57 हजार 408 और 2022-23 में एक लाख 72 हजार 743 रुपये का भुगतान गलत तरीके से हुआ है. इसी मामले में ग्राम प्रधान की संलिप्तता पाए जाने पर जिलाधिकारी रमेश रंजन ने महिला ग्राम प्रधान पूनम देवी के वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार सीज किए गए हैं.

केस नंबर 2 : दूसरा मामला टूंडला विकास खंड इलाके के गांव नगला पुनू से जुड़ा है. दरअसल, गांव में पेयजल संकट की शिकायत ग्रामीणों ने अधिकारियों से की थी. अधिकारियों ने पंचायत सचिव को पेयजल संकट दूर करने के निर्देश दिए थे. अधिकारियों के इन्हीं निर्देशों का फायदा उठाते हुए खेल कर दिया गया. आरोप है कि गांव में एक भी हैंडपंप न होने के बाद भी बड़ी सफाई से पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान ने हैंडपंप रीबोर के नाम पर अलग-अलग तारीखों में साल 2022 और 2023 में लगभग एक लाख रुपये की धनराशि निकाल ली. पानी की समस्या का फिर भी समाधान नहीं हुआ तो ग्रामीणों ने इसकी फिर शिकायत की. इसी दौरान ग्रामीणों को जानकारी हुई कि हैंडपंपों के रीबोर कराने के नाम पर खेल हुआ है. ग्रामीणों की शिकायत के बाद जिला स्तर से मामले की जांच कराई गई तो पता चला कि गांव में एक भी हैंडपंप न होने के बावजूद ग्राम प्रधान ने रीबोर के नाम पर अपने भाई के खाते में इस राशि को ट्रांसफर कराया है.

जिला विकास अधिकारी पीसी राम ने बताया कि इस मामले में जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर पंचायत सचिव अनिल कुमार रजक को निलंबित कर दिया गया था. ग्राम प्रधान विक्रांत के वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार सीज कर दिए गए हैं.

यह भी पढ़ें : यूपी में पीएम आवास योजना में धांधली; पंचायत सचिव समेत 25 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज

यह भी पढ़ें : गजब है! गांव में एक भी हैडपंप नहीं, रीबोर के नाम पर सरकारी खाते से निकाले 1 लाख

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.