कोटा. देशभर में मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए मशहूर कोटा में इस बार कोचिंग के लिए बच्चों की संख्या कम है. इनका असर हॉस्टल इंडस्ट्री पर देखने को मिल रहा है और हॉस्टल की ऑक्युपेंसी कम हो गई है. कुछ हॉस्टल्स में बच्चों की संख्या काफी नगण्य हैं. दूसरी तरफ अन्य हॉस्टल्स और पेइंग गेस्ट (पीजी) बच्चों को ऑनलाइन उपलब्ध कराने के लिए एक स्टार्टअप शुरू किया गया है.
यह स्टार्टअप भी भोपाल से कोटा आकर कोचिंग करने वाले विकास पटेल ने शुरू किया है. जेईई की तैयारी करने कोटा आए थे, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी. इसके बाद उन्होंने आईआईएससी बेंगलुरु से बैचलर्स कर रहे हैं. उनका कहना है कि जिस तरह से उन्हें कोटा में हॉस्टल रूम खोजने में दिक्कत आई थी, इस समस्या के निजात के लिए ही उन्होंने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म शुरू किया है.
पटेल का कहना है की शुरुआत में उन्होंने 300 के करीब हॉस्टल उनके 'मेरा रूम' एप्लीकेशन और ऑनलाइन सिस्टम से जुड़े हैं. इसके जरिए हॉस्टल रूम के अलावा पीजी और हर तरह के फ्लैट भी रेंट पर उपलब्ध कराती है. इसके लिए स्टूडेंट्स को किसी तरह का कोई ब्रोकिंग चार्ज नहीं देना पड़ेगा. इसमें लोकेशन, रेंट, मेस व अन्य सभी सुविधाओं के अनुसार वह रूम का सिलेक्शन कर सकता है. हालांकि जब पटेल से पूछा गया कि कोटा में वर्तमान में हॉस्टल इंडस्ट्री में मंदी चल रही है, इस पर उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में ऐसे हालात नहीं होंगे. इसीलिए उन्होंने स्टार्टअप को अभी लॉन्च किया है. विकास ने बताया कि हम एप के जरिए रूम लेने वाले स्टूडेंट को शिकायत पोर्टल के जरिए समस्या बताने की सुविधा भी देंगे. कोटा से कोचिंग कर आईआईटियन व डॉक्टर लोगों से संवाद भी स्टूडेंट का करवाएंगे.