रांची: शहरी क्षेत्र में मतदान प्रतिशत बढ़ाने को लेकर चुनाव आयोग तैयारी में जुटा है. इसी के मद्देनजर 23 फरवरी को राज्यभर के शहरी निकायों के प्रशासकों के साथ मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने बैठक की. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय सभागार में आयोजित इस बैठक में शहरी क्षेत्र में लोकसभा चुनाव की तैयारी की समीक्षा के साथ-साथ मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए विस्तार से चर्चा की गई. इस बैठक में शहरी निकायों के प्रशासक के साथ-साथ नगरीय प्रशासन निदेशालय के निदेशक और शहरी विकास अधिकरण के पदाधिकारी भी मौजूद थे.
मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए प्रशासकों को दी गई विशेष जिम्मेदारी
मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए नगर प्रशासकों को विशेष रूप से जिम्मेदारी देते हुए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने कहा कि मतदान के दिन बूथों पर पेयजल, साफ सफाई, पार्किंग जैसी अन्य सुविधाओं का ख्याल शहरी निकाय के पदाधिकारियों को दी गई है. मतदान केंद्रों पर आने वाले मतदाताओं को किसी तरह की परेशानी ना हो इसका खास ख्याल आने वाले लोकसभा चुनाव के दौरान रखा जाएगा. जिससे शहरी क्षेत्र में बेहिचक लोग घरों से निकलकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें.
आमतौर पर यह देखा जाता है कि ग्रामीण क्षेत्र की अपेक्षा शहरी क्षेत्र में मतदान कम होते हैं. ऐसे में शहरी नगर निकाय के प्रशासकों की सुझाव ली गई है और उन्हें आयोग के द्वारा दिए गए निर्देश से भी अवगत कराया गया है. झारखंड सहित देश के 10 ऐसे राज्य हैं जहां राष्ट्रीय औसत से कम मतदान होते हैं. ऐसे में आयोग आने वाले लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया है.
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार झारखंड के सभी प्रमुख शहरों में मतदान प्रतिशत काफी कम है, जिस वजह से राष्ट्रीय औसत से कुछ अंकों से झारखंड पीछे है. ऐसे में शहरी निकायों खासकर नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायत के मतदाताओं के सुविधा को लेकर मतदान केंद्रों पर सभी बुनियादी सुविधा मुहैया कराने में सहयोग करने की अपील की गई है.
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