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वरुथिनी एकादशी पर ऐसे करेंगे श्रीहरि की पूजा तो पूरी होगी हर मनोकामना - Varuthini Ekadashi 2024 - VARUTHINI EKADASHI 2024

varuthini ekadashi, varuthini ekadashi vrat katha, varuthini ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी पर श्रीहरि की खास विधि से पूजा करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है. आज के दिन जरूरतमंदों को दान देने का भी विधान है.

Varuthini Ekadashi
वरुथिनी एकादशी (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : May 3, 2024, 11:02 PM IST

Updated : May 4, 2024, 1:10 PM IST

वरुथिनी एकादशी 2024 (ETV Bharat Chhattisgarh)

रायपुर: आज वैशाख कृष्ण पक्ष की एकादशी है. इसे वरुथिनी एकादशी भी कहा जाता है. यह एकादशी भगवान विष्णु की पूजा के लिए बेहद खास माना जाता है. आज के दिन दान का विशेष महत्व होता है. यह एकादशी त्रिपुष्कर योग में मनाई जाती है. पूर्वाभाद्र नक्षत्र बव और बालवकरण के मध्य यह एकादशी संपूर्ण भारत में विशेष रूप से मनाई जाती है. आज के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की खास विधि से पूजा करना शुभ माना गया है.

ऐसे करें पूजा: इस बारे में ईटीवी भारत ने पंडित विनित शर्मा से बातचीत की. उन्होंने बताया कि, "आज के दिन कोई नया काम प्रारंभ करना शुभ माना गया है. आज का दिन व्यापार शुरू करने के लिए सही समय है. वरुथिनी एकादशी के दिन यज्ञ, दान, पूजन का खास महत्व है. आज के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान करना चाहिए. स्नान करने के बाद दान देने का विधान है. गरीबों, जरूरतमंदों को दान करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती है. समस्त एकादशी में वरुथिनी एकादशी का खास महत्व है. श्री हरि विष्णु की पूजा करने पर समस्त तरह की सिद्धियां प्राप्त होती है. आज के दिन ओम नमो भगवते वासुदेवाय, विष्णु सहस्त्रनाम, विष्णु चालीसा, राम रक्षा स्त्रोत, हनुमान चालीसा श्री, राम चालीसा, सुंदरकांड, भागवत गीता का पाठ करना शुभ माना गया है. तिल, अन्न और जल दान आज के दिन करना चाहिए."

आज के दिन रखना चाहिए उपवास: पंडित विनित शर्मा की मानें तो आज के दिन ब्राह्मण को फल, फूल और वस्त्र आदि दान करने का विधान है. आज के दिन एकासना या फिर फलाहार लेकर उपवास रखना चाहिए. भगवान विष्णु का शुद्ध जल से स्नान के बाद पूजा करना चाहिए. अबीर, चंदन, रोली, कुमकुम, रक्त चंदन, पीला चंदन आदि से भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. कुंवारी कन्याओं और नि:संतान दंपत्ति को ये व्रत करना चाहिए.

आज वल्लभाचार्य जयंती: आज कृष्ण पंथ के श्री वल्लभाचार्य जी की जयंती है. श्री वल्लभाचार्य जी ने संपूर्ण जीवन कृष्ण भक्ति में बिताया. वैष्णव संप्रदाय के प्रमुख आदि गुरु के रूप में भी वल्लभाचार्य जी जाने जाते हैं. छत्तीसगढ़ में विशेष रूप से चंपारण में अद्भुत उत्साह उमंग के साथ श्री वल्लभाचार्य जी की जयंती मनाई जाएगी.

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रायपुर: आज वैशाख कृष्ण पक्ष की एकादशी है. इसे वरुथिनी एकादशी भी कहा जाता है. यह एकादशी भगवान विष्णु की पूजा के लिए बेहद खास माना जाता है. आज के दिन दान का विशेष महत्व होता है. यह एकादशी त्रिपुष्कर योग में मनाई जाती है. पूर्वाभाद्र नक्षत्र बव और बालवकरण के मध्य यह एकादशी संपूर्ण भारत में विशेष रूप से मनाई जाती है. आज के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की खास विधि से पूजा करना शुभ माना गया है.

ऐसे करें पूजा: इस बारे में ईटीवी भारत ने पंडित विनित शर्मा से बातचीत की. उन्होंने बताया कि, "आज के दिन कोई नया काम प्रारंभ करना शुभ माना गया है. आज का दिन व्यापार शुरू करने के लिए सही समय है. वरुथिनी एकादशी के दिन यज्ञ, दान, पूजन का खास महत्व है. आज के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान करना चाहिए. स्नान करने के बाद दान देने का विधान है. गरीबों, जरूरतमंदों को दान करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती है. समस्त एकादशी में वरुथिनी एकादशी का खास महत्व है. श्री हरि विष्णु की पूजा करने पर समस्त तरह की सिद्धियां प्राप्त होती है. आज के दिन ओम नमो भगवते वासुदेवाय, विष्णु सहस्त्रनाम, विष्णु चालीसा, राम रक्षा स्त्रोत, हनुमान चालीसा श्री, राम चालीसा, सुंदरकांड, भागवत गीता का पाठ करना शुभ माना गया है. तिल, अन्न और जल दान आज के दिन करना चाहिए."

आज के दिन रखना चाहिए उपवास: पंडित विनित शर्मा की मानें तो आज के दिन ब्राह्मण को फल, फूल और वस्त्र आदि दान करने का विधान है. आज के दिन एकासना या फिर फलाहार लेकर उपवास रखना चाहिए. भगवान विष्णु का शुद्ध जल से स्नान के बाद पूजा करना चाहिए. अबीर, चंदन, रोली, कुमकुम, रक्त चंदन, पीला चंदन आदि से भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. कुंवारी कन्याओं और नि:संतान दंपत्ति को ये व्रत करना चाहिए.

आज वल्लभाचार्य जयंती: आज कृष्ण पंथ के श्री वल्लभाचार्य जी की जयंती है. श्री वल्लभाचार्य जी ने संपूर्ण जीवन कृष्ण भक्ति में बिताया. वैष्णव संप्रदाय के प्रमुख आदि गुरु के रूप में भी वल्लभाचार्य जी जाने जाते हैं. छत्तीसगढ़ में विशेष रूप से चंपारण में अद्भुत उत्साह उमंग के साथ श्री वल्लभाचार्य जी की जयंती मनाई जाएगी.

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Last Updated : May 4, 2024, 1:10 PM IST
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