रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में कुल 24 वनभैंसा मौजूद हैं. यह जानकारी विधानसभा में वन मंत्री केदार कश्यप ने फरवरी 2024 में दी थी. उस दौरान विधायक जनक ध्रुव ने वन मंत्री से सवाल पूछा था कि क्या वन भैंसा छत्तीसगढ़ राज्य का राजकीय पशु घोषित है ? यदि है तो किस-किस वनमंडल में कितनी संख्या में वन भैंसा मौजूद है. इसके अलावा वन भैंसे के संरक्षण के लिए वन विभाग के द्वारा कौन-कौन से प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं और इन प्रोजेक्ट की क्या स्थिति है.
सरकार ने वन भैंसों की बताई वास्तविक स्थिति : इस सवाल के जवाब पर वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि वन भैंसा छत्तीसगढ़ राज्य का राजकीय पशु है. प्रदेश में कुल 24 वन भैंसे मौजूद हैं.जिसमें से 17 इंद्रावती टाइगर रिजर्व (बीजापुर), 6 बलौदा बाजार (असम वन भैसा) और एक वन भैसा उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व (यूएसटीआर) गरियाबंद में है. वन भैंसा संरक्षण संवर्धन के लिए बारनवापारा पर में ब्रीडिंग प्लान की स्वीकृति सैद्धांतिक रूप से केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण से प्राप्त की गई है. सेंटर फॉर सेलुलर एंड मलेकुलर बायोलॉजी (सीसीएमबी) हैदराबाद की सहायता से इस पर कार्य किया जा रहा है. वन भैंसा प्रजनन योजना और बारनवापारा अभयारण्य में संरक्षण प्रजनन केंद्र की स्थापना की स्वीकृति प्रदान करने के लिए प्लान केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण नई दिल्ली को भेजा गया है. वहीं असम से लाए गए छह वनभैसों की अगली पीढ़ी (F1, F2) को उदंती सीता नदी टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाना प्रस्तावित है.
सरकार के दावों को चुनौती : ऐसे में वन मंत्री के हिसाब से वर्तमान स्थिति में कुल 24 वन भैंसे छत्तीसगढ़ में मौजूद हैं. जिसमें से 17 इंद्रावती रिजर्व टाइगर बीजापुर में हैं. लेकिन वन्य जीव प्रेमी नितिन सिंघवी की माने तो जिस इंद्रावती टाइगर रिजर्व के वन भैंसों को प्रदेश सरकार अपना बता रही है,उनका अधिकतर समय महाराष्ट्र में गुजरता है. महाराष्ट्र सरकार ने उसके लिए संरक्षित क्षेत्र भी घोषित कर रखा है. ऐसे में छत्तीसगढ़ का ये दावा कि इंद्रावती में 17 वन भैंसे हैं ये पूरी तरह से गलत है.
प्रदेश में सिर्फ एक वन भैंसा : आपको बता दें कि नितिन सिंघवी का दावा है कि छत्तीसगढ़ की यदि बात की जाए तो केवल एक ही वनभैंसा मौजूद है.वो भी इस स्थिति में है कि उसके सीमन से दूसरे बच्चे पैदा नहीं किए जा सकते.क्योंकि उसकी उम्र 24 साल की हो चुकी है.इस कारण से वो प्रजनन की स्थिति में नहीं है. ऐसी स्थिति में यदि कहा जाए तो छत्तीसगढ़ से वन भैंसा विलुप्त हो चुका है या फिर विलुप्ति की कगार पर है. जिसे सरकार को स्वीकार कर लेना चाहिए.
वन विभाग के दावे हैं गलत : ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान नितिन सिंघवी ने बताया कि राज्य निर्माण के समय छत्तीसगढ़ में 75 वन भैसा होने का दावा किया जाता रहा. यहां से उदंती सीता नदी टाइगर रिजर्व में है. बाद में साल 2008 में 12 वन भैंसा बचने की बात सामने आई. इसके बाद इनके कंजर्वेशन की योजना बनीं. साल 2019-20 में वन विभाग की ओर से दावा किया गया कि प्रदेश में टोटल 8 वन भैंसा है. जिसमें से 6 उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में हैं.जबकि एक को जंगल सफारी में रखा गया है, इस तरह से 8 के दावे करते रहे हैं. इसके बाद वन विभाग का अमला हाइब्रिड को पड़कर लाने लगे. इस दौरान उनके पास लगभग 20 हाइब्रिड भी हो गए. 2020 में दो वन भैंसा असम से लेकर आए थे. फिर अप्रैल 2023 में 4 और वन भैंसा लेकर आएं.इस तरह कुल 6 वन भैंसा असम से लाया गया. जिसमें पांच मादाएं थी. प्लान ये था कि छत्तीसगढ़ के नर वन भैंसा से प्रजनन कराकर छत्तीसगढ़ में वन भैसों की ब्रीड को बरकरार रखा जाए.
क्या हुई दिक्कत ?: इस बारे में जब केंद्रीय जू अथॉरिटी को पत्र लिखा कि यह वन भैंसे हमारे पास हैं. इनसे हम असम के वन भैसा को क्रॉस करेंगे. तो केंद्रीय जू अथॉरिटी ने स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि आपके पास एक ही प्योर ब्रीड वन भैंसा है. बाकी सब हाइब्रिड के वन भैंसा हैं. इसके बाद अगस्त में इन्होंने जितने भी हाइब्रिड वाले वन भैंसा थे, उन्हें खाना देना बंद कर दिया. इसके बाद यह सबके सब वन भैंसे सीतानदी टाइगर रिजर्व में भाग गए.
''छत्तीसगढ़ में केवल एक ही प्योर ब्रीड का वन भैंसा बचा है, जिसका नाम छोटू है. इसकी उम्र लगभग 24 साल है. इनकी औसत अधिकतम उम्र 26 -27 साल होती है. ऐसे में उससे प्रजनन नहीं कराया जा सकता है.ना ही आर्टिफिशियल इनसेमिनेशन के लिए उसका सीमन निकाला जा सकता है. क्योंकि यह उसके जीवन के लिए खतरनाक होगा. आज की स्थिति में छत्तीसगढ़ नस्ल का कोई भी वन भैंसा उदंती सीता नदी टाइगर रिजर्व में नहीं है.जिसे प्रजनन कराया जा सके. वहीं असम के मादा वन भैंसों को बारनवापारा में बंधक बनाकर रखा गया है.''- नितिन सिंघवी, वन्य जीव प्रेमी
जिम्मेदार नहीं दे रहे जवाब : नितिन सिंघवी ने कहा कि इस प्रकार से हमारे पास में छत्तीसगढ़ के उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व (यूएसटीआर) का प्योर नस्ल का एक ही वैन भैंसा बचा हुआ है.जिससे प्रजनन नहीं कराया जा सकता है. इसलिए अब हमें मान लेना चाहिए कि छत्तीसगढ़ से वन भैंसा संभवत: विलुप्त हो गया है. या फिर विलुप्त होने की कगार पर है .वही छत्तीसगढ़ प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी सुधीर अग्रवाल से इस विषय पर चर्चा करने के लिए फोन लगाया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया.