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राज्य आंदोलनकारी बलदेव कुमाई 15 जुलाई को लेंगे जल समाधि, जानें वजह - State agitator Baldev Kumai - STATE AGITATOR BALDEV KUMAI

State agitator Baldev Kumai राज्य आंदोलनकारी बलदेव कुमाई ने आज प्रेस वार्ता की. इसी बीच उन्होंने विभिन्न मांगों को लेकर जल समाधि लेने की चेतावनी दी. साथ ही धामी सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया.... पढ़ें पूरी खबर..

State agitator Baldev Kumai
राज्य आंदोलनकारी बलदेव कुमाई (photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 10, 2024, 5:34 PM IST

राज्य आंदोलनकारी बलदेव कुमाई ने की प्रेस वार्ता (video-ETV Bharat)

देहरादून: उत्तराखंड में पलायन रोके जाने, पहाड़ों में बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं और टिहरी विस्थापितों को न्याय दिए जाने की मांग राज्य आंदोलनकारी बलदेव कुमाई ने उठाई है. वहीं, उनकी मांग पूरी न होने पर 15 जुलाई को जल समाधि लेने की चेतावनी भी दी है.

राज्य आंदोलनकारी बलदेव कुमाई ने बताया कि सरकार की गलत नीति और झूठे वादों की वजह से उन्होंने मजबूरन जल समाधि लेने का निर्णय लिया है. प्रदेश सरकार की पलायन नीति के तहत वर्ष 2017 में रिवर्स प्लानिंग के लिए और पलायन रोकने के लिए लाखों रुपए प्रचार-प्रसार में खर्च किए गए. सरकार की ओर से प्रवासी को हर सुविधा उपलब्ध कराने का वादा भी किया गया, लेकिन धरातल पर प्रवासियों को कोई सहायता नहीं दी गई. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सरकार के पास पलायन रोकने का बेहतर मौका था, लेकिन सरकार की सही नीति नहीं होने की वजह से प्रवासियों को अन्य राज्यों में वापस जाना पड़ा.

बलदेव कुमाई ने बताया कि पर्वतीय जिलों में शिक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति ठीक नहीं है. वहीं, अगर शिक्षा, व्यवस्था और रोजगार राज्य को मिल जाते हैं, तो निश्चित रूप से पलायन रुकेगा. अभी तक टिहरी बांध विस्थापितों को न्याय नहीं मिल पाया है. ऐसे में टिहरी झील के माध्यम से उनको रोजगार और स्वरोजगार के अवसर दिए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि टिहरी विस्थापितों को हनुमत रावत कमेटी के लिखित प्रस्ताव के अनुसार मुफ्त बिजली और पानी दिए जाने की मांग भी उठाई गई है, लेकिन इन सब विषयों पर सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई. जल समाधि लेने के बारे में उन्होंने स्थानीय प्रशासन को भी बता दिया है.

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राज्य आंदोलनकारी बलदेव कुमाई ने की प्रेस वार्ता (video-ETV Bharat)

देहरादून: उत्तराखंड में पलायन रोके जाने, पहाड़ों में बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं और टिहरी विस्थापितों को न्याय दिए जाने की मांग राज्य आंदोलनकारी बलदेव कुमाई ने उठाई है. वहीं, उनकी मांग पूरी न होने पर 15 जुलाई को जल समाधि लेने की चेतावनी भी दी है.

राज्य आंदोलनकारी बलदेव कुमाई ने बताया कि सरकार की गलत नीति और झूठे वादों की वजह से उन्होंने मजबूरन जल समाधि लेने का निर्णय लिया है. प्रदेश सरकार की पलायन नीति के तहत वर्ष 2017 में रिवर्स प्लानिंग के लिए और पलायन रोकने के लिए लाखों रुपए प्रचार-प्रसार में खर्च किए गए. सरकार की ओर से प्रवासी को हर सुविधा उपलब्ध कराने का वादा भी किया गया, लेकिन धरातल पर प्रवासियों को कोई सहायता नहीं दी गई. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सरकार के पास पलायन रोकने का बेहतर मौका था, लेकिन सरकार की सही नीति नहीं होने की वजह से प्रवासियों को अन्य राज्यों में वापस जाना पड़ा.

बलदेव कुमाई ने बताया कि पर्वतीय जिलों में शिक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति ठीक नहीं है. वहीं, अगर शिक्षा, व्यवस्था और रोजगार राज्य को मिल जाते हैं, तो निश्चित रूप से पलायन रुकेगा. अभी तक टिहरी बांध विस्थापितों को न्याय नहीं मिल पाया है. ऐसे में टिहरी झील के माध्यम से उनको रोजगार और स्वरोजगार के अवसर दिए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि टिहरी विस्थापितों को हनुमत रावत कमेटी के लिखित प्रस्ताव के अनुसार मुफ्त बिजली और पानी दिए जाने की मांग भी उठाई गई है, लेकिन इन सब विषयों पर सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई. जल समाधि लेने के बारे में उन्होंने स्थानीय प्रशासन को भी बता दिया है.

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