ETV Bharat / state

हेल्थ के लिए श्री अन्न है कितना जरुरी, ऐसे बता रहे हैं SSB के जवान - IMPORTANCE OF COARSE GRAINS

मोटा अनाज को बढ़ावा देने का काम केंद्र सरकार कर रही है. सशस्त्र सीमा बल भी पीएम के अभियान में जुट गई है.

SSB soldiers in Giridih told the importance of Coarse grains
मोटे अनाज के फायदे की जानकारी देते हुए (ईटीवी भारत)
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 19, 2024, 12:45 PM IST

Updated : Dec 19, 2024, 1:08 PM IST

गिरिडीहः लुप्त होता श्री अन्न ऊर्फ मोटा अनाज ( मिलेट्स ) की खेती के साथ-साथ इसका सेवन करने के लिए लोगों को जागरूक करने का प्रयास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं. एक के बाद एक कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है और इसका असर भी क्षेत्र में पड़ने लगा है. कई लोग अब मोटा अनाज का सेवन कर रहे हैं. इसी मोटा अनाज को लेकर जागरूकता अभियान 35 वाहिनी सशस्त्र सीमा बल गिरिडीह के द्वारा भी चलाया जा रहा है.

61वें स्थापना दिवस को ध्यान में रखते हुए वाहिनी के द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. पपरवाटांड स्थित कैंप में आयोजित कार्यक्रम में सीसीएल के डिप्टी सीएमओ डॉ. परिमल सिन्हा, महेशलुंडी के मुखिया शिवनाथ साव भी पहुंचे. यहां मुख्य अतिथि डॉ परिमल ने बताया कि मनुष्य को स्वस्थ रहने के लिए मोटे अनाज का सेवन करना बहुत ही जरुरी है. उन्होंने बताया कि मोटा अनाज कैसे मनुष्य के पाचन क्षमता को मजबूत करता है.

संवाददाता अमरनाथ सिन्हा की रिपोर्ट (ईटीवी भारत)
मेस में बन रहा है मोटा अनाज

35वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल के कमान अधिकारी किसलय उपाध्याय द्वारा बताया गया कि श्री अन्न ( मोटा अनाज) का उपयोग वाहिनी के मेस में लगातार किया जा रहा है. वहीं इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है. कहा कि देश के नागरिक मोटे अनाज का उपयोग करके स्वस्थ रह सकते हैं.

मोटे अनाज का सेवन नहीं करना कुपोषण का कारण

यहां कार्यक्रम में मौजूद मुखिया शिवनाथ साव ने कहा कि आज के दिनों में मोटा अनाज यानी मडुआ, ज्वार, बाजरा, मक्का, कोदो, गोंदली जो कभी गरीबों के अनाज के रूप में भी जाना जाता है, वह हमारी थाली से दूर होते जा रहा है. इन अनाज का सेवन नहीं करना ही कुपोषण का बड़ा कारण है. दूसरे देशों द्वारा हमारे देश के मोटा अनाज को मंगवा कर इसका उपयोग दैनिक जीवन के खान पान में कर रहे हैं और लोग निरोग रह रहे हैं. वहीं हम हमलोग फास्ट फूड की दौड़ में बीमारी घर में ला रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः

अरसे बाद खिले अन्नदाताओं के चेहरे, झारखंड में बंपर फसल की बढ़ी उम्मीदें! - Paddy cultivation in Jharkhand

देवघर के इस गांव में होता है केमिकल मुक्त बीजों का इस्तेमाल, फसलों की गुणवत्ता सुधारने के लिए दिया जाएगा प्रशिक्षण - Farmers will be trained in deoghar

गिरिडीहः लुप्त होता श्री अन्न ऊर्फ मोटा अनाज ( मिलेट्स ) की खेती के साथ-साथ इसका सेवन करने के लिए लोगों को जागरूक करने का प्रयास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं. एक के बाद एक कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है और इसका असर भी क्षेत्र में पड़ने लगा है. कई लोग अब मोटा अनाज का सेवन कर रहे हैं. इसी मोटा अनाज को लेकर जागरूकता अभियान 35 वाहिनी सशस्त्र सीमा बल गिरिडीह के द्वारा भी चलाया जा रहा है.

61वें स्थापना दिवस को ध्यान में रखते हुए वाहिनी के द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. पपरवाटांड स्थित कैंप में आयोजित कार्यक्रम में सीसीएल के डिप्टी सीएमओ डॉ. परिमल सिन्हा, महेशलुंडी के मुखिया शिवनाथ साव भी पहुंचे. यहां मुख्य अतिथि डॉ परिमल ने बताया कि मनुष्य को स्वस्थ रहने के लिए मोटे अनाज का सेवन करना बहुत ही जरुरी है. उन्होंने बताया कि मोटा अनाज कैसे मनुष्य के पाचन क्षमता को मजबूत करता है.

संवाददाता अमरनाथ सिन्हा की रिपोर्ट (ईटीवी भारत)
मेस में बन रहा है मोटा अनाज

35वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल के कमान अधिकारी किसलय उपाध्याय द्वारा बताया गया कि श्री अन्न ( मोटा अनाज) का उपयोग वाहिनी के मेस में लगातार किया जा रहा है. वहीं इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है. कहा कि देश के नागरिक मोटे अनाज का उपयोग करके स्वस्थ रह सकते हैं.

मोटे अनाज का सेवन नहीं करना कुपोषण का कारण

यहां कार्यक्रम में मौजूद मुखिया शिवनाथ साव ने कहा कि आज के दिनों में मोटा अनाज यानी मडुआ, ज्वार, बाजरा, मक्का, कोदो, गोंदली जो कभी गरीबों के अनाज के रूप में भी जाना जाता है, वह हमारी थाली से दूर होते जा रहा है. इन अनाज का सेवन नहीं करना ही कुपोषण का बड़ा कारण है. दूसरे देशों द्वारा हमारे देश के मोटा अनाज को मंगवा कर इसका उपयोग दैनिक जीवन के खान पान में कर रहे हैं और लोग निरोग रह रहे हैं. वहीं हम हमलोग फास्ट फूड की दौड़ में बीमारी घर में ला रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः

अरसे बाद खिले अन्नदाताओं के चेहरे, झारखंड में बंपर फसल की बढ़ी उम्मीदें! - Paddy cultivation in Jharkhand

देवघर के इस गांव में होता है केमिकल मुक्त बीजों का इस्तेमाल, फसलों की गुणवत्ता सुधारने के लिए दिया जाएगा प्रशिक्षण - Farmers will be trained in deoghar

Last Updated : Dec 19, 2024, 1:08 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.