पटना: लोकसभा चुनाव से पहले जदयू में एक बार फिर से विवाद देखने को मिल रहा है. इस बार यह विवाद पूर्व प्रवक्ता और प्रदेश अध्यक्ष के बीच चल रहा है. जदयू के पूर्व प्रवक्ता निखिल मंडल ने प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा पर गंभीर आरोप लगाया है.
लिस्ट में निखिल मंडल का नाम नहीं: मिली जानकारी के अनुसार, जदयू ने लोकसभा चुनाव को लेकर प्रवक्ताओं की नई सूची जारी की है. इस नई सूची में निखिल मंडल का नाम नहीं है, जबकि एक दिन पहले पार्टी की ओर से जो सूची तैयार की गई थी उसमें निखिल मंडल का नाम था. इसी बात को लेकर निखिल मंडल पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा पर भड़के हुए हैं. निखिल मंडल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अपनी नाराजगी जताई है.
3 नए प्रवक्ता की सूची जारी: निखिल मंडल ने अपने पोस्ट में लिखा कि कल हमारी पार्टी जद(यू) की चुनाव अभियान समिति की बैठक प्रदेश कार्यालय में हुई. पार्टी के वरिष्ठ नेतागण ने 3 नए प्रवक्ता की सूची जारी की, जिसमें मुझे भी जगह दी गई. यह सूची मीडिया के साथियों को भी भेज दी गई थी. फिर पार्टी ऑफिस से खबर आयी कि प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने लिस्ट रोक दिया है और कल संशोधित लिस्ट जारी की जाएगी. ऐसे में आज जब लिस्ट जारी की गई तो उसमें सभी का नाम यथावत था, सिर्फ मेरा नाम काट दिया गया.
"प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा जी आप गलतफहमी के शिकार हो गए है. ये पार्टी ना आपकी है, ना मेरी है. ये पार्टी सिर्फ और सिर्फ आदरणीय श्री नीतीश कुमार जी की है. जो मेरे राजनीतिक गुरु है और पहले भी उन्होंने ही मुझे प्रवक्ता बनाया था. पिछली कमेटी में मुझे प्रदेश महासचिव आदरणीय श्री नीतीश कुमार जी ने ही बनाया था. राजनीति करनी है तो दिल बड़ा कर कीजिए, ऐसा काम तो बच्चे भी नहीं करते हैं." - निखिल मंडल, पूर्व प्रवक्ता, जद(यू)
'आपकी कृपा से राजनीति में नहीं हूं': उन्होंने लिखा कि ''प्रदेश अध्यक्ष जी, आपकी कृपा से ना राजनीति में नहीं हूं और ना किसी पद पर हूं. 2020 का विधानसभा चुनाव आप भी हारे और मैं भी हारा. आप प्रदेश अध्यक्ष हैं तो आदरणीय नीतीश कुमार जी के आशीर्वाद से, ना कि अपनी काबिलियत से. पार्टी में पिछले 19 साल से कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहा हूं और आदरणीय नीतीश कुमार जी के हाथों को ना सिर्फ मैं बल्कि मेरा पूरा परिवार मजबूत कर रहा है.''
सम्मान से समझौता नहीं: उन्होंने लिखा कि कल से आज तक के घटनाक्रम की सूची डाल रहा हूं, आप खुद ही तय कीजिए कि पार्टी को मजबूत किया जा रहा है या फिर कमजोर. राजनीति में हूं, मेहनत करता हूं, पर सम्मान से समझौता नहीं करता. मेरे रगों में बीपी मंडल साहब का खून दौड़ता है. आगे फैसला हम सबके नेता आदरणीय नीतीश कुमार जी को लेना है कि मेरी भूमिका पार्टी में क्या होगी.