नई दिल्ली: रणवीर शौरी, मनोज जोशी और हितू कनोडिया अभिनीत एक्सीडेंट ऑर कॉन्स्पिरेसी गोधरा फिल्म की रविवार को कनॉट प्लेस के पीवीआर प्लाजा में स्पेशल स्क्रीनिंग रखी गई थी. इसमें भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा समेत विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों और राजधानी के गणमान्य नागरिकों ने देखी. एमके शिवाक्ष द्वारा निर्देशित यह फिल्म 19 जुलाई को स्क्रीन पर आएगी. स्पेशल स्क्रीनिंग में फिल्म के डायरेक्टर, प्रोड्यूसर समेत कलाकार भी मौजूद थे. इस दौरान उपस्थित लोगों ने गोधरा कांड में मारे गए कारसेवकों को श्रद्धांजलि दी.
![स्पेशल स्क्रीनिंग में मैजूद दर्शक](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/15-07-2024/del-sed-01-vis-dl10010_15072024152442_1507f_1721037282_857.jpg)
इस दौरान फिल्म के प्रोड्यूसर बीजे पुरोहित, निर्देशक एमके शिवाक्ष एवं अभिनेत्री डेनिशा घुमरा मौजूद रहे. इस दौरान निर्देशक एम के शिवाक्ष ने बताया कि फिल्म का इरादा तथ्यों को सीधे लोगों के सामने लाना है. फिल्म 19 जुलाई को रिलीज हो रही है. इस विषय पर फिल्म बनाने के लिए पिछले चार वर्षों में रिसर्च के दौरान हमें जो जानकारी मिली, उसी के आधार पर हमने यह फिल्म बनाई है.
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फिल्म के प्रोड्यूसर बीजे पुरोहित ने कहा कि लोग गोधरा कांड को 2002 में हुए हिन्दू और मुस्लिम दंगे के रूप में जानते हैं. इसके पहले का गोधरा क्या था? ऐसा कौन सा सच है, जिसे गुजरात दंगों तले दबाया गया है? ऐसा करने के पीछे किस तरह की मानसिकता रही होगी और गोधरा कांड की सच्चाई को लोगों के सामने दुर्घटना या त्वरित झगड़ा साबित करके क्या छुपाया जाता हैं? इस कांड में मारे गए 59 लोगों की वेदना को जनमानस तक क्यों नहीं पहुंचने दिया गया? ऐसे तमाम सवालों का जवाब फिल्म में है.
![फिल्म गोधरा का स्पेशल स्क्रीनिंग](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/15-07-2024/del-sed-01-vis-dl10010_15072024152442_1507f_1721037282_255.jpg)
ट्रेन में जिंदा जल गए थे 59 कारसेवकः वहीं, फिल्म देखने के बाद दर्शक एस राहुल ने बताया कि फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे 27 फरवरी 2002 को गोधरा रेलवे स्टेशन के पास साबरमती ट्रेन के एस-6 कोच में दूसरे समुदाय द्वारा आग लगाए जाने के बाद 59 कारसेवकों हिन्दुओं की मौत हो गई. इसमें 10 बच्चे और 27 महिलाएं भी थी. उन्होंने कहा कि यह फिल्म जीवंत और वास्तविक घटना पर आधारित है, जो न्याय के लिए पीड़ितों की जर्नी दिखाती है. गोधरा के जरिए गुजरात में दंगे करना एक बहुत बड़ी साजिश थी. और तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की राज्य सरकार को बदनाम करने की थी.
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