जयपुर. राज्य सरकार ने पर्यावरण को लेकर एकलपीठ की ओर से लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान के दौरान दिए गए आदेशों पर आपत्ति जताई है. वहीं, खंडपीठ ने मामले में राज्य सरकार को जवाब पेश करने के लिए छह सप्ताह का समय देते हुए प्रकरण की सुनवाई टाल दी. सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए.
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि प्रकरण में एकलपीठ ने गत 30 मई को स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया था. इस दौरान एकलपीठ ने कई निर्देश पारित कर दिए. जबकि इससे पूर्व प्रकरण में राज्य सरकार के पक्ष को नहीं सुना गया. एकलपीठ को आदेश जारी करने से पहले राज्य सरकार का पक्ष सुना जाना चाहिए था. इस पर अदालत ने मामले की सुनवाई छह सप्ताह टालते हुए राज्य सरकार को जवाब पेश करने को कहा है.
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गौरतलब है कि हाईकोर्ट की एकलपीठ ने गत 30 मई को प्रकरण में स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लेते हुए केन्द्र और राज्य सरकार से जवाब तलब किया था. इसके साथ ही अदालत ने मुख्य सचिव को कई निर्देश भी दिए थे. एकलपीठ के निर्देश पर प्रकरण को जनहित याचिका के तौर पर दर्ज कर सुनवाई के लिए खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था.