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एसटी हसन का छलका दर्द; बोले- अखिलेश ने किसी दबाव में काटा टिकट, मैं भी इंसान हूं, बेइज्जती महसूस होती है - Samajwadi Party

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 28, 2024, 5:30 PM IST

Moradabad Lok Sabha Seat: टिकट या तो मुझे मिलता नहीं, मिला था तो कटता नहीं. मैं भी इंसान हूं, मुझे भी बेइज्जती का एहसास होता है. सिर्फ दिल को यही कहकर बहलाता हूं कि अब राष्ट्रीय अध्यक्ष की कोई मजबूरियां रही होगी. लेकिन, मैं अब सपा प्रत्याशी के लिए कोई प्रचार नहीं करूंगा.

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मुरादाबाद: Lok Sabha Elections 2024: मुरादाबाद लोकसभा सीट से सपा सांसद डॉ. एसटी हसन का नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने टिकट काट दिया. टिकट कटने के बाद एसटी हसन का दर्द सामने आया है. उन्होंने कहा कि अध्यक्ष ने किस के दबाव टिकट काटा पता नही.

लेकिन, मैं सपा के प्रत्याशी का प्रचार नहीं करूंगा. मुझे हिंदू मुसलमान सब प्यार देते हैं. मैं कभी अपने दुश्मन को भी नहीं नकारता. बीजेपी के लोगों का भी जायज काम करता था. मैं भी इंसान हूं मुझे भी बेइज्जती का एहसास होता है.

पहले चरण के मतदान के लिए 26 मार्च को भाजपा कुंवर सर्वेश सिंह और सपा से एसटी हसन ने नामांकन पत्र दाखिल किया था. उसी दिन शाम होते-होते सपा प्रत्याशी के टिकट कटने की खबर आग की तरह फैल गई.

एसटी हसन का टिकट काटकर बिजनौर से पूर्व विधायक रुचि वीरा को टिकट देने की बात सामने आ गई. जिसके बाद रात में ही कई जगह रुचि वीरा का पुतला फूंका गया. 26 मार्च को ही रुचि वीरा भी मुरादाबाद पहुंच गईं. उन्होंने लोगों के बीच जाकर कहा कि एसटी हसन हमारे भाई हैं टिकट राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दिया है तो कुछ सोच समझकर ही दिया होगा.

कल 27 मार्च को रुचि वीरा ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया और 4 बजे के करीब जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने रुचि वीरा को अधिकृत सपा प्रत्याशी घोषित कर दिया. जिसके बाद आज एसटी हसन ने मीडिया के सामने टिकट कटने का दर्द साझा किया.

सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुझे सपा का प्रत्याशी घोषित किया था. मुझसे ही नॉमिनेशन करने की बात की थी. समय कम होने की वजह से 26 मार्च को ही नॉमिनेशन करा दिया था. लेकिन, नॉमिनेशन के आखिरी दिन पता चला कि एक मोहतरमा ने भी सपा से नॉमिनेशन करा दिया है.

सीधी सी बात है कि किसी दबाव में राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मेरा टिकट कैंसिल करने का लेटर दिया और रुचि वीरा को अधिकृत सपा प्रत्याशी घोषित किया. अखिलेश यादव पर कोई दबाव तो होगा ही मीडिया में भी रिपोर्ट्स हैं. मैं कुछ नहीं कह सकता, जब तक कंफर्म ना हो जाए.

अखिलेश जब आजम खान से जेल मिलने गए, उसके बाद ही खेल पलटा. आजम खान ने मुझे 2019 में टिकट दिलाया था. मैं उनका एहसानमंद हूं. अगर उन्होंने आज टिकट कटवा दिया तो बात बराबर हो गई. मुझे इस बात की नाराजगी रहेगी कि अगर पार्टी को नुकसान होगा तो नाराजगी तो बनती है.

समाजवादी पार्टी का मैं कार्यकर्ता हूं और समाजवादी के लिए ही काम करूंगा. लेकिन, मैं मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी का प्रचार रुचि वीरा के लिए नही करूंगा. उसे प्रत्याशी के साथ खड़ा हो गया तो मेरे समर्थनो के दिल टूट जाएंगे. मेरा लोगों के साथ जज्बाती जुड़ाव है.

हिंदू मुसलमान सब मुझे प्यार देते हैं. मैं कभी अपने दुश्मन को भी नहीं नकारता. टिकट या तो मुझे मिलता नहीं, मिला था तो कटता नहीं. मैं भी इंसान हूं, मुझे भी बेइज्जती का एहसास होता है. सिर्फ दिल को यही कहकर बहलाता हूं कि अब राष्ट्रीय अध्यक्ष की कोई मजबूरियां रही होगी.

ये भी पढ़ेंः सपा में फूट; मुरादाबाद सांसद एसटी हसन बोले- टिकट दिया था तो भरा पर्चा, क्यों वापस लिया पता नहीं

मुरादाबाद: Lok Sabha Elections 2024: मुरादाबाद लोकसभा सीट से सपा सांसद डॉ. एसटी हसन का नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने टिकट काट दिया. टिकट कटने के बाद एसटी हसन का दर्द सामने आया है. उन्होंने कहा कि अध्यक्ष ने किस के दबाव टिकट काटा पता नही.

लेकिन, मैं सपा के प्रत्याशी का प्रचार नहीं करूंगा. मुझे हिंदू मुसलमान सब प्यार देते हैं. मैं कभी अपने दुश्मन को भी नहीं नकारता. बीजेपी के लोगों का भी जायज काम करता था. मैं भी इंसान हूं मुझे भी बेइज्जती का एहसास होता है.

पहले चरण के मतदान के लिए 26 मार्च को भाजपा कुंवर सर्वेश सिंह और सपा से एसटी हसन ने नामांकन पत्र दाखिल किया था. उसी दिन शाम होते-होते सपा प्रत्याशी के टिकट कटने की खबर आग की तरह फैल गई.

एसटी हसन का टिकट काटकर बिजनौर से पूर्व विधायक रुचि वीरा को टिकट देने की बात सामने आ गई. जिसके बाद रात में ही कई जगह रुचि वीरा का पुतला फूंका गया. 26 मार्च को ही रुचि वीरा भी मुरादाबाद पहुंच गईं. उन्होंने लोगों के बीच जाकर कहा कि एसटी हसन हमारे भाई हैं टिकट राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दिया है तो कुछ सोच समझकर ही दिया होगा.

कल 27 मार्च को रुचि वीरा ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया और 4 बजे के करीब जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने रुचि वीरा को अधिकृत सपा प्रत्याशी घोषित कर दिया. जिसके बाद आज एसटी हसन ने मीडिया के सामने टिकट कटने का दर्द साझा किया.

सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुझे सपा का प्रत्याशी घोषित किया था. मुझसे ही नॉमिनेशन करने की बात की थी. समय कम होने की वजह से 26 मार्च को ही नॉमिनेशन करा दिया था. लेकिन, नॉमिनेशन के आखिरी दिन पता चला कि एक मोहतरमा ने भी सपा से नॉमिनेशन करा दिया है.

सीधी सी बात है कि किसी दबाव में राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मेरा टिकट कैंसिल करने का लेटर दिया और रुचि वीरा को अधिकृत सपा प्रत्याशी घोषित किया. अखिलेश यादव पर कोई दबाव तो होगा ही मीडिया में भी रिपोर्ट्स हैं. मैं कुछ नहीं कह सकता, जब तक कंफर्म ना हो जाए.

अखिलेश जब आजम खान से जेल मिलने गए, उसके बाद ही खेल पलटा. आजम खान ने मुझे 2019 में टिकट दिलाया था. मैं उनका एहसानमंद हूं. अगर उन्होंने आज टिकट कटवा दिया तो बात बराबर हो गई. मुझे इस बात की नाराजगी रहेगी कि अगर पार्टी को नुकसान होगा तो नाराजगी तो बनती है.

समाजवादी पार्टी का मैं कार्यकर्ता हूं और समाजवादी के लिए ही काम करूंगा. लेकिन, मैं मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी का प्रचार रुचि वीरा के लिए नही करूंगा. उसे प्रत्याशी के साथ खड़ा हो गया तो मेरे समर्थनो के दिल टूट जाएंगे. मेरा लोगों के साथ जज्बाती जुड़ाव है.

हिंदू मुसलमान सब मुझे प्यार देते हैं. मैं कभी अपने दुश्मन को भी नहीं नकारता. टिकट या तो मुझे मिलता नहीं, मिला था तो कटता नहीं. मैं भी इंसान हूं, मुझे भी बेइज्जती का एहसास होता है. सिर्फ दिल को यही कहकर बहलाता हूं कि अब राष्ट्रीय अध्यक्ष की कोई मजबूरियां रही होगी.

ये भी पढ़ेंः सपा में फूट; मुरादाबाद सांसद एसटी हसन बोले- टिकट दिया था तो भरा पर्चा, क्यों वापस लिया पता नहीं

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