लखनऊ : कृष्णानगर में कुछ माह पूर्व एक व्यापारी के खाली पड़े प्लॉट में कुछ लोग वकील की वेशभूषा में पहुंचकर एक बोर्ड लगा दिया. पीड़ित थाने पहुंचा लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हो सकी. अब कोर्ट के आदेश पर मकानों और जमीन पर कब्जा करने, मारपीट और अराजकता फैलाने वालों पर कार्रवाई के लिए विशेष जांच प्रकोष्ठ का गठन किया गया है. यह प्रकोष्ठ न सिर्फ ऐसे लोगों पर कार्रवाई करेगा, बल्कि जांच कर इन्हें जेल भी भेजेगा.
सेल पहुंचकर करें शिकायत : संयुक्त पुलिस कमिश्नर कानून व्यवस्था उपेंद्र अग्रवाल ने बताया कि अधिवक्ताओं की वेशभूषा में अराजकता फैलाने वालों पर कार्रवाई करने के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ का गठन किया गया है. इसकी निगरानी वह खुद करेंगे, जिसका कार्यालय डालीगंज स्थित संयुक्त पुलिस आयुक्त के कार्यालय में कमरा नंबर 36 में होगा. यदि कोई वकील की वेशभूषा में किसी व्यक्ति को परेशान करता है, उसकी जमीन या मकान पर कब्जा करता है तो इसकी शिकायत थाने के अलावा प्रकोष्ठ के इस कार्यालय में की जा सकती है.
कॉल कर भी की जा सकती है शिकायत : उपेंद्र अग्रवाल ने बताया कि यदि दबंगों के डर से पीड़ित प्रकोष्ठ कार्यालय तक नहीं भी आता है तो उसके लिए मोबाइल नम्बर 9454400154 व 9454634500 भी जारी किए गए हैं. इस पर वह कब्जा होने की स्थिति या फिर अन्य ऐसे ही लोगों द्वारा अराजकता किए जाने पर कॉल कर सकता है. उन्होंने बताया कि प्रकोष्ठ में एक निरीक्षक समेत 6 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. जेसीपी के मुताबिक, हाईकोर्ट ने कई बार वकीलों की ड्रेस पहनकर अराजकता करने वालों पर अंकुश लगाने के लिए आदेश दिए थे. कोर्ट ने कहा था कि वकील परिसर के बाहर ड्रेस न पहनें.
सभी वकीलों को एक सामान न देखे पुलिस : HC
हालांकि एक रिट की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के न्यायाधीश राजन रॉय व एनके जौहरी ने पुलिस को निर्देश दिए थे कि लखनऊ पुलिस द्वारा बनाए जा रहे इस सेल या फिर कोर्ट द्वारा अराजकतत्वों पर कार्रवाई करने के आदेश का पालन करने के लिए काम करने वाले वकीलों को प्रताड़ित न किया जाए. कोर्ट ने कहा था कि पुलिस को ऐसे लोगों को चिन्हित करना होगा जो गलत इस्तेमाल करते हैं, न की सभी वकीलों को एक समान दृष्टि से देखें. ऐसे में अब पुलिस द्वारा गठित यह विशेष प्रकोष्ठ ऐसे लोगों की चिन्हीकरण में जुट गई है.
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