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हाईकोर्ट परिसर में बिक रहे दूषित खाद्य पदार्थों पर आयोग ने लिया प्रसंज्ञान, विभाग को कार्रवाई के दिए निर्देश - State Human Rights Commission

राज्य मानवाधिकार आयोग ने हाईकोर्ट में बिक रहे दूषित खाद्य पदार्थों पर स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया है. आयोग ने विभागीय अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

COGNIZANCE OF THE CONTAMINATED FOOD,  CONTAMINATED FOOD SOLD IN COURT
हाईकोर्ट परिसर में बिक रहे दूषित खाद्य पदार्थों पर आयोग ने लिया प्रसंज्ञान. (ETV Bharat jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 3, 2024, 10:22 PM IST

जयपुरः राज्य मानवाधिकार आयोग ने खाद्य विभाग की ओर से बीते दिनों हाईकोर्ट परिसर की कैंटीन में कार्रवाई कर दूषित खाद्य पदार्थो की बिक्री करने और फूड लाइसेंस नहीं होने के मामले में स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया है. इसके साथ ही आयोग ने स्वास्थ्य सचिव, उपभोक्ता निदेशालय, खाद्य सुरक्षा आयुक्त, सभी जिलों के कलेक्टर व मुख्य चिकित्सा अधिकारी को कार्रवाई करने को कहा है. आयोग ने यह आदेश इस संबंध में प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट्स पर प्रसंज्ञान लेते हुए दिए.

आयोग ने इन अधिकारियों को कहा है कि वे खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के लिए समय-समय पर कार्रवाई करें. इस दौरान दुकानदारों के पास फूड लाइसेंस नहीं मिलने पर नगर पालिका व निगमों के प्रभावी त्वरित कार्रवाई करें, ताकि मिलावटी सामग्री से जनता का बचाव हो सके. आयोग ने राज्य सरकार से यह भी अपेक्षा की है कि वह इस संबंध में बने कानून के विषय में प्रभावी विधायी नियमों को जल्दी लागू करें.

पढ़ेंः हाईकोर्ट की कैंटीनों में खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्रवाई, नहीं मिला फूड लाइसेंस... गंदगी देख वकीलों ने जताया आक्रोश - Food Safety Department action

रिपोर्ट्स में बताया गया कि खाद्य विभाग ने हाईकोर्ट परिसर स्थित कैंटीनों का निरीक्षण किया था. इस दौरान टीम को अवधि पार फूड, फफूंद लगी सामग्री मिली. वहीं, किसी भी दुकानदार के पास फूड लाइसेंस भी नहीं था. यहां घरेलू गैस सिलेंडर भी काम में लिए जा रहे थे. निरीक्षण के दौरान एक कैंटीन में सड़ी सब्जियां, कृत्रिम रंग, गंदे बर्तन, कोरोना काल से पड़ी नमकीन, सहित अन्य गंदा सामान मिला. आयोग ने कहा कि अधिवक्ता न्यायालयों में काम करके कुछ देर सुस्ताने के लिए चाय या अन्य खाद्य पदार्थ का सेवन करता है, लेकिन यहां वे भी सुरक्षित नहीं मिलते. खाद्य विभाग त्योहारों के दौरान प्रभावी कार्रवाई करता है, लेकिन आम दिनों में कार्रवाई में शिथिलता के चलते मिलावटी खाद्य सामग्री जनस्वास्थ्य को कष्ट पहुंचाते हैं.

जयपुरः राज्य मानवाधिकार आयोग ने खाद्य विभाग की ओर से बीते दिनों हाईकोर्ट परिसर की कैंटीन में कार्रवाई कर दूषित खाद्य पदार्थो की बिक्री करने और फूड लाइसेंस नहीं होने के मामले में स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया है. इसके साथ ही आयोग ने स्वास्थ्य सचिव, उपभोक्ता निदेशालय, खाद्य सुरक्षा आयुक्त, सभी जिलों के कलेक्टर व मुख्य चिकित्सा अधिकारी को कार्रवाई करने को कहा है. आयोग ने यह आदेश इस संबंध में प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट्स पर प्रसंज्ञान लेते हुए दिए.

आयोग ने इन अधिकारियों को कहा है कि वे खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के लिए समय-समय पर कार्रवाई करें. इस दौरान दुकानदारों के पास फूड लाइसेंस नहीं मिलने पर नगर पालिका व निगमों के प्रभावी त्वरित कार्रवाई करें, ताकि मिलावटी सामग्री से जनता का बचाव हो सके. आयोग ने राज्य सरकार से यह भी अपेक्षा की है कि वह इस संबंध में बने कानून के विषय में प्रभावी विधायी नियमों को जल्दी लागू करें.

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रिपोर्ट्स में बताया गया कि खाद्य विभाग ने हाईकोर्ट परिसर स्थित कैंटीनों का निरीक्षण किया था. इस दौरान टीम को अवधि पार फूड, फफूंद लगी सामग्री मिली. वहीं, किसी भी दुकानदार के पास फूड लाइसेंस भी नहीं था. यहां घरेलू गैस सिलेंडर भी काम में लिए जा रहे थे. निरीक्षण के दौरान एक कैंटीन में सड़ी सब्जियां, कृत्रिम रंग, गंदे बर्तन, कोरोना काल से पड़ी नमकीन, सहित अन्य गंदा सामान मिला. आयोग ने कहा कि अधिवक्ता न्यायालयों में काम करके कुछ देर सुस्ताने के लिए चाय या अन्य खाद्य पदार्थ का सेवन करता है, लेकिन यहां वे भी सुरक्षित नहीं मिलते. खाद्य विभाग त्योहारों के दौरान प्रभावी कार्रवाई करता है, लेकिन आम दिनों में कार्रवाई में शिथिलता के चलते मिलावटी खाद्य सामग्री जनस्वास्थ्य को कष्ट पहुंचाते हैं.

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