पंचकूला: हरियाणा में लोकसभा चुनाव के छठे चरण में 25 मई को सभी दस लोकसभा सीटों पर मतदान होना है. इस संबंध में जिला पंचकूला के उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉक्टर यश गर्ग ने चेताया कि चुनाव डयूटी पर जा रहे मतदान दल के कार्य/ड्यूटी में यदि कोई असामाजिक तत्व या राजनीतिक पार्टियां अपने प्रभाव के चलते किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न करती हैं, तो उनके खिलाफ नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने बताया कि मतदान केंद्र के अंदर यदि किसी व्यक्ति का आचरण सही नहीं है या पीठासीन अधिकारी के आदेशों की अवहेलना की जाती है, तो उसे ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मचारी द्वारा मतदान केंद्र से बाहर निकाल दिया जाएगा.
पीठासीन अधिकारी की परमिशन जरूरी: मतदान केंद्र में सही आचरण ना कर आदेशों की अवहेलना करने वाला व्यक्ति यदि पीठासीन अधिकारी की अनुमति के बिना मतदान केंद्र में पुनः प्रवेश करता है तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा. लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा-132 के तहत उस पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी और 3 महीने की जेल या जुर्माना या दोनों सजाएं दी जा सकती हैं.
मतदान केंद्र में हथियार लाने पर 2 साल कैद: जिला उपायुक्त डॉक्टर यश गर्ग ने बताया कि रिटर्निंग अधिकारी, प्रिजाइडिंग अधिकारी, पुलिस ऑफिसर या कोई अन्य व्यक्ति जिसे मतदान केंद्र के अंदर शांति और व्यवस्था बनाए रखने हेतु ड्यूटी पर तैनात किया गया हो, उनके अलावा यदि कोई अन्य व्यक्ति मतदान केंद्र में हथियार लाता है, तो उसे अपराध माना जाएगा. इसके लिए लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा-134/बी के तहत 2 साल की कैद या जुर्माना या दोनों सजाएं हो सकती हैं.
बैलट पेपर या ईवीएम से छेड़छाड़ पर गिरफ्तारी: जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि यदि प्रिजाइडिंग ऑफिसर को किसी कारणवश लगता है कि किसी व्यक्ति ने बैलेट पेपर या ईवीएम को मतदान केंद्र से बाहर ही हटाया/निकाला है. तो वो उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकते हैं या पुलिस अधिकारी को गिरफ्तारी के निर्देश दे सकते हैं या उसे ढूंढने के निर्देश दे सकते हैं. लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा-135 के तहत आरोपी व्यक्ति को एक साल की कैद या जुर्माना या दोनों सजाएं हो सकती हैं.
ईवीएम से आधिकारिक चिह्न को नष्ट करने पर 2 साल की सजा: जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा-136 के तहत चुनाव प्रतिबद्धता की दृष्टि से अपराध करने हेतु यदि कोई व्यक्ति किसी मतपत्र या ईवीएम या किसी मतपत्र या ईवीएम पर लगे आधिकारिक चिह्न को धोखाधड़ी से विरूपित या नष्ट कर देता है या किसी मतपेटी में मतपत्र के अलावा कुछ भी डाल देता है, या प्रतीक/नाम पर कोई कागज, टेप आदि चिपका देता है तो उसे 6 माह की कैद या जुर्माना या दोनों सजाएं हो सकती हैं. यदि ये अपराध चुनाव ड्यूटी पर तैनात किसी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा किया जाता है तो 2 साल की कैद या जुर्माना या दोनों सजाएं हो सकती हैं.
सरकारी अधिकारी पर हमला किया तो 2 से 10 साल कैद: यदि कोई व्यक्ति किसी सरकारी अधिकारी को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए स्वेच्छा से साधारण या गंभीर चोट पहुंचाता है या हमला करता है तो उसे भारतीय दण्ड संहिता की धारा 332, 333 व 353 के तहत 2 साल से 10 साल की कैद और जुर्माना लगाया जाएगा.